Bihar Sand Mining: बिहार में 267 बालू घाटों की हुई नीलामी, मगर 80 को मिली पर्यावरण स्वीकृति; जानें क्यों?
खान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक की अध्यक्षता में हाल ही में बालू घाटों का आकलन किया गया। बैठक में पटना भोजपुर और औरंगाबाद समेत 17 जिलों के खनन पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में यह तथ्य सामने आए कि 267 बालू घाटों की नीलामी हुई है लेकिन करीब 80 बालू घाटों को ही पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त हो पाई है। 49 बालू घाट ऐसे हैं जिनकी पर्यावरण स्वीकृति लंबित है।
राज्य ब्यूरो, पटना। Sand Mining In Bihar प्रदेश की नदियों से बालू खनन 15 अक्टूबर से प्रारंभ हो चुका है। 29 नवंबर तक 80 से अधिक बालू घाटों से खनन के लिए आवश्यक पर्यावरण स्वीकृति भी मिल चुकी है। बावजूद अब तक मात्र 31 बालू घाटों से ही खनन प्रारंभ हो सका है। अब संबंधित जिलों के खनन पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि दिसंबर महीने के अंत तक पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त घाटों से बालू खनन हर हाल में प्रारंभ कराएं।
खान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक नैय्यर इकबाल की अध्यक्षता में हाल ही में बालू घाटों का आकलन किया गया। बैठक में पटना, भोजपुर और औरंगाबाद समेत 17 जिलों के खनन पदाधिकारी शामिल हुए। बैठक में यह तथ्य सामने आए कि 267 बालू घाटों की नीलामी हुई है, लेकिन करीब 80 बालू घाटों को ही पर्यावरणीय स्वीकृति प्राप्त हो पाई है। 49 बालू घाट ऐसे हैं जिनकी पर्यावरण स्वीकृति लंबित है।
खान एवं भू-तत्व विभाग के निदेशक ने जाहिर की चिंता
सूत्रों ने बताया कि पर्यावरण स्वीकृति मिलने में हो रहे विलंब और बालू के दरों की लगातार बढ़ती कीमतों पर निदेशक खान एवं भू-तत्व विभाग ने चिंता जाहिर की। उन्होंने निर्देश दिए कि खनन पदाधिकारी बंदोबस्तधारियों से जल्द से पर्यावरण स्वीकृति प्राप्त करने के लिए कहें, ताकि स्वीकृत घाटों से बालू खनन प्रारंभ हो सके और बालू की कमी को दूर किया जा सके।
बैठक में यह निर्देश भी दिए गए कि पटना, औरंगाबाद, रोहतास, मोतिहारी और मुजफ्फरपुर जिले में जिन घाटों का रकबा बड़ा होने के कारण अब तक नीलामी नहीं हुई है, परंतु घाटों के विखंडन के लिए राज्य पर्यावरण समाघात निर्धारण प्राधिकरण (स्टेट एनवायरनमेंट इम्पैक्ट असेसमेंट अथॉरिटी) का अनुमोदन प्राप्त हो गया है उनकी शीघ्र नीलामी कराएं।
जिन जिलों को बालू घाटों के विखंडन का प्रस्ताव प्राधिकरण को नहीं दिया गया है उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि तत्काल प्रस्ताव भेजें, ताकि बड़े घाटों के आकार को छोटा करते हुए जल्द बंदोबस्त कराई जाए और यहां से खनन प्रारंभ कराया जा सके। बैठक में विभाग के दूसरे पदाधिकारी भी मौजूद रहे।
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