शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन ने कहा- हमारी यही इच्छा थी, ताउम्र यादगार रहेगा ये कोरोना
Bihar news कोरोना वायरस को लेकर लॉकडाउन के खुलने के बाद मंदिरों के कपाट सोमवार को खुल गए हैं। बक्सर जिले के एक मंदिर में हुई शादी के बाद दूल्हा-दुल्हन खुश नजर आए।
बक्सर, जेएनएन। सोमवार को जिला प्रशासन के निर्देश पर मंदिरों के कपाट खुलने के आदेश के साथ ही मांगलिक कार्यो की प्रक्रिया शुरू हो गई। कोरोना संक्रमण को लेकर पूरे देश में जारी लॉकडाउन की समाप्ति के बाद बचे-खुचे मुहूर्त में लोग सादगी के साथ शादी विवाह की प्रक्रिया शुरू कर दिए हैं। नगर के जंगली शिव मंदिर प्रांगण में सोमवार को वर-कन्या की शादी महज एक घंटे के अंदर संपन्न हो गई। दूल्हा-दुल्हन दोनों खुश होकर घर गए।
सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखते हुए इस शादी में न बैंडबाजा था न घोड़ी पर सवार होकर दूल्हा आया नाही ही दुल्हन डोली पर सवार हुई। शादी में दूल्हे के साथ पांच बराती और दुल्हन पक्ष से कुछ ही लोग शामिल हुए। दुल्हा-दुल्हन की जोड़ी ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर, मुंह पर मास्क और हाथों में सैनिटाइजर लगाकर अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए।
शादी सम्पन्न होने के बाद दूल्हा सरोज कुमार और दुल्हन सुनीता ने बताया कि जिंदगी का यह सफर हमेशा यादगार रहेगा। वर पक्ष मड़वा (चिलहरी) गांव का निवासी है और दुल्हन पक्ष ओड़ा राजपुर का निवासी है। दोनों के स्वजन लॉकडाउन को लेकर शादी की तिथि टालने की मूड में थे, लेकिन दूल्हा-दुल्हन ने तय समय पर ही शादी करने का प्रस्ताव दिया।
लॉकडाउन समाप्त होने के बाद जब मंदिरों के कपाट सोमवार को खुल गए तो दुल्हा-दुल्हन और दोनों परिवारों की रजामंदी से पूरी सादगीपूर्ण तरीके से विवाह के रस्मों को पूरा किया गया। धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ दोनों जोड़े शादी के बंधन में बंध गए।
ढाई महीने बाद सोमवार को मंदिर खुलते ही श्रद्धालु दर्शन-पूजन को पहुंचने लगे। हालांकि, कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई एहतियात भी बरते जा रहे हैं। वहीं, मंदिर की परिक्रमा व मंदिर परिसर में भीड़ लगाने पर रोक लगाई गई है। मंदिर परिसर में आने से पूर्व श्रद्धालुओं के हाथ को सैनिटाइज किया जा रहा है।