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भाजपा नेता भूपेंद्र यादव ने कहा-इस चुनाव के बाद राजद की दुकान बंद हो जाएगी

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव ने विपक्ष पर तंज कसा है साथ ही उन्होंने राजद पर निशाना साधते हुए कहा है कि इस चुनाव के बाद राजद की दुकान बंद हो जाएगी।

By Kajal KumariEdited By: Published: Wed, 24 Apr 2019 02:26 PM (IST)Updated: Wed, 24 Apr 2019 02:26 PM (IST)
भाजपा नेता भूपेंद्र यादव ने कहा-इस चुनाव के बाद राजद की दुकान बंद हो जाएगी
भाजपा नेता भूपेंद्र यादव ने कहा-इस चुनाव के बाद राजद की दुकान बंद हो जाएगी

पटना [सुभाष पांडेय]। भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने तीन दौर का चुनाव खत्म होने के बाद कहा है कि अब उनका विश्वास और बढ़ गया है कि वह बिहार के साथ-साथ केंद्र में भी भाजपा की और मजबूत स्थिति का दावा करते हैं।

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प्रस्तुत है बिहार भाजपा के प्रभारी भूपेंद्र यादव से दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता की बातचीत के प्रमुख अंश----

प्रश्न-विधानसभा चुनाव के वक्त भी आप बिहार भाजपा के प्रभारी थे। आज भी आप इसी भूमिका में हैं। तब और अब में क्या फर्क महसूस करते हैं?

उत्तर-विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा चार दलों के गठबंधन में चुनाव लड़ी थी। इस बार लोकसभा का चुनाव भी तीन दलों से गठबंधन करके लड़ रहे हैं। रामविलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी से तब भी गठबंधन था और आज भी है। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड हमारे साथ है।

जदयू से भाजपा का आजमाया हुआ रिश्ता है। नीतीश कुमार के साथ मिलकर हमने बिहार से लालू-राबड़ी के नेतृत्व में कुशासन और भ्रष्ट आचरण की सरकार का अंत कर प्रदेश में सुशासन स्थापित किया।

प्रश्न-राज्य में लोकसभा चुनाव के तीन चरणों का मतदान हो चुका है। अभी तक के हालात में आपका क्या आकलन है?

उत्तर-राजग एक मजबूत गठबंधन के साथ चुनाव में है। सुशासन के साथ राजग पूरे तालमेल के साथ चुनाव प्रचार में उतरा है। इसके परिणाम भी सकारात्मक दिखाई पड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों में विश्वास दिखाई दे रहा है। मुझे पूरा भरोसा है कि राजग प्रदेश की 40 की 40 सीटें जीतने में कामयाब होगा। कहीं

कोई चूक रह गई तो भले ही एक आध सीट गंवा दें।

प्रश्न-क्या लालू यादव के चुनाव मैदान में नहीं होने से आप लोगों की राह आसान हो गई है?

उत्तर-सजा होने के कारण लालू यादव भले ही चुनाव अभियान में शामिल नहीं हैं, लेकिन उनकी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल मैदान में है। राजद की विभाजनकारी नीतियों, वंशवादी स्वरूप, भ्रष्टाचार और सुशासन के विरुद्ध आचरण के कारण बिहार की जनता से पूरी तरह नकारने का मन बना चुकी है।

प्रश्न-महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर लंबे समय तक घमासान हुआ। क्या आपको लगता है कि इसके विपरीत राजग में सीटों का बंटवारा सही हुआ है?

उत्तर-राजग में न केवल सीटों का बंटवारा आपसी तालमेल से हुआ है, बल्कि हमारा कैंपेन भी अच्छा चल रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बड़ी-बड़ी सभाएं हो रही हैं। नीतीश, सुशील मोदी और रामविलास पासवान की संयुक्त चुनावी रैलियां हो रही हैं। प्रधानमंत्री की सभाओं में सभी नेता साथ रहते हैं। केंद्र और राज्य सरकार की

सफल नीतियों के कारण चुनाव अभियान भी हमारा सफलतापूर्वक चल रहा है।

प्रश्न- सामाजिक और जातीय संतुलन बनाने में कहीं कोई चूक तो नहीं रह गई?

