आफत की बारिश : तीन दिनों से नरक बना पटना, सड़कों पर नाव तो घरों से अस्पतालों तक पानी, राज्य में 29 लोगों की मौत
पटना सहित बिहार में भारी बारिश से जन-जीवन बुरी तरह प्रभावित है। पटना का हाल काफी बुरा है। CM ने कहा है कि आफत की इस घड़ी में लोग हिम्मत से काम लें। राज्य में 29 मौतें हो गईं हैं।
पटना [जागरण टीम]। बिहार में बीते 60 घंटे से लगताार आफत की बारिश हो रही है। इस कारण कई इलाके जलमग्न हो गए हैं। इसका असर जन-जीवन पर पड़ा है। सड़क, रेल व वायु यातायात प्रभावित हुए हैं। बिहार में अब तक बाढ़ और बारिश के कारण 29 लोगों की जानें चलीं गई। उधर, गंगा समेत सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं। इस कारण पीछे से बाढ़ भी आती दिख रही है। पटना की बात करें तो करीब 45 साल बाद ऐसा जल-जमाव देखने को मिला है। इसने 1975 की बाढ़ की याद दिला दी है, जब पटना डूब गया था। सड़काें पर नाव चल रही है और लोग घरों के घरों तथा अस्पतालों तक में पानी घुस गया है।
दक्षिण उत्तर प्रदेश और उत्तरी मध्य प्रदेश के ऊपर साइक्लोनिक सर्कुलेशन तथा बंगाल की खाड़ी से झारखंड और गंगा के इलाके में कम दबाव का क्षेत्र बन जाने के कारण पूरे बिहार में भारी बारिश हो रही है। इसका असर पटना पर भी पड़ा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसी स्थिति 30 सितंबर तक रहेगी। हालांकि, पटना के लिए राहत की बात यह है कि रविवार से 48 घटे के रेड अलर्ट में अभी तक भारी बारिश नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री ने कहा- हिम्मत से काम लेंं लोग
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार को हाई लेवल बैठक कर स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा है कि प्रभावित इलाकों में आवश्यक चीजों की कमी नहीं होने दी जाएगी। उन्होंने माना कि हालात खराब हैं, लेकिन लोग हिम्मत व संयम से काम लें। मुख्यमंत्री ने बिहार की जनता से भावुक अपील की। उन्होंने कहा कि भारी बारिश से प्रदेश की जनता को काफी परेशानी हो रही है, इसे हम महसूस कर सकते हैं। लोग हिम्मत से काम लें। हौसला को बुलंद रखें। उन्होंने कहा कि मौसम वैज्ञानिक भी सही आकलन नहीं कर पा रहे हैं। सरकार पानी में फंसे लोगों को निकालने के इंतजाम में लगी है। उनके लिए पानी-दूध की व्यवस्था कर रही है। कम्युनिटी किचेन, रिलीफ कैंप आदि का इंतजाम किया जा रहा है।
जगह-जगह जल-जमाव, घरों में घुसा पानी
पटना में रविवार रात से 48 घंटे के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि, बीती रात से अभी तक भारी बारिश नहीं हुई है। इसके पहले शनिवार को 177 मिमी बारिश हुई। इसने बीते तीन सितंबर 2013 की 158 मिमी बारिश के रिकार्ड को तोड़ दिया।
पटना में शुक्रवार रात से ही बारिश के कारण भारी जल-जमाव के हालात हो गए हैं। सैकड़ों घरों में पानी घुस गया है। पटना के राजेंद्रनगर, कंकड़बाग, लंगर टोली, बहादुरपुर, गर्दनीबाग, सरिस्ताबाद, चांदमारी रोड, पोस्टल पार्क, इंदिरानगर, संजय नगर, अशोक नगर, बोरिंग रोड, पाटलिपुत्र कॉलोनी, श्रीकृष्णापुरी, राजीवनगर, रामकृष्णानगर, संदलपुर, दीघा व कुर्जी आदि इलाकों में जगह-जगह जल-जमाव हो गया है। हालत यह हो गई है कि कई जगह जिला प्रशासन की ओर से नौका परिचालन किया जा रहा है। प्रभावित इलाकों में राहत समग्री (चूड़ा-गुड़) का वितरण किया जा रहा है।
मंत्रियों के आवास में भी पानी
पटना में रहने वाले मंत्रियों के घरों में भी पानी घुस गया है। राजेंद्र नगर स्थित राज्य के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी और नागेश्वर कॉलोनी स्थित भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी के घरों में दो से तीन फीट तक बारिश का पानी घुस गया है। नेताजी मार्ग स्थित नंदकिशोर यादव, मंत्री प्रेम कुमार आदि के सरकारी आवास भी पानी में डूबे हैं। शिक्षा मंत्री कृष्ण नंदन वर्मा, विधान परिषद के कार्यकारी सभापति हारुण रशीद तथा परिवहन मंत्री संतोष निराला के घर में भी पानी है। नगर विकास मंत्री सुरेश शर्मा, जिनपर नगर की साफ-सफाई, जन-निकासी और विकास की जिम्मेदारी है, के घर में भी पानी घुस गया है।
बेली रोड की एक लेन बंद
बारिश के कारण बेली रोड की एक लेन बंद कर दी गई है। हड़ताली मोड़ से आगे दानापुर की तरफ जाने वाली गाडिय़ों को ललित भवन के सामने से राजभवन होते हुए आगे भेजा जा रहा है। ललित भवन के पास राम मनोहर लोहिया चक्रपथ के तहत भूमिगत रास्ते का निर्माण हो रहा है। सड़क धंसने की आशंका को देखते हुए एहतियातन एक लेन बंद कर दी गई है। पिछले वर्ष यहां सड़क धंस गयी थी। पुल निर्माण निगम के अभियंताओं का कहना है कि किसी तरह का खतरा नहीं लेना है, लेकिन बारिश ज्यादा होने के कारण निर्माण स्थल पर पानी का दबाव है।
चिकित्सा व्यवस्था पर पड़ा असर
जल-जमाव के कारण पटना में चिकित्सा व्यवस्था पर असर पड़ा है। पटना मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (पीएमसीएच) में पानी भर गया है। अस्पताल के मेडिसिन वार्ड तक में पानी घुसा हुआ है। यही हाल पटना के दूसरे बड़े अस्पताल नालंदा मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (एनएमसीएच) का भी है। वहां वार्ड में पानी भर गया है। मरीजों का इलाज उसी हालत में हो रहा है। इस कारण अस्पतालों में डॉक्टरों व अन्य स्वास्थ्यकर्मियों के मरीजों तक पहुंचने में भी परेशानी हो रही है।
ट्रेनों व बसों के परिचालन प्रभावित
भारी बारिश व पटना जंक्शन पर ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है। रविवार को पटना जंक्शन के रेल ट्रैक पर पानी आ जाने के कारण ट्रेनों का परिचालन प्रभावित रहा। ट्रैक पर पानी जमा होने के कारण शनिवार को भी अधिकांश ट्रेनों को जंक्शन के पहले बिहटा, दानापुर, आरा, बक्सर, रघुनाथपुर, बिहियां आदि स्टेशनों पर रोककर रखना पड़ा। ट्रेनों के विलंब से चलने के कारण यात्रियों को काफी फजीहत का सामना करना पड़ा। पार्किंग परिसर में जलजमाव रहने से यात्रियों को अपनी गाड़ी तक जाने में परेशानी हुई। स्टेशन के बाहर भी कल से डेढ़ फीट से दो फीट तक पानी जमा है। आज भी ऐसे ही हालात हैं।
पटना के मीठापुर बस स्टैंड पर जल-जमाव के कारण बसों के परिचालन पर भी असर पड़ा है। यात्रियों को बसों से यात्रा करने में परेशानी हो रही है। कई रूट पर बसें बंद हैं।
विमान परिचालन पर भी पड़ा असर
पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर विमानों का परिचालन अब सामान्य है। हालांकि, शनिवार देर शाम परिचालन बुरी तरह लड़खड़ा गया था। ऐहतियात के तौर पर तीन विमानों को वाराणसी अथवा लखनऊ डायवर्ट किया गया। विमानों के डायवर्ट होने से यात्री बिफर पड़े और एयरपोर्ट परिसर में ही हंगामा करने लगे।