चुनौतियों से कम नहीं गोदाम से पीडीएस दुकानों तक राशन लाना
कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे गरीबों तक सरकारी राशन पहुंचाने में शासन के साथ दुकानदारों के लिए भी चुनौती है।
पटना। कोरोना के संक्रमण से जूझ रहे गरीबों तक सरकारी राशन पहुंचाने में शासन के साथ प्रशासन के भी पसीने छूट रहे हैं। खाद्य निगम के गोदामों में तो पर्याप्त अनाज है, लेकिन गोदाम से जनवितरण प्रणाली (पीडीएस) की दुकानों और फिर उपभोक्ताओं तक राशन पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है। अप्रैल माह के राशन के साथ ही प्रधानमंत्री कल्याण योजना का राशन वितरण का फरमान तो जारी कर दिया गया, लेकिन जिले के बमुश्किल एक चौथाई दुकानों तक ही अनाज पहुंच सका है। इधर सरकारी आदेश होते ही दुकानों पर उपभोक्ताओं की भीड़ उमड़ने लगी है।
जिले में नौ लाख 539 उपभोक्ताओं को हर महीने पीडीएस की दुकानों से राशन मुहैया कराया जाता है। इनमें से एक लाख 20 हजार 698 उपभोक्ता अंत्योदय योजना के और सात लाख 79 हजार 841 प्रायॉरिटी हाउस होल्ड योजना के हैं। प्रधानमंत्री कल्याण योजना के तहत अतिरिक्त खाद्यान्न भी उपभोक्ताओं को पीडीएस दुकानों से ही मिलना है। सामान्य दिनों में प्रति माह 85,476 क्विटल गेहूं और 1,28,213 क्विटल चावल गोदाम से पीडीएस दुकानों में पहुंचाया जाता था।
दीघा गोदाम के बंद होने से बढ़ गई पीडीएस दुकानदारों की परेशानी : पटना के नगर निगम एवं नगर परिषद क्षेत्र के लिए पिछले माह तक तीन गोदामों से राशन के उठाव की व्यवस्था थी। निर्माणाधीन फोरलेन में पड़ने के कारण दीघा गोदाम को बंद कर दिया गया। दीघा गोदाम से वार्ड एक से 11 और 22क, 22ख और 22ग के पीडीएस दुकानदारों के लिए राशन का उठाव होता था। दूसरा गोदाम मुसल्लहपुर हाट बाजार समिति में है। यहां से वार्ड 12 से 49 तक के पीडीएस दुकानदार को राशन मिलता है। तीसरे गोदाम बाजार समिति मारूफगंज से वार्ड 50 से 72 तक के दुकानदार अनाज उठाते हैं। दीघा गोदाम से उठाव करने वाले दुकानदारों के लिए फुलवारीशरीफ प्रखंड के छोटे से गोदाम से उठाव की व्यवस्था तो की गई है, पर वहां पर्याप्त साधन मौजूद नहीं है।
जीपीएस युक्त मालवाहक वाहनों की है कमी : संकट की इस घड़ी में जीपीएस युक्त मालवाहक वाहनों की समस्या भी बड़ी है। सामान्य दिनों में प्रति माह 10 से 25 तारीख के बीच गोदाम से राशन उठाया जाता है। अभी आननफानन में, वो भी लगभग दोगुना अनाज उठाव करने का दबाव है। ऐसे में परिवहन की समस्या उत्पन्न हो रही है। बिना जीपीएस वाले वाहन से खाद्यान्न पहुंचाने में कालाबाजारी की आशंका होगी।
डिस्टेंसिग और रिकॉर्ड मेंटेन करने की चुनौती: प्रशासन के स्तर से डिस्टेंसिग और रिकॉर्ड रखने की पूरी जवाबदेही डीलरों के जिम्मे है। फेयर प्राइस डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वरूण कुमार का कहना है कि कोरोना के खतरे में भी उपभोक्ताओं के अंगूठे का निशान लेने का निर्देश सरकार के स्तर से दिया गया है। इससे संक्रमण का खतरा तो है ही एक उपभोक्ता पर प्रक्रिया पूरे होने में दस से पंद्रह मिनट का समय लगता है। इससे भीड़ हो जा रही है और शारीरिक दूरी का भी पालन नहीं हो पा रहा है।
प्रखंडों में भी खाली झोली ले लौट रहे हैं गरीब : जिले के अमूमन सभी प्रखंडों की तस्वीर एक सी है। राशन की उम्मीद ले गरीब दुकानों तक पहुंच तो रहे हैं, लेकिन लौट खाली झोली लेकर ही रहे हैं।
नौबतपुर में अभी मासिक वाला अनाज ही आया है। मुफ्त में मिलने वाला चावल का उठाव नही हो पाया है। एमओ ने बताया कि प्रति यूनिट मुफ्त में मिलने वाला चावल का उठाव दो दिनों बाद से शुरू होगा।
फतुहा में अभी गोदाम से डीलरों द्वारा मुफ्त राशन का उठाव नही किया गया। प्रखंड स्तर पर निगरानी टीम बनाई गई है, जिसकी देखरेख में अनाज वितरण किया जाना है। वितरण में करीब एक सप्ताह समय और लगेगा।
धनरुआ प्रखंड में अनाज का उठाव तीन दिनों में शुरू होगा। अभी तो अप्रैल माह का ही वितरण प्रखंड के गांवों में नही हुआ है।
मनेर प्रखंड आपूíत पदाधिकारी रेणु कुमारी के अनुसार, अभी मुफ्त के अनाज का उठाव नहीं हुआ है। बाढ़ प्रखंड विकास पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिन्हा के अनुसार, अभी मुफ्त राशन का वितरण शुरू नहीं हुआ है। पंडारक प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमारी पूजा ने कहा कि मुफ्त राशन का वितरण शुरू हो गया है। बिहटा प्रखण्ड आपूíत पदाधिकारी झुन्नू मल्लिक ने बताया कि 15 अप्रैल से राहत वाले राशन का उठाव होगा। वाहन की समस्या के कारण थोड़ा विलंब हो रहा है। अथमलगोला में मुखिया और सरपंच की निगरानी में शारीरिक दूरी बनाते हुए राशन का वितरण किया जा रहा है। पुनपुन प्रखंड में 15 तारीख को जनवितरण प्रणाली दुकान से अनाज का वितरण किया जाएगा। बेलछी की बीडीओ गायत्री देवी के अनुसार अभी मुफ्त राशन वितरण शुरू नहीं हुआ है।