Bihar Politics: बिहार की राजनीति के लिए आज का दिन बेहद अहम, नीतीश के एक फैसले से बदल गई है तस्वीर
Bihar Politics भादो से पहले सावन में ही हो गई भगदड़। बिहार में एनडीए टूट गया है। भाजपा और जदयू का रिश्ता आज फिर खत्म हो गया है। जदयू और राजद ने अलग-अलग अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी। भाजपा से अलग नई वैकल्पिक सरकार पर निर्णय।
अरविंद शर्मा, पटना। Bihar Politics: बिहार की राजनीति एक-दो दिनों के भीतर अहम मोड़ से गुजरने वाली है। मंगलवार का दिन तो अति महत्वपूर्ण साबित होने वाला है। सत्ता पक्ष और विपक्ष में हलचल बढ़ गई है। सत्तारूढ़ दोनों बड़े दलों भाजपा एवं जदयू (BJP and JDU) के बीच कड़वाहट इतनी बढ़ गई कि संवाद भी बंद हो चुका था। दोनों के कदम विपरीत दिशाओं में बढ़ चले हैं। प्रदेश भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं को दिल्ली बुलाया गया। राजद से जदयू की बात आगे बढ़ गई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने पटना में अपने दल के सांसदों एवं विधायकों की बैठक मंगलवार को पूर्वाह्न 11 बजे बुला ली। प्रदेश की एनडीए सरकार का भविष्य उसी बैठक में तय हो गया। माना जा रहा था कि भाजपा से अलग होकर नीतीश ने नई सरकार का रास्ता निकाल लिया। इस दौरान कांग्रेस ने भी सक्रियता बढ़ा दी और विधायकों के साथ विमर्श कर नीतीश कुमार को बिना शर्त समर्थन दे दिया है।
वैकल्पिक सरकार बनाने का खाका
पहले से बताया जा रहा था कि जदयू ने भाजपा से अलग होकर वैकल्पिक सरकार बनाने का खाका तैयार कर लिया है। नीतीश के नेतृत्व वाली नई सरकार में जदयू, राजद, कांग्रेस, वामदलों और हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) की भागीदारी होगी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व में प्रमुख विपक्षी दल राजद के विधायकों, सांसदों और प्रमुख नेताओं की बैठक भी मंगलवार को ही बुलाई गई। जदयू और राजद की बैठकों का स्थान भले ही अलग-अलग रहा, लेकिन समय और एजेंडा एक ही था। इसके कारण दोनों दलों के संबंधों के तार जोड़े जा रहे थे। कांग्रेस और हम की बैठकें भी उसी के अनुरूप बुलाई गई थी। सभी दलों ने अपने-अपने विधायकों को आजकल में पटना पहुंचने का फरमान जारी कर दिया था। 19 विधायकों वाली कांग्रेस के बिहार प्रभारी भक्त चरण दास सोमवार को पटना पहुंच गए थे।
भाजपा को जदयू के फैसले का इंतजार
बड़ी राजनीतिक हलचल के बीच भाजपा की चुप्पी के भी मायने हैं। उसे नीतीश कुमार के फैसले का इंतजार है। यही कारण है कि शीर्ष नेतृत्व ने प्रदेश के अपने नेताओं के मुंह पर ताले जड़ दिए हैं। बयानबाजी नहीं करने की हिदायत दी गई है। राजनीतिक गतिरोध के बीच बिहार भाजपा के प्रमुख नेताओं को दिल्ली बुलाया गय। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय, बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन, सांसद रविशंकर प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन समेत कई नेता दिल्ली गए। राज्यपाल फागू चौहान (Governor Fagu Chauhan) भी दिल्ली में थे, जो सोमवार की रात लौटे हैं। इस बीच, दिल्ली से लौटकर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने उपमुख्यमंत्री तार किशोर प्रसाद के आवास में भाजपा विधायकों के साथ देर शाम बैठक कर आगे की रणनीति पर विमर्श किया।
वामदल भी नीतीश के साथ
जदयू-भाजपा में बढ़ती दूरी के बीच 16 विधायकों वाले वामदलों ने भी वैकल्पिक सरकार की उम्मीद जताई है। विधानसभा चुनाव में राजद के साथ गठबंधन कर लड़ने वाले भाकपा माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि वह राज्य में बनने वाली ऐसी किसी भी सरकार का समर्थन करेंगे, जिसमें भाजपा की भागीदारी नहीं होगी। जदयू अगर भाजपा से अलग होता है तो हम उसका समर्थन करेंगे।
भाजपा से जदयू की लगातार बढ़ रही तल्खी
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने लगातार दूसरे दिन भी भाजपा का नाम लिए बगैर कहा कि जदयू को तोड़ने का षड्यंत्र किया जा रहा है। उपेंद्र कुशवाहा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP President JP Nadda) के उस बयान की आलोचना की, जिसमें कहा गया था कि सभी क्षेत्रीय दल खत्म हो जाएंगे। नीतीश के विश्वासपात्र मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि मंगलवार की बैठक में हम गठबंधन के बारे में अहम फैसला लेंगे।
भाजपा से क्यों नाराज हुए नीतीश
सूत्रों का कहना है कि नीतीश कुमार ने भाजपा के समक्ष दो मांगें रखी थीं। वह विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा को हटाना चाहते थे। सत्र के दौरान उनसे तीखी बहस होने के चलते नाराज थे। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल से भी उनकी पटरी ठीक नहीं बैठ रही थी। किंतु तात्कालिक वजह बनी 30 और 31 जुलाई को पटना में भाजपा के सात मोर्चों की संयुक्त कार्यसमिति का आयोजन। भाजपा ने जदयू के लिए 43 सीटों को छोड़कर शेष दो सौ सीटों पर चुनाव की तैयारियां शुरू कर दीं। नीतीश को यह नागवार गुजरा।
राजद ने अपने सभी प्रवक्ताओं को हटाया
मीडिया में अनियंत्रित बयानबाजी के बीच राजद ने अपने सभी प्रवक्ताओं की छुट्टी कर दी है। अब राजद का कोई भी प्रवक्ता प्रिंट या इंटरनेट मीडिया में बयान नहीं दे सकेगा। इसके लिए राजद ने अपने सिर्फ दो नेताओं नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एवं प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह को अधिकृत किया है। नेतृत्व की ओर से पत्र लिखकर सभी प्रवक्ताओं को सूचना भी दे दी गई थी।
बिहार विधानसभा की स्थिति
- भाजपा : 77
- राजद : 79
- जदयू : 45
- कांग्रेस : 19
- वामदल : 16
- हम : चार
- एमआइएमआइएम : एक
- निर्दलीय : एक
- रिक्त : एक
विधानसभा की कुल सीटें - 243
(अनंत सिंह की सदस्यता खत्म होने के बाद अभी कुल - 242)