बम डिफ्यूज से दहला इलाका, क्या होता अगर महाबोधि मंदिर में होता ब्लास्ट
महाबोधि मंदिर परिसर से बरामद बमों को डिफ्यूज कर दिया गया। डिफ्यूज करने से बड़ा धमाका हुआ। अगर ये दोनों बम मंदिर परिसर में फट जाते तो बड़ी तबाही मच सकती थी।
पटना [जेएनएन]। बोधगया के महाबोधि मंदिर परिसर से बरामद बम फट जाते तो भारी तबाही मच सकती थी। एनआइए और एनएसजी जांच के आरंभिक चरण में कुछ ऐसे क्लू मिले हैं, जिससे पता चलता है कि विस्फोटकों को महाबोधी मंदिर परिसर के समीप प्लांट करने के पीछे आतंकी संगठन का हाथ हो सकता है।
500 वर्गमीटर तक था दायरा
बरामद एक विस्फोटक की क्षमता सौ स्क्वायर मीटर तथा दूसरे की क्षमता तीन सौ से लेकर पांच सौ मीटर के दायरे में भारी तबाही मचाने की थी। महाबोधी मंदिर के गेट नंबर-4 से बरामद विस्फोटक की क्षमता सौ मीटर के दायरे में तथा श्रीलंका मॉनेस्टरी के समीप से बरामद विस्फोटक से तीन सौ से पांच सौ मीटर के दायरे में तबाही मच सकती थी।
हालांकि दोनों ही विस्फोटकों का वजन दस-दस किलोग्राम बताया जाता है। अमोनियम नाइट्रेट होने के प्रमाण मिले हैं, जिसमें डेटोनेटर लगे थे। एनआइए और एनएसजी के विस्फोटक विशेषज्ञों ने रविवार को बरामद विस्फोटकों के एक्स-रे इमेज का विश्लेषण किया है।
एक्स-रे इमेज से पता चलता है कि विस्फोटकों में डेटोनेटर और तार लगाए गए थे, जिसे रिमोट कंट्रोल से विस्फोट करने की साजिश थी। विशेषज्ञों की मानें तो इस तरह के विस्फोटकों का इस्तेमाल नक्सली संगठन नहीं करते। यानी बोधगया मंदिर के समीप विस्फोटक प्लांट करने की साजिश किसी आतंकी संगठन द्वारा रची गई है।
केमिकल जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि एक्स-रे इमेज में दिखने वाला विस्फोटक वास्तव में अमोनियम नाइट्रेट है या कुछ और केमिकल हैं। एक्स-रे इमेज के विश्लेषण में यह भी पता चला है कि इसमें टाइमर नहीं लगाए गए थे। इस तरह के विस्फोटकों को रिमोट कंट्रोल से विस्फोट किया जा सकता है।
15 सदस्यीय टीम कर रही है जांच
राज्य के अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) संजीव कुमार सिंघल ने बताया कि एनआइए की पांच तथा एनएसजी की दस सदस्यीय टीम ने बोधगया पहुंचकर जांच शुरू कर दी है।
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बोधगया से मिले तीन लावारिश बैग से केवल दो ही बम बरामद हुए हैं। तीसरे बैग में केवल कपड़े रखे मिले हैं। सिंघल ने यह भी बताया कि विस्फोटकों की केमिकल रिपोर्ट आने में दो-तीन दिन का समय लग सकता है। फिलहाल सभी विस्फोटकों को निष्क्रिय कर दिया गया है।