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आरसीपी को छोड़नी पड़ सकती है कुर्सी, उपेंद्र कुशवाहा बन सकते हैं राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष; नीतीश ने कही ये बात

Bihar Politics जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन दिनों वे जिलों का दौरा कर संगठन और सरकार की स्थिति से अवगत हो रहे। उनके इस फीडबैक अभियान की रविवार को मुख्यमंत्री ने तारीफ भी की है।

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Mon, 19 Jul 2021 06:04 AM (IST)Updated: Mon, 19 Jul 2021 06:04 AM (IST)
आरसीपी को छोड़नी पड़ सकती है कुर्सी, उपेंद्र कुशवाहा बन सकते हैं राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष; नीतीश ने कही ये बात
उपेंद्र कुशवाहा, आरसीपी सिंह, नीतीश कुमार। फाइल फोटो

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: संभव है कि इस महीने के आखिर में जदयू को नया अध्यक्ष मिल जाए। 31 जुलाई को दिल्ली में पार्टी के राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई गई है। जदयू एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत का हिमायती रहा है। ऐसे में संभव है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी नए अध्यक्ष का मनोनयन कर दे। पिछली बार पटना में हुई जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में ही आरसीपी सिंह को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। वे संगठन में नीतीश कुमार के उत्तराधिकारी बने थे। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आफाक अहमद ने तारीख तय होने के बारे में जानकारी दी। दिल्ली के जंतर-मंतर स्थित जदयू के राष्ट्रीय कार्यालय में होने वाली बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी 75 सदस्य शामिल होंगे।

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आरसीपी ने कहा- पार्टी कहेगी तो छोड़ दूंगा अध्‍यक्ष का पद

आरसीपी सिंह ने रविवार को दिल्ली में कहा था कि अगर पार्टी कहेगी तो वे राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ देंगे। ऐसी चर्चा है कि जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी की कमान सौंपी जा सकती है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर इन दिनों वे जिलों का दौरा कर संगठन और सरकार की स्थिति से अवगत हो रहे। उनके इस फीडबैक अभियान की रविवार को मुख्यमंत्री ने तारीफ भी की है।

आरसीपी ने की नीतीश की तारीफ, कहा- मेरे काम पर असर नहीं

रविवार को पटना में जदयू के प्रदेश पदाधिकारियों की बैठक हुई। उसे दिल्ली से वर्चुअल मोड में आरसीपी सिंह और पटना से मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार ने भी संबोधित किया। आरसीपी ने कहा कि वे मुख्यमंत्री को आश्वस्त करना चाहते हैं कि उन्हें जिम्मेदारी बेशक दिल्ली की मिली हो, लेकिन संगठन के लिए पहले की तरह काम करते रहेंगे। नीतीश कुमार की सोच के अनुरूप उनकी कोशिश संगठन में महिलाओं को 50 फीसद स्थान देने की होगी। नीतीश कुमार के काम की मिसाल पूरे देश में नहीं है। देश की पहली कृषि नीति हो, रेलवे का कायाकल्प हो या फिर बिहार की नई पहचान गढऩा, उनके काम बेजोड़ हैं। उन्होंने आपदा को अवसर में तब्दील किया है।

इंटरनेट मीडिया को सीएम ने कहा- एंटी सोशल

केंद्र में इस्पात मंत्रालय संभालने के लिए आरसीपी सिंह को बधाई देते हुए नीतीश ने कहा कि आरसीपी के पास काफी अनुभव है। विश्वास है कि वे बहुत अच्छा काम करेंगे। इसी के साथ उन्होंने पार्टी के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे जनता के बीच जाएं और यह जानने की कोशिश करें कि कहां क्या कमी रह गई है। इसकी तत्काल सूचना दें, ताकि समाधान का प्रयास किया जा सके। इंटरनेट मीडिया के रवैये पर भी उन्होंने एक बार फिर अपनी नाराजगी जाहिर की। कहा कि यह एंटी-सोशल हो गया है। नई पीढ़ी के लोग खास तौर पर इसका ध्यान रखें।

जदयू को मंत्रिमंडल में शामिल करना प्रधानमंत्री की उदारता

दिल्ली में आरसीपी ने कहा कि मैं जब राष्ट्रीय अध्यक्ष बना तो उसके बाद राज्यसभा में पार्टी के नेता के पद को रामनाथ ठाकुर को सौंप दिया था। इसलिए अगर पार्टी चाहेगी तो मैं अपने किसी साथी को अध्यक्ष का पद दे दूंगा। उपेंद्र कुशवाहा जब पार्टी में आए तो उन्हें संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व दिया गया। पहले ऐसा कहां होता था! आरसीपी ने कहा कि 40 वर्षों का मेरा सार्वजनिक जीवन है। मैंने जो भी काम किया है, ईश्वर की दया से काफी सफलतापूर्वक किया है। जहां तक केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू के शामिल होने की बात है तो इस पर पार्टी की सहमति थी। भाजपा के पास खुद संख्या पर्याप्त है। यह तो प्रधानमंत्री की उदारता है कि उन्होंने अपने घटक दल को मंत्रिमंडल में स्थान दिया।

कुशवाहा बोले, नीतीश कुमार में लोगों की दृढ़ आस्था

जदयू संसदीय बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार की उपलब्धियों को अगर हम जनता तक पहुंचा दें तो हमारी पार्टी दोगुनी बड़ी हो जाएगी। नीतीश कुमार के प्रति आज भी लोगों में वही आस्था है। लोगों में यह विश्वास है कि नीतीश कुमार के रहते उनका कोई कुछ बिगाड़ नहीं सकता। हम लोगों के खिलाफ साजिश होती रहेगी, लेकिन हमें साजिश करने वालों से लडऩा है।


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