Bihar: मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के 10 भवन इस वर्ष तैयार होंगे, 200 लोगों के रहने की व्यवस्था
वृहद आश्रय गृह का निर्माण पांच एकड़ के एक परिसर में हो रहा है। इसमें बालक-बालिका तथा शिशु गृह बनाया गया है जहां एक साथ दो सौ लोगों के आवासन की व्यवस्था होगी। कर्मियों के रहने की व्यवस्था परिसर में ही की गई है।
राज्य ब्यूरो, पटना: मुजफ्फरपुर बालिका आश्रय गृह कांड के बाद सरकार ने तय किया था कि सरकारी आश्रय गृह निजी भवन में नहीं चलेंगे। इसके लिए प्रमंडल स्तर पर मुख्यमंत्री बाल आश्रय विकास योजना के तहत वृहद आश्रय गृह का निर्माण कराया जाएगा। अब तक भागलपुर व पूर्णिया प्रमंडल में आश्रय गृह बन चुका, जबकि इसी साल शेष सात प्रमंडलों में 10 आश्रय गृह का निर्माण होने का दावा किया गया है।
एक ही परिसर में बने भवन
वृहद आश्रय गृह का निर्माण पांच एकड़ के एक परिसर में हो रहा है। इसमें बालक-बालिका तथा शिशु गृह बनाया गया है, जहां एक साथ दो सौ लोगों के आवासन की व्यवस्था होगी। कर्मियों के रहने की व्यवस्था परिसर में ही की गई है। रसोई, लाइब्रेरी समेत कई जरूरी सुविधाएं एक ही परिसर में होंगी। वृहद आश्रय गृह की निर्माण लागत 29.71 करोड़ रुपये है। भागलपुर तथा कटिहार के आश्रय गृह का उद्घाटन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले महीने किया था।
इन जगहों पर इसी वर्ष पूरा होगा निर्माण
तिरहुत प्रमंडल में पश्चिम चंपारण और मुजफ्फरपुर में वृहद आश्रय गृह का निर्माण कराया जा रहा। इस संबंध में समाज कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पश्चिमी चंपारण में अप्रैल तथा मुजफ्फरपुर में जुलाई में वृहद आश्रय गृह का निर्माण संभावित है। पटना में जून में तथा कैमूर मे अक्टूबर में निर्माण कार्य पूरा होना है। औरंगाबाद में मई तथा नवादा में इसी महीने इसका निर्माण पूरा होगा। दरभंगा में बन रहा वृहद आश्रय गृह जून में, कोसी प्रमंडल के सुपौल में मई में, मुंगेर के जमुई में जुलाई में तथा सारण प्रमंडल के सिवान में वृहद आश्रय गृह का निर्माण इस वर्ष जून में पूरा होने की संभावना है।