पटना, राज्य ब्यूरो: रामचरितमानस की आलोचना कर चर्चा में आए शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर का एक वीडियो तेजी से प्रसारित हो रहा है, जिसमें वह सावधानी से धार्मिक मामलों को मुद्दा बनाने के बारे में सलाह दे रहे हैं। वीडियो में विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी हाथ में मोबाइल थामे हुए हैं, जिसका स्पीकर ऑन है और दूसरी तरफ से आ रही आवाज शिक्षा मंत्री की बताई जा रही है। हालांकि, दैनिक जागरण इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है।
प्रसारित वीडियो में कहा जा रहा है कि धार्मिक विषय को मुद्दा बनाने में सावधानी की जरूरत होती है। हम राम की आलोचना नहीं करें, लोगाें को बताएं कि राम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे। इसका मतलब उनका यह संदेश है कि जात-पात खत्म करो। यह बेड़ा गर्क कर देगा।
पाखंडियों ने मांझी के दर्शन के बाद मंदिर को गंगाजल से धोया
दूसरी तरफ शबरी के बेटा जीतनराम मांझी जब मुख्यमंत्री की हैसियत से मधुबनी जिले के एक मंदिर में गए थे तो उनके निकलने के बाद पाखंडियों ने उस मंदिर को गंगा जल से धोया। उस समय धर्माचार्य कहां गए थे। रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति की हैसियत से सपत्नीक जगन्नाथ मंदिर में गए थे, उन्हें रोका गया। वे जाति बनाकर रखना चाहते हैं। हमको अछूत बनाकर रखना चाहते हैं। वीडियो में आगे कहा कि वो हमसे चंदा और वोट लेना चाहते हैं। हम यह सब नहीं चलने देंगे, वे धर्म के मामले में हार्ड लाइन न लेने की सलाह देते हैं, क्योंकि हिन्दू समाज की आस्था का सवाल है।
प्रसारित वीडियो में शिक्षा मंत्री को यह कहते दिखाया गया है कि हम 10 फरवरी के बाद अभियान से जुड़ेंगे, क्योंकि छह फरवरी को उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव और 10 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मधेपुरा जा रहे हैं। उन्हें इनके कार्यक्रम के लिए लाख-डेढ़ लाख लोगों को जुटाना है। दावे के अनुसार, यह बातचीत तीन दिन पहले हुई, जब उदय नारायण चौधरी जमुई जिले के सिमुलतला में कार्यकर्ताओं से मिलने गए थे। उन्होंने किसी काम के लिए शिक्षा मंत्री को फोन किया था। स्पीकर ऑन करके इसलिए रखा गया था, ताकि आसपास खड़े लोग बातचीत सुन सकें, लेकिन उसी समय किसी ने इसका वीडियो बना लिया।
नोट: दैनिक जागरण प्रसारित वीडियो और उसमें हुई बातचीत की पुष्टि नहीं करता है।