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एजी कॉलोनी से बाइकर्स गैंग का सरगना साथी के साथ गिरफ्तार

बाइकर्स गैंग वांटेड बॉस ऑफ पटना का सरगना शुभम ज्योति अपने साथी विश्वजीत कुंवर के साथ बुधवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया।

By JagranEdited By: Published: Fri, 22 Mar 2019 09:15 PM (IST)Updated: Fri, 22 Mar 2019 09:15 PM (IST)
एजी कॉलोनी से बाइकर्स गैंग का सरगना साथी के साथ गिरफ्तार
एजी कॉलोनी से बाइकर्स गैंग का सरगना साथी के साथ गिरफ्तार

पटना । बाइकर्स गैंग 'वांटेड बॉस ऑफ पटना' का सरगना शुभम ज्योति अपने साथी विश्वजीत कुंवर उर्फ आयुष के साथ बुधवार को पुलिस के हत्थे चढ़ गया। उसके पास से पुलिस ने 7.62 बोर की पिस्टल, एक मैगजीन, 3 जिंदा कारतूस, दो तलवार, एक स्विफ्ट डिजायर कार, बिना नंबर की बुलेट मोटरसाइकिल, तीन मोबाइल बरामद किए। इसके बाद उसकी निशानदेही पर पुलिस ने बोर्ड कालोनी मोड़ के पास विभिन्न ब्रांड की 247 बोतल अंग्रेजी शराब बरामद कीं।

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जानकारी के अनुसार बुधवार की देर रात शास्त्रीनगर थानाध्यक्ष को गुप्त सूचना मिली थी कि एजी कॉलोनी स्थित 90 फीट सड़क पर अपराधियों का जमावड़ा लगा है। वे लोग किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने वाले हैं। जानकारी के बाद डीएसपी सचिवालय के नेतृत्व में शास्त्रीनगर थानेदार निहार भूषण की टीम ने छापेमारी की। पुलिस को देखते ही तीन लोग मौके से फरार हो गए। जबकि दो पुलिस के हत्थे चढ़ गए। पकड़े गये बदमाशों में शास्त्रीनगर थाना इलाके के जयप्रकाश नगर, मकान संख्या- 34 निवासी महेश प्रसाद सिंह का पुत्र शुभम ज्योति और सिवान के महाराजगंज थाना अंतर्गत बलोव निवासी अशोक कुंवर का पुत्र विश्वजीत कुंवर उर्फ आयुष राज, वर्तमान में एजी कालोनी मकान संख्या - ए/291, जीवछ मिश्रा के मकान में किरायेदार शामिल हैं।

शुभम राजधानी के बाइकर्स गिरोह 'वांटेड बॉस ऑफ पटना' का सरगना है। इसके खिलाफ शास्त्रीनगर, राजीवनगर, पाटलिपुत्र सहित विभिन्न थानों में हत्या, लूट, रंगदारी, आ‌र्म्स एक्ट, चेन स्नेचिंग, मारपीट और शराब तस्करी के एक दर्जन से अधिक मामले दर्ज हैं। गिरफ्तारी के बाद पुलिसिया पूछताछ में उसकी निशानदेही पर बोर्ड कॉलोनी मोड़ के पास दुर्गा मंदिर के समीप एक दुकान में छुपाकर रखी गई विभिन्न ब्रांडों की 253 बोतल अंग्रेजी शराब पुलिस ने बरामद की। पुलिस उसके अन्य साथियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।

शुभम पहली बार साल 2009 में शास्त्रीनगर थाने से गिरफ्तार हुआ था। उस वक्त वह नाबालिग था। इसके बाद 2011 में राजीवनगर थाने से गिरफ्तार होकर जेल गया था। इसके बाद से वह फरार चल रहा था। राज्य में शराब बंदी कानून लागू होने के बाद से उसने लूट, चेन स्नैचिंग, छिनतई का रास्ता छोड़कर शराब तस्करी में जुट गया था। इससे उसने काफी संपत्ति बनाई है।


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