Patna Civil Court Blast: पटना सिविल कोर्ट में बम ब्लास्ट, कदमकुआं दारोगा समते चार घायल
Bomb Blast In Civil Court पटना सिविल कोर्ट परिसर में शुक्रवार दोपहर बम ब्लास्ट से अफरातफरी मच गई। पटेल छात्रावास से बरामद बम को प्रादर्श के लिए लाया गया था। ब्लास्ट में कदमकुआं के दारोगा व सिपाही जख्मी हो गए।
जागरण संवाददाता, पटना : पटना सिविल कोर्ट के जिला अभियोजन कार्यालय में शुक्रवार दोपहर तेज आवाज के साथ बम विस्फोट कर गया, जिसमें कदमकुआं दारोगा उमाशंकर राय, अभियोजन पदाधिकारी नीलम समेत चार लोग जख्मी हो गए। उमाशंकर राय के दाहिने हाथ पर जख्म हो गया। वहीं, महिला पदाधिकारी समेत अभियोजन के कार्यालय के दो अन्य कर्मियों को कान से सुनाई नहीं दे रहा है। घटना के बाद कार्यालय में धुंआ भर गया। वहां एक और बम रखा था, जिससे परिसर में अफरातफरी मच गई। सूचना पर बम निरोधक दस्ता पहुंचा और पूरे कार्यालय की घेराबंदी कर दी गई। इसके बाद एटीएस (आतंक निरोधक दस्ता) के जवान पहुंचे और बम को पानी में डालकर निष्क्रिय किया।
घटनास्थल का मुआयना करने के बाद एसएसपी डा. मानवजीत ङ्क्षसह ढिल्लों ने बताया कि पटेल छात्रावास से बम बनाने का सामान और बारूद जब्त किया गया था। बारूद एक स्टील के डिब्बे में रखा था, जिसमें गर्मी के कारण रसायनिक परिवर्तन हुआ और वो विस्फोट कर गया। इसमें दारोगा जख्मी हो गए, जिन्हें उपचार के बाद घर भेज दिया गया। कानूनी प्रक्रिया के तहत कदमकुआं थाने के दारोगा विस्फोटक को फोरेंसिक जांच में भेजने के लिए अदालत से प्रदर्श की अनुमति लेने आए थे। इसी दौरान विस्फोट हुआ। एसएसपी ने कहा कि दारोगा के अलावा और कोई घायल नहीं हैं।
क्लर्क की कुर्सी पर रखा था झोला, लुढ़का बम
पटना विश्वविद्यालय के पटेल हास्टल से 25 जून की रात में छापेमारी के दौरान दो स्टील के डिब्बों में लगभग तैयार बम और सात खाली डिब्बे व अन्य आपत्तिजनक सामग्री बरामद की गई थी। इस बाबत कदमकुआं थानाध्यक्ष विमलेंदु कुमार के बयान पर अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया, जिसका अनुसंधानकर्ता दारोगा उमाशंकर राय को बनाया गया था। अनुसंधानकर्ता कानूनी प्रावधान के तहत शुक्रवार दोपहर लगभग 2:00 बजे बरामद विस्फोटक व अन्य सामग्री को झोले में लेकर अभियोजन कार्यालय पहुंचे। उन्होंने झोला क्लर्क की कुर्सी पर रखा और हाथ में डायरी लेकर पन्ना पलटने लगे। तभी झोले से एक बम ढुलक कर कुर्सी से नीचे गिरा और स्टील की अलमारी से टकरा गया। इसके बाद जोरदार धमाका हुआ। अभियोजन कार्यालय से सटे कोर्ट हाजत के प्रभारी राजेंद्र राम समेत अन्य सुरक्षाकर्मी दौड़े और अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला।
(स्टील के डब्बे में रखा गया बारूद)
पीरबहोर थाने में दर्ज की गई प्राथमिकी
सुरक्षाकर्मियों को जब मालूम हुआ कि अंदर और विस्फोटक पड़े हैं तो लोगों को कार्यालय के प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई। प्रभारी जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश (एक) सत्येंद्र पांडेय भी घटनास्थल पर पहुंचे और पूछताछ की। इस बाबत जिला अभियोजन पदाधिकारी अंजय कुमार सिन्हा के बयान पर पीरबहोर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
क्या है प्रविधान
पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता सुरेश कुमार गुप्ता ने बताया कि प्रविधान के तहत विस्फोटक पदार्थ को बरामद करने के बाद निष्क्रिय कर कोर्ट में साक्ष्य के तौर पेश करना होता है। संबंधित न्यायाधीश के समझ पहचान के बाद उसके नमूने को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा जाता है। अवशेष को मालखाना में रखा जाता है, ताकि ट्रायल के समय उसे प्रदर्श के रूप पेश किया जा सके। इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। वह विस्फोटक को निष्क्रिय किए बगैर कोर्ट परिसर में लेकर आए।