सीमांचल की सीख से मगध में मजबूत होगा लोकतंत्र, लोकसभा के महापर्व में शामिल होने से पहले देखें यह आंकड़ा
Bihar Election बिहार में आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर तैयारियां जोरो पर है। पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार का मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत (67 प्रतिशत) से लगभग 10 प्रतिशत कम था। जबकि सीमांचल में मतदाताओं ने राष्ट्रीय औसत से भी आगे बढ़कर मतदान किया। मतदान प्रतिशत के मामले में पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र सबसे पीछे रहा। इस श्रेणी में नालंदा आरा काराकाट भी शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, पटना। पिछले लोकसभा चुनाव में बिहार का मतदान प्रतिशत राष्ट्रीय औसत (67 प्रतिशत) से लगभग 10 प्रतिशत कम था। जबकि, सीमांचल में मतदाताओं ने राष्ट्रीय औसत से भी आगे बढ़कर मतदान किया।
यहां हुआ सबसे कम मतदान
राज्य में सबसे ज्यादा शहरी मतदाता वाली सीट पटना साहिब उदासीनता की श्रेणी में पहली पंक्ति में पिछले कुछ चुनावों से है। मगध क्षेत्र की पटना साहिब व नालंदा तथा शहाबाद की आरा व काराकाट सीटों पर काफी कम मतदान होता रहा है। मतदान प्रतिशत बढ़ाने के निर्वाचन आयोग की हर पहल इन सीटों पर बेमानी साबित हो रही है।
यह था वोटों का आंकड़ा
2009 में नालंदा में सबसे कम मतदान हुआ था।वहां महज 33.05 प्रतिशत मत पड़े थे। पटना साहिब में आंकड़ा 33.64 प्रतिशत का था। 2014 में पटना साहिब में 45.36 तो नालंदा में 47.23 प्रतिशत मत पड़े।
वहीं, 2019 में पटना साहिब में 45.8 व नालंदा में 48.79 प्रतिशत मतदान हुआ। वहीं, सीमांचल के कटिहार, अररिया, सुपौल, पूर्णिया, किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं ने लोकतंत्र के महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
60 प्रतिशत से अधिक होता था मतदान
मगध क्षेत्र की पटना, जहानाबाद और नालंदा सीटों पर पहले के चुनावों में 60 प्रतिशत से अधिक मतदाना होता रहा है। 1971 व 1977 के लोकसभा चुनाव में नालंदा, पटना तथा जहानाबाद सीट पर क्रमश: 62.04 व 71.63, 57.26 व 68.02 तथा 64.75 व 66.44 प्रतिशत मतदान हुआ था।
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