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बिहार में नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर में रिक्ति व जांच का पेच, 98% को हो सकता है नुकसान

नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर में रिक्ति का पेंच फंसेगा। अपने ही संवर्ग में ट्रांसफर को लेकर शिक्षकों ने आपत्ति जताई है। यही नहीं वर्ष 2006 से 2015 के बीच बहाल शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच का भी अड़ंगा लगा है।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Thu, 10 Jun 2021 10:44 AM (IST)Updated: Thu, 10 Jun 2021 10:44 AM (IST)
बिहार में नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर में रिक्ति का पेंच फंसना तय है। प्रतीकात्मक तस्वीर।

जागरण संवाददाता, बिहारशरीफ : नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर में रिक्ति का पेंच फंसेगा। अपने ही संवर्ग में ट्रांसफर को लेकर शिक्षकों ने आपत्ति जताई है। यही नहीं वर्ष 2006 से 2015 के बीच बहाल शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच का भी अड़ंगा लगा है। शिक्षा विभाग के आदेशानुसार जिन शिक्षकों को जांच में सही होने का सर्टिफिकेट मिला है। वही शिक्षक ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे। ऐसे में 20 फीसद भी शिक्षक ट्रांसफर के लिए आवेदन नहीं कर पाएंगे। परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष रौशन कुमार, महासचिव मो. इरफान मल्लिक, कोषाध्यक्ष मनोज कुमार ने संयुक्त रूप से कहा कि नियोजित शिक्षकों के ट्रांसफर की अधिसूचना में खामियों का अंबार लगा हुआ है। अभी इसमें यह कहा गया है कि बहाली के लिए गणना किए गए  विज्ञापित पदों पर शिक्षकों का नहीं भेजना है। एक लाख 25 हजार पदों पर शिक्षकों की बहाली होनी है तो ऐसे ही बहुत सारी सीट समाप्त हो जाएंगी। आरक्षण का भी ध्यान देना है। तीन वर्ष की सेवा की बाध्यता भी कही जा रही है तो इसमें भी शिक्षकों को बहुत ज्यादा परेशानी है। उन्होंने कहा कि अभी तक चार-पांच वर्षों में शिक्षकों की जांच के नाम पर कितने लोग सही पाए गए हैं, इसको अभी तक निगरानी विभाग ने स्पष्ट नहीं किया है। इस तरह 98 फीसदी इस तबादले का भागीदार नहीं बन सकते हैं।

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ट्रांसफर प्रक्रिया को जटिल बना कर वादे से मुकर रही है सरकार

शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष सुनैना कुमारी, शशिकांत वर्मा, विनोद चौधरी, प्रकाशचन्द्र व मीडिया प्रभारी मिथिलेश कुमार, दिबसम्बल उर्फ बंटी, सुनील कुमार ने कहा कि नियोजित शिक्षकों के स्थानांतरण प्रणाली को जटिल बनाकर वादे से सरकार मुकर रही है। सूबे के नियोजित शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष विभाग की ओर से विस्तृत दिशा निर्देश व स्थानांतरण नियमावली की प्रतीक्षा कर रहे थे। विभाग द्वारा जारी पत्र में महिला व दिव्यांग को एक बार अंतर नियोजन इकाई एवं अंतर जिला स्थानांतरण दिया गया है परंतु पुरुष शिक्षकों को परस्परिक स्थानांतरण के लिए जटिल शर्त तय कर सरकार स्थानांतरण के मसले को ठंडे बस्ते में डालने की साजिश की है। 


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