दीनानाथ साहनी, पटना: उच्च शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदम के बेहतर नतीजे सामने आ रहे हैं। बिहार में उच्च शिक्षा के प्रति बेटे-बेटियों का रुझान तेजी से बढ़ रहा है। तभी तो उच्च शिक्षा में बिहार का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) बढ़कर 15.9 हो गया है, जो पिछले वर्ष 12.1 था। इसकी तुलना में इस बार जीईआर में 3.4 वृद्धि हुई है, जो राष्ट्रीय औसत 1.7 से ज्यादा है।

सकल नामांकन अनुपात में तेजी से बढ़ोतरी के चलते ही बिहार ने देश के शीर्ष सात राज्यों में स्थान हासिल किया है। केंद्र सरकार की ओर से उच्च शिक्षा पर जारी अखिल भारतीय सर्वेक्षण (एआइएसएचई) 2020-21 में बिहार की इस उपलब्धि को दर्शाया गया है।

देश के शीर्ष 7 राज्यों में बिहार को मिला स्थान

शिक्षा मंत्रालय की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक उच्च शिक्षा में नामांकित छात्र-छात्राओं के मामले में उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान और बिहार शीर्ष सात राज्य हैं। एआइएसएचई के आंकड़ों के अनुसार बिहार में उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों की कुल संख्या 23 लाख 60 हजार 941 हो गई है, जो वर्ष 2019-20 में 17 लाख 38 हजार 432 थी। इस प्रकार उच्च शिक्षा में 6 लाख 22 हजार 509 विद्यार्थियों की वृद्धि हुई है। इनमें छात्राओं की संख्या 2 लाख 83 हजार 9 है।

इसी तरह बिहार में उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों के नामांकन में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। जबकि राष्ट्रीय स्तर पर विद्यार्थियों के नामांकन में औसतन बढ़ोतरी 8 प्रतिशत है। एआइएसएचई की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में उच्च शिक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन में 18.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

"बिहार में उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार और विकास की रिपोर्ट बेहद सराहनीय है। उच्च शिक्षा में और बेहतरी लाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। शैक्षणिक सत्र और परीक्षा व्यवस्था में सुधार लाने को प्राथमिकता दी जा रही है। इसके लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी भी गठित की गई है जो सभी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र को एक समान बनाने की दिशा में काम कर रही है।"

- प्रो. चंद्रशेखर, शिक्षा मंत्री

Edited By: Ashish Pandey