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बिना जमीन बंधक रखे किसानों को तीन लाख तक कर्ज की मांग करेगा बिहार

बिहार में ग्रामीण बैंक खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन और कुक्कुट पालन के लिए 23000 का कर्ज बांटेंगे। साथ ही केंद्र से बिना जमीन बंधक रखे तीन लाख रुपये ऋण की मांग की जायेगी।

By Ravi RanjanEdited By: Published: Fri, 29 Dec 2017 08:42 PM (IST)Updated: Fri, 29 Dec 2017 11:24 PM (IST)
बिना जमीन बंधक रखे किसानों को तीन लाख तक कर्ज की मांग करेगा बिहार

पटना [राज्य ब्यूरो]। बजट पर चर्चा के लिए वित्तमंत्री अरुण जेटली द्वारा 18 जनवरी को राज्य के वित्तमंत्रियों की होने वाली बैठक में बिहार से किसानों जमीन बंधक रखे बिना तीन लाख रुपये कृषि ऋण दिए जाने की मांग होगी। अभी एक लाख से अधिक के कृषि ऋण पर जमीन बंधक रखने का प्रावधान है। 

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उपमुख्यमंत्री और वित्तमंत्री सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता में आज रिजर्व बैंक अफसरों और ग्रामीण बैंक के अध्यक्षों के साथ हुई उच्चस्तरीय बैठक में तय हुआ कि राज्य के किसानों को इस साल ग्रामीण बैंक खेती, पशुपालन, मत्स्य पालन और कुक्कुट पालन के लिए 23000 का कर्ज बांटेंगे।

बैठक में बताया गया कि बटाईदारों को किसान क्रेडिट कार्ड देने में बैंकों आनाकानी कर रहे हैं। ऐसे में तय हुआ कि ज्वाइंट लाइबिलिटीज ग्रुप बनाकर ऐसे बटाई पर खेती करने वाले किसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड मुहैया कराया जाए। बैठक में ग्रामीण बैंकों की ओर से सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया गया कि किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग खेतीबारी से ज्यादा अन्य कार्यो पर हो रहा है। इसे हतोत्साहित किया जाना चाहिए।

बैठक में मोदी ने जिलों में शौचालय निर्माण के लिए स्वयं सहायता समूहों को प्रति इकाई 12 हजार रुपये और नियोजित शिक्षकों को वेतन के आधार पर डेढ़ से दो लाख रुपये व्यक्तिगत ऋ ण उपलब्ध कराने का निर्देश दिया।

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि समय से ऋ ण वापसी नहीं करने के कारण 90 प्रतिशत किसानों को केंद्र सरकार से मिलने वाला तीन प्रतिशत और राज्य सरकार से मिलने वाला एक प्रतिशत यानी कुल चार प्रतिशत ब्याज अनुदान नहीं मिल पाता है। इस तरह उन्हें 11 से 12 प्रतिशत तक ब्याज भुगतान करना पड़ता है।

मोदी ने कहा कि ग्रामीण बैंकों से  बंटने वाले कर्ज का 65 प्रतिशत किसान क्रेडिट कार्ड धारकों को दिया जाता है। बैंक केसीसी धारक किसानों को रुपे कार्ड उपलब्ध कराता है मगर मात्र 10 से 15 प्रतिशत किसान ही उसका उपयोग कर रहे हैं।

मोदी ने बैंकों को मुद्रा लोन के तहत लोगों को 50 हजार से 5 लाख तक कर्ज देने का निर्देश दिया। आमतौर पर बैंक इस स्कीम के तहत 50 हजार का ही कर्ज दे रहे हैं, जिससे किसी को व्यापार शुरू करना और चलाना संभव नहीं है। 


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