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बिहार में और अधिक मजबूत हो गई भाजपा, लोकसभा चुनाव में 100 परसेंट रहा स्‍ट्राइक रेट

बिहार में अधिसंख्‍य प्रत्याशी बहुत बड़े अंतर से जीते। 96 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा आगे रही। 23.61 प्रतिशत वोट किया हासिल।

By Rajesh ThakurEdited By: Published: Wed, 29 May 2019 07:27 PM (IST)Updated: Wed, 29 May 2019 10:14 PM (IST)
बिहार में और अधिक मजबूत हो गई भाजपा, लोकसभा चुनाव में 100 परसेंट रहा स्‍ट्राइक रेट
बिहार में और अधिक मजबूत हो गई भाजपा, लोकसभा चुनाव में 100 परसेंट रहा स्‍ट्राइक रेट

पटना [एसए शाद]। भाजपा ने बिहार में इस लोकसभा चुनाव में पिछली बार के मुकाबले अधिक सीटें जीती हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में जहां इसने 22 सीटें हासिल की थीं, वहीं इस बार इसने 17 पर अपनी जीत दर्ज की है। लेकिन पिछली बार के स्ट्राइक रेट और मतों के अंदर को देख स्पष्ट है कि भाजपा ने प्रदेश में जमीनी स्तर पर अपनी पकड़ पहले से अधिक मजबूत की है। 

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पार्टी ने पिछली बार 30 उम्मीदवार मैदान मे उतारे थे, जिसमें से केवल 22 ने जीत दर्ज की थी। दूसरे शब्दों में इसका स्ट्राइक रेट 73.33 प्रतिशत रहा था, जबकि इस लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मात्र 17 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए थे और सभी ने जीत दर्ज की। इस बार पार्टी ने शत-प्रतिशत स्ट्राइक रेट दर्शाया। वहीं, इससे भी अधिक अहम बात यह रही कि अधिसंख्‍य प्रत्याशी बहुत बड़े अंतर से जीते। भाजपा के तीन प्रत्याशियों ने तो चार लाख से अधिक मतों के अंतर से अपने प्रतिद्वंदी को पराजित किया। 

मधुबनी में सबसे बड़े अंतर से जीत

भाजपा की सबसे बड़ी जीत मधुबनी में देखी गई। वहां भाजपा के अशोक कुमार यादव ने अपने निकट प्रतिद्वंदी को करीब 4.55 लाख वोटों के अंतर से शिकस्त दी। दूसरी बड़ी जीत बेगूसराय में हासिल की, जहां भाजपा के गिरिराज सिंह को करीब 4.23 लाख वोटों की जीत मिली। जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के यहां चुनाव लडऩे के कारण यह हाई-प्रोफाइल सीट थी और लड़ाई कांटे की मानी जा रही थी, मगर कन्हैया कुमार को गिरिराज सिंह के 6.92 लाख के मुकाबले सिर्फ 2.69 लाख ही वोट मिले। चार लाख से अधिक अंतर से जीत वाली तीसरी सीट मुजफ्फरपुर की थी, जहां भाजपा को मार्जिन करीब 4.23 लाख वोटों की रिकाॅर्ड की गई। एनडीए के किसी अन्य घटक दल-जदयू या लोजपा ने इतने बड़े अंतर से अपने विरोधी को नहीं हराया।

जदयू से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में बनाई बढ़त

भाजपा और जदयू ने 17-17 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए थे। जदयू को भाजपा से एक कम यानी 16 सीटों पर जीत मिली। इसने 96 विधानसभा क्षेत्रों में अपनी बढ़त बनाने में कामयाबी हासिल की, जबकि जदयू 92 विधानसभा सीटों पर आगे रहा। जदयू ने तीन लाख से अधिक मतों का मार्जिन तीन सीटों पर हासिल किया, जबकि भाजपा इस मामले में चार सीटों पर आगे रही।   

मुकेश सहनी को अपनों का ही वोट नहीं मिला

जिन तीन सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों ने चार लाख से अधिक मतों का अंतर रिकार्ड कराया, उनमें से दो- मुजफ्फरपुर और मधुबनी, पर मुकाबले में मुकेश सहनी की पार्टी के उम्मीदवार थे। इन दोनों ही सीटों पर निषाद समुदाय की बड़ी संख्या रहने के बावजूद मुकेश सहनी इन्हें आकर्षित नहीं कर सके। खुद मुकेश सहनी खगडिय़ा सीट पर लोजपा के चौधरी महबूब अली कैसर से करीब 2.49 लाख वोटों से हारे। एनडीए में लोजपा के छह में से पांच उम्मीदवारों ने दो लाख से अधिक मतों के अंतर से जीत दर्ज की, जबकि जदयू और भाजपा 10-10 सीटों पर दो लाख से अधिक वोटों का अंतर दर्ज कराया। 


कितनी सीटों पर चार लाख से अधिक का अंतर

भाजपा ----3

तीन लाख से अधिक का अंतर

भाजपा ----4

जदयू  ----3

दो लाख से अधिक का अंतर

भाजपा --- 10

जदयू  ---  10

लोजपा --- 5 

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