बिहार: भाई ने सुनायी बहन के हत्या की दास्तां, इस कारण लोगों ने मार डाला
मुजफ्फरपुर में एक 17 साल की छात्रा की लोगों ने हत्या कर दी और उसका शव जला दिया। उसकी हत्या इसलिए की गई क्योंकि गांव में बेटियों को मैट्रिक के बाद पढने की इजाजत नहीं और वो पढ़ती थी।
पटना, जेेएनएन। मुजफ्फरपुर के सनपुरा गांव में सात लोगों ने मिलकर एक 17 साल की लड़की की हत्या कर शव को पेड़ से लटका दिया और फिर भाई पर दबाव डालकर शव का दाह-संस्कार करवा दिया। भाई ने मोतीपुर थाने में अपनी बहन की हत्या की एफआइआर दर्ज कराते हुए खुलासा किया कि छात्रा की हत्या इसलिए कर दी गई, क्योंकि उसने गांव की मध्यकालीन परंपरा के खिलाफ मैट्रिक के बाद भी पढ़ाई जारी रखी थी। उस गांव में लड़कियों को मैट्रिक से आगे पढ़ाई करने की इजाजत नहीं है।
मृतका के भाई बबन राय ने बहन की हत्या का खुलासा करते हुए पुलिस को जो जानकारी दी वो काफी चौंकाने वाली है। उसने बताया कि सात लोगों ने मिलकर बहन की हत्या की है और हत्या के आरोपित पप्पू कुमार और राजन राय स्कूल के प्राचार्य को मोबाइल पर छात्रा को नहीं पढ़ाने को लेकर अक्सर धमकाते थे।
बबन राय ने हत्या की प्राथमिकी दर्ज करते हुए पुलिस को बताया कि शुक्रवार की रात को मैं अपनी बड़ी बहन के ससुराल से लौट रहा था कि मेरे मोबाइल पर फोन आया कि मेरी छोटी बहन आशा की मौत हो गई है और उसका दाह-संस्कार करना है, जल्दी आओ। जब मैं घर पहुंचा तो मेरी बहन का शव कमरे में पडा़ था। आशा के मुंह में कपड़ा ठूंसा गया था। मेरी बहन की गला घोंटकर हत्या कर उसे खुदकुशी का रूप देने के लिए शव को पेड़ में लटका दिया गया था।
30 मार्च की सुबह शव को उतारकर चुपके से घर में रख दिया गया था। बहन के शव का दाह-संस्कार करने के लिए मुझे पकड़कर जबर्दस्ती सभी आरोपी श्मशान घाट ले गए और मेरी आंखों के सामने बहन को जला दिया गया। शव को जलाने के बाद मुझे मेरे घर में बंद कर दिया गया और धमकी दी गई कि थाने में गए तो जान से मार डालेंगे।
रविवार की शाम उनलोगों की चंगुल से बचकर मैं थाना पहुंचा और पुलिस को जानकारी दी। वहीं डीएसपी के एम प्रसाद ने कहा कि आशा के भाई बबन राय ने एफआइआर दर्ज करायी है और सात में से चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। डीएसपी ने बताया कि आरोपी उसे धमकी दिया करते थे कि अगर वो अपनी बहन को पढ़ने के लिए स्कूल भेजेगा तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार रहे। उसकी टीचर भी उसे पढ़ाना नहीं चाहती थी।
गांव के ही एक व्यक्ति ने बताया कि गांव में लोग लड़कियों को मैट्रिक के बाद पढ़ने नहीं देना चाहते हैं। इस हत्या की वजह यही है कि आशा मैट्रिक के बाद पढ़ने जाती थी। उसने बताया कि आशा और आरोपी एक ही जाति के हैं। वे लगातार आशा की पढ़ाई पर रोक लगाने की धमकी दिया करते थे।