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मार्मिक दास्तां: अब कोलकाता में धड़केगा रोहित का दिल, पटना में अपनों को तलाशेंगी आंखें

सड़क दुर्घटना के बाद ब्रेन डेड युवक रोहित ने पांच लोगों को नया जीवन दिया है। उसका दिल अब कोलकाता में धड़केगाआंखें पटना में दो लोगों को रौशनी देंगी लिवर किसी और को किडनी भी...

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 18 Mar 2020 03:49 PM (IST)Updated: Thu, 19 Mar 2020 01:13 PM (IST)
मार्मिक दास्तां: अब कोलकाता में धड़केगा रोहित का दिल, पटना में अपनों को तलाशेंगी आंखें

पटना [नलिनी रंजन]। कुछ लोग मरकर अमर हो जाते हैं, एेसा ही था रोहित जो मरकर भी अब  पांच  लोगों में जिंदा रहेगा। मुजफ्फरपुर में बीते सात मार्च को सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल होने के बाद ब्रेन डेड घोषित 17 वर्षीय रोहित ब्रेन डेड घोषित होने के बाद पांच लोगों को नई 'जिंदगी' दे गया।

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अब उसका दिल कोलकाता में 40 वर्षीय युवक के शरीर में धड़केगा तो लिवर रांची और किडनी फुलवारी के व्यक्ति को नया जीवन देगी। उसकी दो आंखें भी दो लोगों को रोशनी देंगी जिन्हें फिलहाल सुरक्षित रखा गया है। पहली बार राज्य में किसी मरीज का लिवर प्रत्यारोपण हुआ है। 

बुधवार को इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (आइजीआइएमएस) में रोहित के अंगों के प्रत्यारोपण की प्रक्रिया पूरी की गई। नेशनल ऑर्गन टिश्यू ट्रांसप्लांट यूनिट (नोटो), नई दिल्ली को सूचना देने के बाद अपोलो दिल्ली के डॉक्टर सुभाष कुमार गुप्ता के निर्देशन में चार सदस्यीय टीम सहयोग को मौजूद रही। 

सबसे पहले दो बजे रोहित का हृदय निकालकर कोलकाता भेजा गया। इसके लिए ग्रीन कॉरिडोर बनाया गया ताकि ससमय अंग अस्पताल से एयरपोर्ट भेजा जा सके।

इसके बाद लिवर निकाला गया जिसे दिल्ली से एयर एंबुलेंस से पहुंचे मरीज में प्रत्यारोपित करने की प्रक्रिया देर रात तक जारी रही। मरीज मूल रूप से रांची का है जो पिछले कई दिनों से दिल्ली के अस्पताल में भर्ती था।

इसके बाद किडनी निकाल फुलवारीशरीफ के 47 वर्षीय व्यक्ति में प्रत्यारोपित की गई।

रोहित की आंखें दो अलग-अलग मरीजों में प्रत्यारोपित की जाएंगी। कॉर्निया को आई बैंक में सुरक्षित रखा गया है। गुरुवार को दो लोगों में इसका प्रत्यारोपण होगा। 

कहा डॉक्टर ने-लिवर प्रत्यारोपण बड़ी उपलब्धि 

आइजीआइएमएस में ब्रेन डेड मरीज के पांच अंग प्रत्यारोपण के लिए निकाले गए हैं। हृदय कोलकाता भेजा गया है, जबकि लिवर व किडनी का प्रत्यारोपण अस्पताल में ही किया गया। पहली बार राज्य के किसी अस्पताल में लिवर का प्रत्यारोपण हुआ है। 

- डॉ. मनीष मंडल, चिकित्सा अधीक्षक, आइजीआइएमएस


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