Bihar: तेजस्वी यादव ने मांगी पुरानी गलतियों की माफी, मुस्लिम-यादव की पार्टी बताकर की गई साजिश
Bihar Politics अब लालू तो पोस्टरों में वापस लौट गए हैं लेकिन तेजस्वी ने उस दौर की गलतियों के फिर से माफी मांगी है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण से पीछा छुड़ाकर राजद को फिर ए-टू-जेड की पार्टी करार दिया।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Politics: तेजस्वी के नेतृत्व में राजद अपने पुराने नेता लालू प्रसाद यादव के दौरान वाली छवि से बाहर निकलने की कोशिश लगातार कर रहा है। इस कवायद में राजद के सामने दुविधा भी है। पिछले विधानसभा चुनाव में राजद ने लालू की तस्वीरों तक से पीछा छुड़ा लिया था। अब लालू तो पोस्टरों में वापस लौट गए हैं, लेकिन तेजस्वी ने उस दौर की गलतियों के फिर से माफी मांगी है। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने माय (मुस्लिम-यादव) समीकरण से पीछा छुड़ाकर राजद को फिर ए-टू-जेड की पार्टी करार दिया और पहले की गलतियों के लिए माफी मांगी। तेजस्वी पटना स्थित कार्यालय में राजद के रजत जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे।
गलती महसूस करने वाला व्यक्ति ही बेहतर
तेजस्वी ने कहा कि हममें कोई कमी रह गई है तो माफी मांगते हैं, क्योंकि व्यक्ति वही अच्छा होता है जो अपनी गलती को महसूस करे और माफी मांगकर आगे बढ़े। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव में लालूजी के विचारों के साथ सामाजिक न्याय, धर्मनिरपेक्षता तथा ए-टू-जेड को जोड़कर हम आगे बढ़े। लोगों ने भरोसा किया और राजद को नंबर एक पार्टी बनाया।
राज्य सरकार को बताया बेईमानों का जमावड़ा
राजद के पुराने दिनों की याद करते हुए तेजस्वी ने कहा कि लालूजी ने महापुरुषों की प्रेरणा से राजद का गठन किया है। राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए तेजस्वी ने कहा कि बेईमानों का जमावड़ा लगा हुआ है। सत्ता पक्ष ने लोकतंत्र को कलंकित किया है। मंत्री ही सरकार की शैली पर सवाल उठा रहे हैं।
राजद के इतिहास को हर बूथ तक ले जाने का संकल्प
पार्टी के प्रदेश जगदानंद सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद ने राजद को विचारों से संपन्न किया है। हमें उनके विचारों और राजद के इतिहास को हर बूथ तक पहुंचाना है। तेजस्वी के नेतृत्व में बेहतर बिहार बनाने का संकल्प लेना है।
पासवान के चित्र पर किया माल्यार्पण
राजद नेताओं ने लोजपा के संस्थापक रामविलास पासवान की जयंती पर राज्य कार्यालय में उनके तैल चित्र पर माल्यार्पण किया। तेजस्वी ने उन्हें लालू प्रसाद का मित्र बताया और कहा कि आज वह हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके सामाजिक आंदोलन को भुलाया नहीं जा सकता।