17 अंकों से पता चल जाएगा बिहार में जमीन का नेचर, जानें Unique ID के नंबरों का राज
बिहार में जमीन के हरेक प्लाॅट (Plot) की अपनी पहचान होगी। अपना पता होगा। यूनिक आइडी होगा। कंप्यूटर में आप वह आइडी दर्ज करेंगे। पलक झपकते ही अापको सारा डिटेल्स मिल जाएगा।
पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार में जमीन के हरेक प्लाॅट (Plot) की अपनी पहचान होगी। अपना पता होगा। यूनिक आइडी (Unique ID) होगा। कंप्यूटर (Computer) में आप वह आइडी (ID) दर्ज करेंगे। पलक झपकते ही प्लाॅट का सारा ब्योरा मिल जाएगा। यानी वह सरकारी है या गैर-सरकारी। उस पर खेती हो रही है या मकान है। कल-कारखाने खुले हुए हैं। क्या स्वामित्व विवाद का कोई मुकदमा चल रहा है। यह उत्तर प्रदेश (Utter Pradesh) के पैटर्न (Pattern) पर हो रहा है। फर्क यह है कि यूपी में यूनिक आइडी 16 अंकों (16 Digits) की है, जबकि बिहार में 17 अंकों (17 Digits) की होगी।
15 मार्च तक राय देने की डेडलाइन
करीब साल भर की मशक्कत के बाद राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग इस आइडिया पर आम लोगों की राय ले रहा है। विभाग के भू अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय के निदेशक जय सिंह ने शुक्रवार को बताया कि 15 मार्च तक लोग अपनी राय दे सकते हैं। इसके लिए मोबाइल नम्बर के अलावा ई मेल आइडी जारी किए गए हैं। उनके मुताबिक अखबारों में नोटिस के जरिए सूचना प्रकाशित हो रही है।
यूनिक आइडी के अंकों से मिल जाएगी जानकारी
आम लोगों की राय जानने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा। निदेशक के मुताबिक 17 अंकों की यूनिक आइडी में पहला छह अंक राजस्व ग्राम के लिए है। उसके बाद का तीन अंक आरटी नम्बर (राजस्व थाना नं0)के लिए, तीन अंक बटा नम्बर वाले आरटी नम्बर के लिए और आखिर का पांच अंक खेसरा नंबर को प्रदर्शित करेगा।
कहते हैं विभागीय मंत्री
इस योजना के लागू होने पर जमीन के मामले में पारदर्शिता आएगी। भष्ट्राचार पर अंकुश लगेगा। प्लॉट की खरीद-बिक्री के समय खरीददार उस प्लॉट का इतिहास, भूगोल पता कर सकता है। जमीन पर अगर कोई विवाद है या उससे संबंधित कोई मुकदमा किसी अदालत में चल रहा है तो उसकी जानकारी भी क्रेता को मिल जाएगी। जमीन की कितनी बार खरीद बिक्री हुई है, इसकी जानकारी भी मिल जाएगी।
- रामनारायण मंडल, राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री
कहते हैं अधिकारी
बिहार के यूनिक आइडी में सरकारी जमीन चार श्रेणी में बंटेंगी-गैरमजरूआ आम, गैरमजरूआ खास, कैसरे हिन्द एवं खास महाल। रैयती जमीन की भी कई किस्में होंगी। जैसे- रैयती, बंदोबस्त, जिरात, बकास्त आदि। उसी तरह दो अंकों में जमीन का वर्गीकरण दर्ज होगा जिसमें कृषि, परती, आवासीय, व्यवसायिक, औद्योगिक एवं अन्य प्रकार शामिल है। इसमें में भी कई वर्गीकरण समाहित होंगे जैसे- कृषि में लगान के मुताबिक एक फसला, दो फसला, भीठ आदि।
- विवेक कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग