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बिहार उपचुनाव: मुस्लिम-यादव समीकरण में सेंध लगा राजद को मात देगी भाजपा?

बिहार उपचुनाव में भाजपा जीत का समीकरण गढऩे में जुट गई है। कोशिश राजद के वोट बैंक मुस्लिम-यादव समीकरण में सेंध लगाने की है। भाजपा की रणनीति पर डालते हैं एक नजर।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 25 Feb 2018 08:51 AM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2018 08:28 PM (IST)
बिहार उपचुनाव: मुस्लिम-यादव समीकरण में सेंध लगा राजद को मात देगी भाजपा?

पटना [रमण शुक्ला]। बिहार में तीन सीटों पर 11 मार्च को होने वाले उपचुनाव के लिए भाजपा चाक चौबंद जीत का समीकरण गढऩे में जुट गई है। नामांकन के दौरान ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सामाजिक समीकरण के आधार पर उपस्थिति दर्ज कराकर मतदाताओं के बीच संदेश देने का प्रयास किया।

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दरअसल, भाजपा बिहार उप चुनाव को मिशन 2019 का सेमीफाइल मानकर चुनावी जंग को फतह करने के लिए तमाम कील-कांटे को निकालने में जुट गई है। महत्वपूर्ण यह है बिहार भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय ने स्वयं अररिया लोकसभा सीट की कमान संभाल रखी है। नित्यानंद के साथ पार्टी के प्रदेश सह संगठन महामंत्री शिवनारायण महतो के साथ क्षेत्रीय विधायक और विधान पार्षदों ने भी पार्टी प्रत्याशी प्रदीप सिंह की जीत सुनिश्चित करने में ताकत झोंक दी है।

बिहार भाजपा अध्यक्ष की कोशिश राजद के वोट बैंक मुस्लिम-यादव के समीकरण में सेंध लगाने की है। भाजपा के प्रदेश महामंत्री और सीमांचल के प्रभारी राधा मोहन शर्मा बताते है कि पार्टी अब बूथ मैनेजमेंट और कार्यकर्ताओं के समन्वय की तैयारी में जुटी है। अब पंचायत से लेकर शक्ति केंद्रों और बूथ प्रभारियों और कार्यकर्ताओं की बारी है। सूत्र बताते हैं कि राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के चेहरा और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन के भी होली बाद मैदान में उतरने की चर्चा है।

अररिया की 5 विधानसभा सीटों पर राजग का कब्जा

अररिया लोकसभा क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें हैं, जिनमें 5 पर एनडीए काबिज है। वहीं, एक सीट कांग्रेस के पास है। सीट पर पिछले दो दशकों में हुई 5 लोकसभा चुनावों में 3 बार भाजपा तो दो बार राजद का इस सीट पर कब्जा रहा। महत्वपूर्ण यह है कि बिहार में हुए इन लोकसभा चुनावों में पार्टियों का समीकरण भी बदला हुआ है।

मंगल पांडेय की प्रतिष्ठा दांव पर

भभुआ विधानसभा सीट को लेकर स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की प्रतिष्ठा दांव पर है। पार्टी में चर्चा है कि भभुआ से भले ही रिंकी रानी पांडेय चुनाव मैदान में प्रत्याशी है कि लेकिन चुनाव प्रचार अभियान की कमान मंगल पांडेय संभाल रहे हैं। यही वजह है कि रिंकी के नामांकन के दिन भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ स्वयं मौजूद थे।

रिंकी रानी पांडेय को टिकट दिलाने के पीछे भी मंगल पांडेय का तर्क था कि क्षेत्र की जनता में पांच वर्ष के लिए दिवंगत पूर्व विधायक आनंद भूषण पांडेय उर्फ मंटू पांडेय को चुना था। भाजपा की प्रदेश उपाध्यक्ष निवेदिता सिंह बताती हैं कि भभुआ सीट पर मंगल पांडेय के कुशल चुनाव प्रबंधन से पार्टी की जीत सुनिश्चित है।

इसी तरह जहानाबाद सीट पर भले जदयू प्रत्याशी अभिराम शर्मा चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन भाजपा कई दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. सीपी ठाकुर अभिराम की राह के कील कांटों को निकालने के लिए मशक्कत कर रहे हैं।


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