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सुशील मोदी बोले-राहुल गांधी को न सत्य से मतलब न अहिंसा से; 'गांधी' का करते हैं राजनीतिक इस्तेमाल

सुशील मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर विपक्ष को नसीहत दी है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी आड़े हाथ लिया है। मोदी ने कहा है कि देश ने दिल्ली में हिंसा का तांडव देखा लेकिन राहुल गांधी ने न हिंसा और तोडफोड़ की निंदा की।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 28 Jan 2021 11:18 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jan 2021 11:18 AM (IST)
सुशील मोदी बोले-राहुल गांधी को न सत्य से मतलब न अहिंसा से; 'गांधी' का करते हैं राजनीतिक इस्तेमाल
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना: पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बुधवार को ट्वीट कर विपक्ष को नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान जिस तरह से उत्पाती भीड़ ने हिंसा, तोडफ़ोड़ और राष्ट्रीय झंडे के अपमान का दुस्साहस किया, उससे इस संदेह की पुष्टि हुई कि किसान आंदोलन को  वामपंथी, खालिस्तानी और टुकड़े-टुकडे गैंग ने पूरी तरह हाईजैक कर लिया है। राज्यसभा सदस्य मोदी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी आड़े हाथ लिया है। 

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राहुल ने क्यों नहीं की हिंसा की निंदा?

सुशील मोदी ने लिखा पूरे देश ने दिल्ली में हिंसा का तांडव देखा, लेकिन राहुल गांधी ने न हिंसा और तोडफ़ोड़ की निंदा की, न आंदोलन स्थगित करने की अपील की। राहुल गांधी ने उल्टे हमला कराने का आरोप सरकार पर लगा कर एक बार फिर साबित किया कि उन्हेंं न सत्य से मतलब है, न अहिंसा से, वे केवल 'गांधी' सरनेम का राजनीतिक इस्तेमाल करते हैं।

राजद को रद करनी चाहिए मानव शृंखला

आगे लिखा गणतंत्र दिवस की गरिमा को चोट पहुंचाने वाली घटना के बाद राजद को बिहार में 30 जनवरी को प्रस्तावित मानव शृंखला रद कर देनी चाहिए। किसान नेताओं को भी पहली फरवरी का संसद मार्च रद कर सरकार के प्रस्तावों पर वार्ता शुरू करनी चाहिए।

टैक्टर को टैंक की तरह इस्तेमाल किया गया

ट्वीट में मोदी ने लिखा, पंजाब के संपन्न बिचौलियों ने किसान आंदोलन के नाम पर न केवल सरकार के सभी प्रस्ताव ठुकरा कर गतिरोध और तनाव बनाए रखा, बल्कि देश विरोधी ताकतों से साठगांठ कर भारतीय गणतंत्र के प्रतीक लाल किले पर हमला किया। टैक्टर को टैंक की तरह इस्तेमाल किया गया, तलवारें लहरायी गईं और शांतिपूर्वक प्रदर्शन की शर्तें तोड़ कर पुलिस पर हमले किए गए। 80 से ज्यादा पुलिसकर्मी जख्मी हुए। हमें गणतंत्र की रक्षा के लिए जान जोखिम में डालने वाले पुलिसकॢमयों पर गर्व करना चाहिए। क्या राहुल गांधी गंभीर रूप से जख्मी जवानों का हाल पूछने जाएंगे? 


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