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एनीमिया मुक्त भारत अभियान में बिहार का बेहतर प्रदर्शन, पहुंचा 15वें पायदान पर

2018-19 में देश में एनीमिया रोकथाम में 21वें पायदान पर रहने वाला बिहार दिसंबर 2019 में ही 15वें पायदान पर पहुंच गया है। कई राज्यों से बिहार ने बेहतर प्रदर्शन किया है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 09:16 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 09:16 AM (IST)
एनीमिया मुक्त भारत अभियान में बिहार का बेहतर प्रदर्शन, पहुंचा 15वें पायदान पर

पटना, जेेएनएन। केंद्र सरकार ने एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम को लेकर स्कोर कार्ड जारी कर दिया है। 2018-19 में पूरे देश में एनीमिया रोकथाम में 21वें पायदान पर रहने वाला बिहार अभियान आरंभ होने के पांच महीने बाद दिसंबर 2019 में ही 15वें पायदान पर पहुंच गया है। बेहतर प्रदर्शन करने वाले राज्यों में शुमार केरल एवं तेलंगाना जैसे अन्य राज्य बिहार से नीचे चले गए हैं।

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एनीमिया मुक्त भारत के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. वीके मिश्रा ने बताया राष्ट्रीय पोषण अभियान के तहत बच्चों से लेकर धात्री माताओं तक के विभिन्न आयु वर्ग के छह समूहों को एनीमिया मुक्त करने के लिए कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। बिहार में 31 जुलाई 2019 को इस कार्यक्रम की शुरुआत की गई है।

हर बुधवार को स्कूलों व आंगनबाड़ी में दी जाती है गुलाबी गोली

एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत छह माह से 59 माह तक के बालक-बालिकाओं के लिए हफ्ते में दो बार ऑटोडिस्पेंसर की मदद से एक मिलीलीटर दवा दी जाती है। पांच वर्ष से नौ माह तक के बच्चों को हफ्ते में एक गुलाबी गोली  एवं 10 से 19 वर्ष के किशोर व युवाओं को हफ्ते में एक गुलाबी गोली प्रत्येक बुधवार को स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में दी जाती है। इसके अतिरिक्त गर्भवती माताओं को भी खुराक दी जाती है।

सम्पूर्ण ख़ुराक सेवन में दोगुने से अधिक की हुई बढ़ोतरी

एनीमिया मुक्त भारत स्कोरकार्ड के अनुसार दिसम्बर 2019 तक राज्य के छह माह से 59 माह तक के 10 फीसद ब'चे आयरन सिरप की सम्पूर्ण ख़ुराक का सेवन कर रहे हैं। 2019-20 के दूसरे क्वार्टर में केवल 3.8 फीसद ब'चे ही सम्पूर्ण ख़ुराक का सेवन कर पाते थे। 76.5 फीसद गर्भवती महिलाओं को तीसरे क्वार्टर में 180 आयरन की गोलियां दी जा रही है। दूसरे क्वार्टर में 74.6 फीसद गर्भवती महिलाओं को ही 180 आयरन की गोलियां प्रदान होती थी।


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