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Bihar Vidhan Sabha News: तेजस्वी जमे तो राजनीति को मिलेगा विकल्प, उखड़े तो पांव जमाना होगा मुश्किल

लोकसभा चुनाव में शिकस्त से सबक लेकर इस बार तेजस्वी यादव पहले से ज्यादा चौकस और सक्रिय नजर आ रहे हैं। लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में तेजस्वी के लिए यह पहला चुनाव भी है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 25 Jul 2020 05:23 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jul 2020 05:23 PM (IST)
Bihar Vidhan Sabha News: तेजस्वी जमे तो राजनीति को मिलेगा विकल्प, उखड़े तो पांव जमाना होगा मुश्किल

अरविंद शर्मा, पटना। लालू प्रसाद की अनुपस्थिति में तेजस्वी यादव के सामने विधानसभा का यह पहला चुनाव है। लोकसभा चुनाव में शिकस्त से सबक लेकर इस बार वह पहले से ज्यादा चौकस और सक्रिय नजर आ रहे हैं। लॉकडाउन के शुरुआती दो महीने को छोड़ दें तो उसके बाद तेजस्वी ने अपने तेवर कभी ढीले नहीं किए। संक्रमण के खतरे के बावजूद खुद को क्वारंटाइन नहीं किया है। लोगों से मेल-मिलाप बढ़ा दिया है। सारी कवायद इसलिए कि तेजस्वी के लिए अबकी महज चुनाव नहीं होने जा रहा है, बल्कि अस्तित्व की लड़ाई है। उखड़ गए तो दोबारा पांव जमाना आसान नहीं होगा और जम गए तो बिहार की राजनीति को एक विकल्प मिल सकता है।

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हर चाल में दिख रही स्पष्टता

इस बार राजद की हर चाल में स्पष्टता दिख रही है और पहले से ज्यादा बेताबी भी। रविवार को तेजस्वी ने पार्टी के सभी संगठनात्मक जिलों की वर्चुअल बैठक बुलाई है, जिसमें राजद और युवा राजद के सभी जिलाध्यक्षों के अतिरिक्त जिला प्रवक्ताओं को भी आमंत्रित किया गया है। चुनाव की तैयारियों के लिहाज से यह बड़ी बैठक है, जिसमें यह साफ हो जाएगा कि राजद को निचले स्तर पर किस तरह की रणनीति अपनानी है। इसके दो मकसद हैं। पहला तो भाजपा-जदयू की एकजुटता के खिलाफ जमीनी स्तर पर राजद को भी खड़ा करना और दूसरा सहयोगी दलों को अहसास कराना कि राजद अपने दमखम पर ही मैदान की ओर प्रस्थान करेगा। सीट बंटवारे की टेबल पर जाने और समन्वय समिति के गठन से पहले तेजस्वी अपने-पराये सबको साफ कर देना चाहते हैं कि महागठबंधन में राजद ही लीड भूमिका में रहेगा। अपनी शर्तों पर ही साथी दलों को सीटें देगा। वर्चुअल रैली के खिलाफ भाजपा पर हमलावर और अभी तक चुनाव टालने के पक्षधर तेजस्वी खुद भी ऐसी बैठकें बुलाकर साफ कर देना चाहते हैं कि हर तरह के हथियार को आजमाने के लिए वह भी तैयार हैं। जमीनी स्तर पर अबतक सबसे ज्यादा बूथ कमेटियां बनाकर राजद ने पहले ही अपनी श्रेष्ठता साबित कर दी है। 

75 फीसद बूथ कमेटियां तैयार

कोरोना के खतरे और चुनाव को लेकर असमंजस के बावजूद राजद ने अपनी गतिविधियां कभी ढीली नहीं होने दीं। अभी तक 75 फीसद बूथ कमेटियां बना ली हैं। प्रवक्ता चितरंजन गगन के मुताबिक प्रत्येक कमेटी में कम से कम 15 और अधिकतम 35 सदस्य हैं। सबका वाट्स-एप ग्रुप बनाया जा रहा है। प्रखंडों और जिलों के स्तर पर यह ग्रुप बना लिया गया है। काम भी कर रहा है। अब निर्वाचन आयोग ने करीब 33 हजार नए बूथ बनाए हैं, उनमें भी कमेटियां बनाने की प्रक्रिया जारी है। 

नेटवर्क को किया जा रहा सक्रिय

मुख्य प्रवक्ता भाई वीरेंद्र के मुताबिक आठ हजार से ज्यादा पंचायतों में पार्टी का सांगठनिक ढांचा है। फिर भी राजद इस हकीकत को स्वीकार करता है कि भाजपा-जदयू की आइटी सेल काफी मजबूत है। मुकाबला करना है तो राजद को गांव-गांव में फैले अपने नेटवर्क में ऊर्जा भरनी होगी। रणनीतिकार इस प्रयास में हैं कि 15 साल की राजग सरकार के खिलाफ ऐसा माहौल तैयार किया जाए कि सत्ता की लड़ाई आसान हो जाए। इसके लिए तरह-तरह के फंडे अपनाए जा रहे हैं। लॉकडाउन, संक्रमण और दूसरे प्रदेशों से लौटे कामगारों को सरकार की कमियां बताई-दिखाई-समझाई जा रही है।


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