नालंदा खुला विश्वविद्यालय में एडमिशन के साल भर बाद भी नहीं मिलीं किताबें, कुलपति बोले- अब नहीं होगी देर
बिहार की इकलौती ओपेन यूनिवर्सिटी का हाल बहुत बुरा है। इतना कि यहां दूरस्थ शिक्षा के लिए अनुमति बंद होने की नौबत है। नालंदा खुला विश्वविद्यालय (एनओयू) में वर्ष 2020 में विभिन्न कोर्स में नामांकन लिए छात्रों को स्टडी मैटेरियल उपलब्ध नहीं हो पाया है।
पटना, जागरण संवाददाता। बिहार की इकलौती ओपेन यूनिवर्सिटी का हाल बहुत बुरा है। इतना कि यहां दूरस्थ शिक्षा के लिए अनुमति बंद होने की नौबत है। नालंदा खुला विश्वविद्यालय (एनओयू) में वर्ष 2020 में विभिन्न कोर्स में नामांकन लिए छात्रों को स्टडी मैटेरियल उपलब्ध नहीं हो पाया है। छात्रों ने अध्ययन सामग्री के लिए नामांकन के समय ही पैसा जमा करा दिया था। अध्ययन सामग्री समय पर नहीं मिलने के कारण पूरा एक साल बेकार चला गया। इसके चलते विवि भी परीक्षा की तिथि घोषित नहीं कर पा रहा है। इन हालात में एनओयू का शैक्षणिक सत्र भी काफी विलंब चल रहा है। आपको बता दें कि मानकों को नहीं पूरा करने की वजह से एनओयू में दूरस्थ शिक्षा के लिए अनुमति अगले कुछ सत्रों के लिए शर्तों के साथ दी गई है।
अभी 2019 वालों को ही दी जा रही किताबें
बिहार विद्यापीठ स्टडी सेंटर पर स्टडी मैटेरियल लेने पहुंचीं सुमन, रंजू, अमन आदि ने बताया कि वर्ष 2020 में ही नामांकन लिया है। अभी तक किताबें नहीं मिली हैं। वहीं सेंटर के कर्मचारियों ने बताया कि यहां वर्ष 2019 वाले को ही किताबें दी गई है। 2020 वालों का स्टडी मैटेरियल अब तक नहीं मिला है।
2020 में लगभग 19 हजार छात्र-छात्राएं हुए नामांकित
दो-तीन वर्ष पहले तक नालंदा खुला विवि में नामांकन की गहमा-गहमी रहती थी। लेकिन शैक्षणिक सत्र के विलंब से चलने तथा स्टडी मैटेरियल समय पर नहीं मिलने की वजह से अब कम छात्र पहुंच रहे है। वर्ष 2018 में यहां लगभग 40-45 हजार अभ्यर्थी नामांकन कराएं थे। वर्ष 2020 में लगभग 18-19 हजार से आसपास है।
कुलपति ने कहा- 10 से 15 दिनों में दूर हो जाएगी समस्या
नालंदा खुला विवि, पटना के प्रभारी कुलपति प्रो. हनुमान प्रसाद पांडेय ने कहा कि छात्रों को स्टडी मैटेरियल जल्द देने की कवायद की जा रही है। मैटेरियल प्रिंटिंग का आदेश दिया जा चुका है। उम्मीद है कि 10-15 दिनों में छात्र-छात्राओं के पास स्टडी मैटेरियल पहुंच जाएगा। इसके बाद परीक्षा तिथि निर्धारित कर दी जाएगी।