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बीपीएससी में आरक्षित सीटों से अधिक चुने गए संबंधित वर्ग के अभ्‍यर्थी, सुशील मोदी ने किया दावा

सुशील मोदी ने कहा कि आरक्षित वर्ग की कोई हकमारी नहीं हुई है बल्कि 710 आरक्षित सीट के अलावा उन्हें 152 अतिरिक्त सीटों पर नियुक्ति मिली है। राजद देश की एकमात्र पार्टी है जिसने केंद्र सरकार द्वारा सवर्णों को दिए गए आरक्षण का संसद में विरोध किया था।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 13 Jun 2021 07:19 PM (IST)Updated: Sun, 13 Jun 2021 07:19 PM (IST)
भाजपा के सांसद सुशील कुमार मोदी। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। बिहार लोक सेवा आयोग की ओर हाल में जारी 60वीं संयुक्‍त प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्‍ट जारी करने के बाद आरक्षण के विवाद पर भाजपा सांसद सुशील मोदी ने राजद को करारा जवाब दिया है। राजद नेता तेजस्‍वी ने कहा था कि बीपीएससी की परीक्षा में आरक्षण के प्रावधान को मजाक बना दिया गया, जिससे आरक्षित वर्गों के उम्‍मीदवारों को इसका सही लाभ नहीं मिला। इसका जवाब सुशील मोदी ने आंकड़ों के आधार पर दिया है। उन्‍होंने कहा है कि 15 वर्षों के एनडीए के शासनकाल में एससी, एसटी, ओबीसी के सामाजिक, शैक्षणिक सशक्तीकरण के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई गर्इं। आज उसी की बदौलत बीपीएससी की परीक्षा में आरक्षित श्रेणी के 152 अभ्यर्थी अपनी मेरिट से अनारक्षित श्रेणी में उत्तीर्ण हुए हैं।

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भाजपा को सीख देने वाले नहीं जानते आरक्षण का क, ख, ग

सुशील मोदी ने कहा कि अनारक्षित श्रेणी से चयनित होने वाले ऐसे अभ्यर्थियों में पिछड़ा वर्ग के 130, अति पिछड़ा वर्ग के 18, एससी के तीन और एसटी से एक हैं। भाजपा को सीख देने वाले राजद को तो आरक्षण के क, ख, ग...का भी ज्ञान नहीं है। राजद ने तो अपने शासनकाल में 23 वर्षों बाद हुए पंचायत चुनाव में एससी, एसटी और ओबीसी को आरक्षण से वंचित कर दिया था।

आरक्षित वर्ग की नहीं हुई है कोई हकमारी

बीपीएससी के हाल में आए परिणाम से यह स्पष्ट है कि आरक्षित वर्ग की कोई हकमारी नहीं हुई है, बल्कि 710 आरक्षित सीट के अलावा उन्हें 152 अतिरिक्त सीटों पर नियुक्ति मिली है। राजद देश की एकमात्र पार्टी है, जिसने केंद्र सरकार द्वारा सवर्णों को दिए गए आरक्षण का संसद में विरोध किया था।

कुल 862 पदों पर सफल हुए आरक्षित वर्ग के अभ्‍यर्थी

उन्होंने कहा कि काफी वर्षों बाद बीपीएससी के 1465 पदों की नियुक्ति में आरक्षित श्रेणी में ईबीसी के 270, एससी के 248, बीसी के 133, एसटी के 10 व बीसी महिला के 49 यानी कुल 710 पदों के अतिरिक्त 152 छात्रों को सामान्य श्रेणी में मिली सफलता वाकई बड़ी उपलब्धि है।


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