Bihar Politics: तेजस्वी का बड़ा हमला, शपथ लेने वाले अफसर और सत्तारूढ़ दल के नेता पीते हैं शराब
CM Meeting on Liquor Ban शराबबंदी पर सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आज बड़ी समीक्षा बैठक कर रहे हैं। इस बीच बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर हर क्षेत्र में विफलता का आरोप लगाया है।
पटना, राज्य ब्यूरो। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा है कि अगर हजार बैठकों के बावजूद राज्य में शराब की बिक्री हो रही है तो यह प्रशासन की नहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) की विफलता है। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री की मंगलवार को हुई शराबबंदी की समीक्षा से पहले मुख्यमंत्री से 15 सवाल पूछे। पूछा कि छह वर्षों में शराब के कितने तस्कर, माफिया और अधिकारी जेल भेजे गए हैं। कितने डीएसपी-एसपी बर्खास्त हुए। सिर्फ सिपाही निलंबित किए जाते हैं। जबकि शराब पीने के आरोप में दलित और कमजोर वर्ग के लाखों लोग जेल में डाल दिए गए हैं। सरकार शराब माफियाओं के खिलाफ अदालत में साक्ष्य नहीं दे पाती है। माफिया तुरंत रिहा हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि समीक्षा का कोई परिणाम नहीं निकलता है। ये सिर्फ नौटंकी है।
सत्तारूढ़ दल के नेता पीते हैं शराब
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि शराबबंदी की शपथ लेने वाले अधिसंख्य अधिकारी और सत्तारूढ़ दल के नेता खुद शराब पीते हैं। सदन में साक्ष्य प्रस्तुत करने के बाद मंत्री रामसूरत राय और उनके भाई के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई। हम शराबबंदी में सहयोग करते हैं। साक्ष्य देते हैं। कई जदयू नेताओं के भी साक्ष्य दिए गए। किसी पर कार्रवाई नहीं हुई। तेजस्वी ने कहा कि मुख्यमंत्री को जीतनराम मांझी और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल सहित अन्य सांसदों की बातों पर भी गौर करना चाहिए। ये सब शराबबंदी की खामियां गिनाते हैं। सरकार उन पर अमल नहीं करती है। उन्होंने पूछा कि 15 दिनों में विभिन्न जिलों में जहरीली शराब से हुई 65 मौतों का दोषी कौन है। शराबबंदी के बावजूद प्रदेश की सीमा के अलावा 4-5 जिलों की सीमा पार कर करोड़ों लीटर शराब गंतव्य स्थल तक कैसे पहुंचती है? विपक्ष के नेता ने कहा कि दिखावटी समीक्षा बैठक के बदले मुख्यमंत्री गहन चिंतन करें। खुले मन से प्रशासन की गलतियां स्वीकार करें। इसके बिना शराबबंदी कारगर नहीं होगी।