स्मृति पर्व पर लोकगीतों की बही फुहार
मिथिला संस्कृति विकास समिति की ओर से विद्यापति स्मृति पर्व पर आतिथ्य हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रम।
- मिथिला संस्कृति विकास समिति की ओर से विद्यापति स्मृति पर्व पर आतिथ्य हॉल में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति
पटना। मिथिला संस्कृति विकास समिति की ओर से राजीव नगर स्थित आतिथ्यशाला में दो दिवसीय विद्यापति स्मृति पर्व समारोह के मौके पर लोक गीतों की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम का उद्घाटन लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण मंत्री विनोद नारायण झा, विधायक डॉ. संजीव चौरसिया, बिहार विधान परिषद के सदस्य देवेश चंद्र ठाकुर, संस्था के अध्यक्ष अजय कुमार मिश्र ने दीप प्रज्वलन कर किया।
लोकगीतों से सराबोर हुआ परिसर - आतिथ्य हॉल की रूप-रेखा बदली-बदली सी लग रही थी। हॉल के अंदर मंच पर कवि विद्यापति का चित्र था तो दूसरी ओर मिथिला लोक साहित्य से जुड़ी पुस्तकों के स्टॉल सजे थे। जहां पर पाठकों की भीड़ लगी थी। जैसे-जैसे कार्यक्रम आगे की ओर बढ़ रहा था लोक गीतों की प्रस्तुति कलाकारों द्वारा की जा रही थी। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यापति रचित गीत जय-जय भैरवि असुर भयाउनि गीत से हुआ। दिल्ली से आई लोक गायिका जूली झा ने 'छोड़ू-छोड़ू सैंया भोर भअ गेलय'. गाकर श्रोताओं को झूमने पर विवश कर दिया। सलोनी मल्लिक ने आजू नाथ एक व्रत महासुख लागल हे आदि गीतों पर नृत्य कर सभा में चार चांद लगा दिया। बबीता झा, बबली कुमारी, राजनीति रंजन, नवोदित मल्लिक, अमर आनंद, श्वेता रानी, ज्योति रानी आदि कलाकारों ने अपने गीतों की प्रस्तुति से लोगों को दिल जीता। गीतों पर संगत करते हुए ढोलक पर जीवानंद झा, नाल पर दीपक ठाकुर, बैंजों पर राजकुमार, आर्गन पर मनीष कुमार और पैड पर रजनीश कुमार आदि मौजूद थे। मौके पर समिति के अध्यक्ष अजय कुमार मिश्र, महासचिव लाल टूना झा, सचिव संजीव कुमार झा, संयुक्त सचिव माया नंद झा, संगठन सचिव सुशील कुमार राय, कोषाध्यक्ष प्रवीण कुमार पाठक आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।