बिेहार: तेजस्वी यादव का राधोपुर विधान क्षेत्र बना कोरोना पॉलिटिक्स का अखाड़ा, पप्पू यादव ने की सेंधमारी
Bihar Politics नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव का राघोपुर विधान सभा क्षेत्र कोविड संकट को लेकर राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है। यहां 17 लोगो की कोविड से मौत हो गई । इसपर पप्पू यादव की टीम ने हेल्थ कैंप लगा दिया। इसपर दोनों के सर्मथकों के बीच मारपीट हुई।
बिदुपुर (वैशाली), जागरण संवाददाता। बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के राघोपुर विधानसभा क्षेत्र (Raghopur Constituency) के वोट बैंक में जन अधिकार पार्टी (लो) के अध्यक्ष पप्पू यादव (Pappu Yadav) ने सेंध लगाने की कोशिश की है। बिदुपुर प्रखंड के चकसिकन्दर कल्याणपुर पंचायत का यह गांव मंसूरपुर आजकल कोरोना पॉलिटिक्स का अखाड़ा बना हुआ है। दरअसल, यहां ग्रामीणों का कहना था कि कोविड से 17 लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन, ना ही प्रशासन ना ही तेजस्वी यादव की पार्टी राजद ने लोगों की सुध ली। इसपर जाप के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव की टीम ने पूरी मेडिकल जांच सुविधाओं के साथ पहुंचकर कैंप लगा दिया। लोग भी कैंप में जांच और दवा लेने पहुंचने लगे। इसके कुछ देर बाद राजद समर्थक कैंप में पहुंचे और पप्पू यादव के समर्थकों के साथ हाथा-पाई की। हालांकि ग्रामीणों ने बीच बचाव कर मामला शांत कराया। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम भी पहुंची मगर आक्रोशितों ग्रामीणों ने उन्हें खदेड़ कर भगा दिया।
पूरा गांव था दहशत के साये में
बिदुपुर के चकसिकन्दर कल्याणपुर पंचायत का मंसूरपुर गांव तेजस्वी यादव के विधानसभा क्षेत्र में पड़ता है। इस गांव में बकौल मुखिया एक महीने में 17 लोगों की मौत होने के बाद त्राहिमाम की स्थिति है। बाहरी लोगों ने गांव में आना जाना छोड़ दिया है। गांव के लोग खुद ही भाग रहे हैं ताकि जान बच जाये। गांव के लोग बता रहे हैं कि मरने वाले लोगों में ज्यादातर जवान लोग हैं। हालांकि कोरोना के मामले अब कम हो रहे हैं लेकिन ये पूरा गांव अभी भी दहशत के साये में जी रहा है।
गांव छोड़कर चले गए लोग
मुखिया प्रतिनिधि ने बताया कि गांव के रहने वाले मो. मंजूर अपने परिवार समेत गांव छोड़ कर चले गये हैं। उनकी पत्नी जूही और सास की मौत कोरोना से हो गयी थी। दोनों की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी थी। उनके घऱ में जब दो लोगों की मौत हुई तो गांव के ही दूसरे लोगों ने उनके परिवार से दूरी बना ली थी। मजबूर होकर मो. मंजूर पूरे परिवार के साथ गांव छोड़ कर चले गये। वही 32 साल के साजिद की मौत सांस में परेशानी होने के बाद हो गयी। साजिद की शादी पांच महीने पहले ही हुई बताई गई। साजिद के घर वाले बताते हैं कि उनका टेस्ट नहीं कराया गया था लेकिन खांसी-सर्दी से लेकर बुखार जैसे सारे लक्षण कोरोना के ही थे। मंसूरपुर गांव के अताउल्लाह की मौत भी कोरोना जैसी बीमारी से हुई।
मंसूरपुर गांव के कुद्दुश की पत्नी गुलनाज बेगम की मौत भी कोरोना से हो गयी। कुद्दुश गुजरात की फैक्ट्री में काम करते हैं। वे गुजरात में ही थे जब पता चला की पत्नी की तबीयत खराब है। वे भागे भागे अपने गांव पहुंचे। पत्नी का इलाज कराने की कोशिश की। लेकिन उन्हें बचा नहीं सके। कुद्दुश कह रहे हैं उनकी पांच बेटी और एक बेटा है। उनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा। दूसरी ओर गांव के रफाकत हुसैने के भाई की मौत कोरोना से हो गयी।
पंचायत राजनीति की बात सामने आ रही
दूसरी ओर पंचायत के अन्य लोगो ने बताया कि यह राजनीतिक स्टंट है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा आंगनवाड़ी सेंटर 295 पर समय-समय पर कोविड को देखते हुए कई बार कैम्प लगाए गए। आंगनवाड़ी से मिले आकड़े के मुताबिक महज तीन लोगों की मौत कोरोना से हुई है जबकि चार अन्य किसी दूसरी बीमारी से मरे। बस्ती के लोग शुरू से ही कैम्प में दी जाने बाली सुविधाओ जिसमे जांच,वैक्सीन,मेडिसिन आदि शामिल है इसका इग्नोर करते रहे हैं। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एमपी सिंह ने बताया कि शनिवार को मेडिकल टीम भेजा गया था जिसे खदेड़ दिया गया। टीम के लोग जान बचाकर भागे है।
लोगों का आरोप, नेता प्रतिपक्ष ने नहीं किया सहयोग
शनिवार को जनाधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव के निर्देश पर युवा जाप के प्रदेश महासचिव पिंटू यादव जिला अध्यक्ष डॉ सियाराम उर्फ पप्पू के नेतृत्व में भेजी गई। मेडिकल टीम से बस्ती वालो ने स्वास्थ्य सुविधाये जिसमे कोरोना जांच, मेडिसीन कीट आदि शामिल है की सुविधा ली। बस्तीवालों ने आरोप लगाया कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बस्ती में आई इस विपदा में कोई सहयोग नही किया जिससे लोग निराश है। चकसिकन्दर कल्याणपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि मो मुजाहिद अनवर ने बताया कि सरकार के स्वास्थ्य विभाग के लापरवाही कारण लोग गांव से पलायन करने लगे हैं । अब जाकर विभाग ने मेडिकल टीम को गांव में शनिवार को भेजा, जिसे आक्रोशित ग्रामीणों ने भगा दिया