Budget 2023: पीएम आवास योजना में बिहार की हिस्सेदारी बढ़ने की उम्मीद, मंत्री कुमार बोले- लॉलीपॉप नहीं चाहिए
आम बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा राशि बढ़ाए जाने से बिहार के गरीबों को भी पक्के आवास मिलने की उम्मीद जगी है। हालांकि कई मदों में बिहार की राशि केंद्र सरकार पर बकाया है। इस वजह से कई परियोजनाएं रुकी हुई हैं।
राज्य ब्यूरो, पटना। आम बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए केंद्र सरकार द्वारा राशि बढ़ाए जाने से बिहार के गरीबों को भी पक्के आवास मिलने की उम्मीद जगी है। इसके पीछे की वजह यह है कि चालू वित्तीय वर्ष यानी 2022-23 में राज्य सरकार ने 97 प्रतिशत से अधिक लक्ष्य हासिल कर लिया है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में केंद्र सरकार ने 9,97,118 प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास की तुलना में 9,95,025 आवास के लिए राशि आवंटित कर दी है। जबकि राज्य सरकार की ओर से 10,22, 696 आवास की मांग की गई थी। हालांकि 14, 95,738 निबंधन कराया था। इसमें 14,74,586 को निर्माण की मंजूरी मिली थी।
उधर, केंद्र सरकार पर बिहार के सामग्री मद से संबंधित मनरेगा में 1400 करोड़ रुपये बकाया हैं। सर्वाधिक राशि पशु, बकरी और मुर्गी शेड निर्माण से संबंधित सामग्री मद में बकाया है। कई योजनाएं अधूरी हैं तो कई स्वीकृत योजनाओं के लिए राशि नहीं मिलने के कारण काम ठप है।
वहीं, 136 दिन तक चालू वित्तीय वर्ष में मजदूरी का श्रमिकों को नियमित भुगतान नहीं हुआ है। हालांकि मजदूरी मद में केंद्र ने हाल ही में 1546 रुपये का आवंटन किया है। राशि के अभाव में प्रधानमंत्री आवास योजना और अमृत सरोवर का निर्माण कार्य बाधित है। इसी तरह छोटे निर्माण कार्य ठप हैं। विभिन्न योजनाओं में मजदूरी मद के भुगतान को लेकर लचर स्थिति से बिहार के मजदूरों को परेशानी हो रही है।
आम बजट से बिहार की जनता ठगा-ठगा महसूस कर रही है। प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक देश के सभी गरीबों को पक्का मकान देने का वादा किया था, लेकिन पूरा नहीं हुआ। प्रधानमंत्री आवास योजना में 66 प्रतिशत की वृद्धि से क्या होता है। केंद्र सरकार को वादा पूरा करना चाहिए। लॉलीपॉप से बिहार के लोग संतुष्ट होने वाले नहीं हैं। पहले वादा पूरा करें। मनरेगा में सामग्री मद की बिहार की केंद्र सरकार पर 14 सौ करोड़ रुपये से अधिक राशि बकाया है। बजट में सिर्फ चकाचौंध दिखाकर जनता को केंद्र सरकार ने भ्रम में डालने का काम किया है। - श्रवण कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री