Move to Jagran APP

Bihar politics: इस मुद्दे ने मिटा दी नीतीश और तेजस्वी की दूरी, तेज प्रताप ने पहले ही दे दिया था बड़ा संकेत

Bihar politics बिहार मे बुधवार को नई सरकार शपथ लेगी। एक मुद्दे ने नीतीश और तेजस्वी यादव को करीब ला दिया। महागठबंधन में नीतीश कुमार के शामिल होने के संकेत को तेज प्रताप ने काफी पहले ही दे दिया था।

By Rahul KumarEdited By: Published: Tue, 09 Aug 2022 10:03 PM (IST)Updated: Tue, 09 Aug 2022 10:03 PM (IST)
Bihar politics: नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव। साभार इंटरनेट मीडिया

कुमार रजत, पटना। भाजपा और जदयू के बीच खटास तो विधानसभा चुनाव के नतीजों ने ही पैदा कर दी थी। चिराग फैक्टर ने जदयू को बिहार में सबसे बड़े दल से तीसरे नंबर की पार्टी बना दिया था। नीतीश भाजपा के साथ मिलकर सरकार जरूर चला रहे थे मगर सहज कभी नहीं दिखे। रही-सही कसर भाजपा ने आरसीपी को केंद्र में मंत्री बनाकर पूरी कर दी। आरसीपी का पटना में रोड शो और पार्टी लाइन से अलग भाजपा के साथ उनकी करीबी नीतीश को खटकती रही। इसी बीच जाति आधारित गणना का मुद्दा उछला। इसने चुनाव के बाद पहली बार जदयू और राजद को एक साथ खड़े होने का मौका दिया। पिछले साल इसी अगस्त महीने में नीतीश, तेजस्वी समेत बिहार के सभी दलों के नेताओं को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मिले। वहां भी मीडिया के सामने नीतीश और तेजस्वी साथ और सहज दिखे। इधर सरकार चलती रही मगर सदन और सड़क दोनों जगह रह-रहकर दोनों दलों के नेताओं के बीच खटपट होती रही। 

loksabha election banner

अप्रैल में तेजप्रताप ने लिखा- इंट्री नीतीश चाचा

एक तरफ भाजपा-जदयू के रिश्ते असहज दिख रहे थे वहीं राजद और जदयू करीब आ रहे थे। अप्रैल में नीतीश कुमार और तेजस्वी ने बदलते रिश्तों को लेकर बड़ा संदेश भी दिया। तेजस्वी के बुलावे पर इफ्तार पार्टी में नीतीश करीब पांच साल बाद राबड़ी आवास पहुंचे। इसके दो दिन बाद ही नीतीश ने भी इफ्तार पार्टी रखी जिसमें तेजस्वी और तेजप्रताप दोनों भाई शामिल हुए। इतना ही नहीं, आत्मीयता यहां तक दिखी कि इफ्तार के बाद लौटते हुए नीतीश तेजस्वी को गाड़ी तक छोड़ने बाहर निकले। इसी महीने तेजप्रताप का एक ट्वीट भी चर्चा में रहा। ट्वीट में तेजप्रताप ने एक पोस्टर शेयर किया जिसमें लिखा था- एंट्री नीतीश चाचा। राजनीतिक पंडित उसी समय से कयास लगाने लगे थे कि राजद और जदयू की राह फिर से एक हो सकती है। बस, एक खास मौके का इंतजार किया जा रहा है। 

मई में बंद कमरे में मिले नीतीश-तेजस्वी

नीतीश-तेजस्वी की मुलाकात और बातचीत का बड़ा रास्ता जाति आधारित गणना ने तय किया। मई में तेजस्वी ने जाति आधारित गणना के मुद्दे पर सरकार को जल्द से जल्द निर्णय लेने का दबाव बनाया। मुख्यमंत्री से मिलने का समय भी मांगा। मई की 11 तारीख को तेजस्वी एक अणे मार्ग पहुंचे और नीतीश कुमार के साथ बंद कमरे में करीब 40 मिनट तक बातचीत की। जदयू-राजद ने इसे पूरी तरह गैर राजनीतिक मुलाकात बताया। कहा कि जाति जनगणना को लेकर बातचीत हुई है, मगर राजनीतिक पंडित इस मुलाकात के मायने कुछ और निकालते रहे। 

