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प्रधानाध्यापक पद के लिए 31 मई को परीक्षा लेगा बीपीएससी, प्रधान शिक्षक के लिए संभावित है यह डेट

बिहार लोकसेवा आयोग उच्‍च माध्‍यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्‍यापक पद के लिए 31 मई को परीक्षा लेगा। यह परीक्षा एक पाली में दोपहर 12 से दो बजे तक होगी। इसमे निगेट‍िव मार्किंग होगा। एक गलत उत्‍तर पर .25 अंक कट जाएंगे।

By Vyas ChandraEdited By: Published: Sat, 14 May 2022 12:19 PM (IST)Updated: Sat, 14 May 2022 12:19 PM (IST)
प्रधानाध्यापक पद के लिए 31 मई को परीक्षा लेगा बीपीएससी, प्रधान शिक्षक के लिए संभावित है यह डेट
बीपीएससी लेगा प्रधानाध्‍यापक पद की परीक्षा। सांकेतिक तस्‍वीर

पटना, जागरण संवाददाता। बिहार लोक सेवा आयोग (Bihar Public Service Commission) ने उच्च माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक के रिक्त पदों के लिए 31 मई को लिखित परीक्षा लेने का निर्णय लिया है। परीक्षा दोपहर 12:00 बजे से 2:00 बजे तक एकल पाली में आयोजित होगी। परीक्षा में सामान्य ज्ञान से 150 प्रश्न होंगे। गलत उत्तर देेने पर 0.25 अंक काटे जाएंगे। सही जवाब पर एक अंक दिए जाएंगे।

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प्रधान शिक्षक पद के लिए 20 तक कर सकेंगे आवेदन 

आयोग के संयुक्त सचिव सह परीक्षा नियंत्रक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान शिक्षक के रिक्त पदों के लिए प्रतियोगिता परीक्षा 25 जून को संभावित है। इसके लिए आवेदन 20 मई तक आनलाइन स्वीकार किए जा जाएंगे। आवेदन में त्रुटि होने पर सुधार 23 मई तक किया जा सकता है। 

  • एक पाली में 12 से दो बजे तक होगी परीक्षा 
  • गलत उत्‍तरपर काटे जाएंगे अंक 
  • प्रधान शिक्षक की परीक्षा 25 जून को होने की संभावना 

मध्याह्न भोजन नहीं बांटने पर नपेंगे प्रधानाध्यापक

राज्य के जिन प्रारंभिक विद्यालयों में बच्चों के बीच समय से मिड-डे मील (मध्याह्न भोजन) का वितरण नहीं होगा, इसके लिए संबंधित प्रधानाध्यापकों पर सख्त कार्रवाई होगी। इस संबंध में शिक्षा विभाग ने जांच में जवाबदेही तय कर दोषियों के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई करने का आदेश दिया है।

योजना का शत-प्रतिशत लाभ पहुंचे बच्‍चों तक 

शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह के समक्ष मध्याह्न भोजन योजना के क्रियान्वयन से संबंधित प्रेजेंटेशन दिया गया। उन्होंने योजना के क्रियान्वयन की निगरानी बढ़ाने का निर्देश दिया। कहा कि योजना का शत-प्रतिशत लाभ बच्चों तक पहुंचे, यह सुनिश्चित की जाए। किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हो, इस पर जिले के संबंधित पदाधिकारी लगातार नजर रखें। बता दें कि मौजूदा समय में 70,333 प्रारंभिक विद्यालयों में यह योजना लागू है। इस योजना के दायरे में एक करोड़ 19 लाख बच्चे हैं। उन्हें भोजन मुहैया कराने हेतु दो लाख 17 हजार रसोइये कार्यरत हैं। 


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