उत्तर-राजग का सीट बंटवारा व्यापक औरसर्वसमाज को ध्यान में रखकर किया गया है। सबका साथ सबका विकास के मूलमंत्र को ध्यान में रखकर ही हम राजनीतिक फैसले लेते हैं। यही वजह है कि पांच वर्षों में भाजपा ने विस्तार किया है। पांच राज्यों से बढ़कर 15 राज्यों में हमारी सरकार है।

जम्मू-कश्मीर तक में हमने सरकार बनाने में कामयाबी हासिल की। क्षेत्रीय और समाज के हर वर्ग में अमीर-गरीब, किसान-मजदूर, बुद्धिजीवी- प्रोफेशनल हर तबके में पार्टी ने अपनी पैठ बनाई-बढ़ाई है। इस सबके बावजूद भाजपा हमेशा सहयोगी दलों को साथ लेकर चलती रही है। 2014 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को अकेले पूर्ण बहुमत मिला, लेकिन सरकार सहयोगी दलों के साथ मिलकर चलाई।

प्रश्न- राजद का भविष्य किस रूप में देखते हैं?

उत्तर-इस चुनाव के बाद राजद की दुकान बंद हो जाएगी क्योंकि यह पार्टी न तो कोई जनांदोलन का स्वरूप है और न ही कोई मकसद लेकर चल रही है। यह शुद्ध रूप से पारिवारिक संपत्ति को लेकर लड़ने वाले भाइयों और बहनों की कहानी भर है। इसमें जनता कहीं नहीं है। मुझे तो आश्चर्य होता है कि ये कैसे स्वयंभू लोग हैं जो खुद

को अर्जुन और कृष्ण की संज्ञा दे देते हैं।

जिस कृष्ण और अर्जुन को समझने के लिए संतों महात्माओं ने हजारों साल से अपने जीवन न्योछावर कर दिए। यह कोई परिपक्व राजनीतिक लोगों की पार्टी नहीं बल्कि अहंकारी लोगों की कहानी है।

प्रश्न-राजद का आरोप है कि भाजपा आरक्षण को समाप्त करना चाहती है?

उत्तर-राजद को आरक्षण से कोई लेना-देना नहीं है। परिवार को आरक्षण का लाभ मिलता रहे बस यही उसकी चिंता रहती है। आरक्षण को लेकर अगर वह गंभीर होती तो राज्यसभा में जब पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जे का सवाल आया तो पहली बार कांग्रेस के साथ मिलकर इसने विधेयक को गिराने का काम किया और दूसरी बार मौन रहकर इसका विरोध किया।

प्रश्न- उपेंद्र कुशवाहा आपसे अलग क्यों हो गए?

उत्तर-उनकी पार्टी बिखर गई। दोनों सांसद और दो विधायक छोड़कर चले गए। फिर भी हमने पांच साल तक उन्हें केंद्र सरकार में मंत्री बनाए रखा। पिछड़े वर्गों के लिए उन्होंने जो-जो सवाल उठाए हमने पूरे किए। मेरा तो मानना है कि उन्होंने धोखा देने और विश्वासघात करने का काम किया है।

प्रश्न-बिहार में कांग्रेस का भविष्य कैसा है?

उत्तर-कांग्रेस ने राज्य में अपना जनाधार पूरी तरह से खो दिया है। शुरू में 12 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात हुई। फिर लालू प्रसाद ने नौ सीटें दीं। उसमें भी दो सीटें पटना साहिब से शत्रुघ्न सिन्हा और कटिहार से तारिक अनवर को आउटसोर्स किया। पार्टी के प्रमुख नेता परिवार के लिए दूसरे दल से टिकट लेकर मैदान में हैं।

यह कांग्रेस-राजद-भाकपा माले का गठबंधन है। जो कांग्रेस केरल में कम्युनिस्टों से लड़ने की बात कह रही है वह बिहार में राजद के रास्ते भाकपा माले के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। यह कांग्रेस के विरोधाभाषी चरित्र को

परिभाषित करता है।

प्रश्न-राजद का आरोप है कि भारतीय जनता पार्टी संविधान को नष्ट करने पर तुली है, इस बारे में आप क्या कहना चाहेंगे?

उत्तर-जो पार्टी खुद अपने संविधान से नहीं चल रही है वह देश का संविधान बचाने की बात क्या करेगी। इस पार्टी का एक ही सिद्धांत है- न खेलेंगे, न खेलने देंगे बल्कि खेल को बिगाड़ेंगे।


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