जून में आरसीपी का कटा टिकट, जुलाई में गई कुर्सी 

भाजपा और जदयू के रिश्ते के बीच की अहम कड़ी केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह भी थे। आरसीपी की भाजपा के प्रति वफादारी कुछ ज्यादा थी। ऐसे में जदयू उनके राज्यसभा कार्यकाल समाप्त होने का इंतजार कर रहा था। जून में राज्यसभा टिकट देने की बारी आई तो आरसीपी का टिकट काट दिया गया। अगले माह जुलाई में उनका कार्यकाल पूरा हो गया और किसी भी सदन का सदस्य न होने के कारण वह केंद्रीय मंत्री की कुर्सी से भी बेदखल हो गए। जदयू अब केंद्र में एनडीए सरकार से बाहर थी। अब बारी बिहार की थी। जुलाई में सियासी पारा चढ़़ा रहा। जदयू-भाजपा के नेता एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी करते रहे और इधर नीतीश बीमार लालू का हालचाल लेने अस्पताल पहुंच गए।  जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगमन बिहार विधानसभा के शताब्दी समारोह कार्यक्रम में हुआ। लगा कि सबकुछ ठीक हो रहा है, मगर यह तूफान के पहले की शांति थी। नीतीश कुमार ने भी लंबी चुप्पी ओढ़ ली। जुलाई के आखिरी दो दिनों में भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह के आगमन को भाजपा के शक्ति प्रदर्शन से जोड़कर देखा गया। 

अगस्त ने अलगाव पर लगाई मुहर, राजद बना दोस्त

अगस्त के महीने में एक बार फिर आरसीपी फैक्टर सामने आया। भ्रष्टाचार का आरोप लगाए जाने के बाद आरसीपी सिंह ने जैसे ही इस्तीफा दिया, जदयू नेता खुलकर सामने आ गए। इशारों-इशारों में ललन सिंह ने आरसीपी के जरिए भाजपा पर जदयू के विरुद्ध साजिश का आरोप लगाया। बात बढ़ती गई। लगा जैसे भाजपा से गठबंधन तोड़ने के लिए इसी पल का इंतजार था। अब बस औपचारिकता बची थी। आखिरकार, नौ अगस्त को वह औपचारिकता भी पूरी हुई। जदयू और भाजपा का रिश्ता टूट गया। राजद से वापस दोस्ती हो गई। 

इसलिए चल रही थी नंबर वन पार्टी बनने की होड़

बिहार में चल रही राजनीतिक उठा-पटक अनायास और अचानक नहीं है। इसकी पृष्ठभूमि विधानसभा चुनाव के बाद से ही तैयार हो रही थी। इसका अंदेशा पक्ष और विपक्ष दोनों को था इसलिए तैयारी दोनों ओर से चल रही थी। भाजपा और राजद के बीच बिहार की नंबर वन पार्टी के लिए तोड़फोड़ इसी उठापटक के पहले की तैयारी थी। विधानसभा चुनाव के बाद राजद 75 विधायकों के साथ सबसे बड़ी पार्टी थी जबकि भाजपा के पास 74 विधायक थे। इसके बाद भाजपा ने मुकेश सहनी की वीआइपी को तोड़ दिया। तीन विधायकों को पार्टी में जोड़कर भाजपा ने अपनी संख्या 77 कर ली और नंबर वन पार्टी का तमगा हासिल कर लिया। राजद भी कहां पीछे रहने वाली थी। उसने पहले बोचहां से उपचुनाव जीता और फिर ओवैसी की पार्टी एआइएमआइएम के पांच में से चार विधायकों को तोड़कर 80 विधायकों के साथ फिर से सबसे बड़ी पार्टी का रुतबा हासिल कर लिया। बाद में अनंत सिंह को सजा मिलने से उनकी विधायकी चली गई जिसके बाद संख्या 79 रह गई मगर सबसे बड़ा दल अब भी राजद बना हुआ है।

ऐसे दूर हुई भाजपा, करीब आया राजद

07 जुलाई, 2021 : केंद्र में मंत्री बने आरसीपी सिंह। नीतीश की नाराजगी आई सामने।

16 अगस्त, 2021 : आरसीपी का पटना में भव्य रोड शो। जदयू में दिखने लगी दरार।

23 अगस्त, 2021 : नई दिल्ली में प्रधानमंत्री से साथ मिले नीतीश-तेजस्वी व अन्य नेता।

22 अप्रैल, 2022 : राबडी देवी के आवास पर इफ्तार पार्टी में पहुंचे नीतीश कुमार।

28 अप्रैल, 2022 : नीतीश की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए तेजस्वी और तेजप्रताप यादव। 

11 मई, 2022 : जाति आधारित गणना के मुद्दे पर नीतीश से मिलने पहुंचे तेजस्वी। 40 मिनट हुई बातचीत।

छह जुलाई, 2022 : लालू प्रसाद से मिलने अस्पताल पहुंचे नीतीश कुमार। तेजस्वी से भी हुई मुलाकात।

30-31 जुलाई : पटना में नडडा और अमित शाह का पटना आगमन। दो सौ सीटों पर तैयारी की बात। 

06 अगस्त : आरसीपी पर जदयू से इस्तीफा। भाजपा पर आरसीपी के बहाने साजिश का आरोप। 

09 अगस्त : जदयू-भाजपा गठबंधन टूटा। राजभवन में नीतीश का इस्तीफा। राजद से नया गठबंधन।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.