बिहार बनेगा देश का दूसरा जैविक कृषि राज्य, सिक्किम के साथ हुआ ये एग्रिमेंट ...जानिए
बिहार के लिए यह गुड न्यूज है। यह देश का दूसरा जैविक कृषि राज्य बनने जा रहा है। इसके लिए बिहार व सिक्किम में समझौता हुआ है।
पटना [राज्य ब्यूरो]। बिहार जल्द ही सिक्किम के बाद देश का दूसरा जैविक कृषि राज्य बनने जा रहा है। राज्य में बड़ी मात्रा में अनाज, फलों, सब्जियों एवं मसालों की खेती की जाती है। अब इनके जैविक प्रमाणीकरण की व्यवस्था भी की जा रही है।
बुधवार को सचिवालय सभागार में जैविक खेती के प्रमाणीकरण के लिए बिहार और सिक्किम की एजेंसी के बीच करार किया गया, जिस पर बिहार की ओर से बीज प्रमाणन एजेंसी के निदेशक व्यंकटेश नारायण सिंह एवं सिक्किम की ओर से सिक्किम जैव प्रमाणन एजेंसी की सीईओ यशोदा प्रधान ने हस्ताक्षर किया।
करार के मुताबिक बिहार के किसानों का निबंधन सिक्किम की एजेंसी में कराया जाएगा। सिक्किम के अधिकारी बिहार में प्रतिनियुक्ति भी होंगे, जो समय समय पर जैविक खेतों का निरीक्षण करेंगे और उत्पादों के लिए प्रमाण पत्र जारी करेंगे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कृषि मंत्री डा. प्रेम कुमार ने कहा कि वर्ष 2016 में सिक्किम देश का पहला जैविक राज्य बना था। अब बिहार में जैविक खेती को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कोशिश कामयाब हुई तो देश की हर थाली में राच्य का एक जैविक उत्पाद होगा।
मंत्री ने बताया कि पटना से भागलपुर तक गंगा किनारे जैविक कोरिडोर विकसित किया जा रहा है। इसका उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 9 नवंबर को करेंगे। इससे पटना से नालंदा तक राष्ट्रीय उच्च पथ के किनारे के गांवों को भी जोड़ा गया है। इसके पहले से भी राच्य में कई किसान अपने स्तर से जैविक खेती करते आ रहे हैं, लेकिन प्रमाण पत्र की व्यवस्था नहीं होने से उत्पादों को मान्यता नहीं मिल पाती थी। इस समस्या को दूर करने की पहल कर दी गई है। प्रारंभिक चरण में सब्जी उत्पादकों को जोडऩे का प्रयास हो रहा है। इसके बाद अनाज की खेती भी जैविक विधि से की जाएगी।