महीनों बाद पार्टी के कार्यक्रम में नजर आए 'लालू', राजद के स्थापना दिवस से पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष का 'सम्मान'
Bihar Politics पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बावजूद लालू की तस्वीरें राजद के चुनावी अभियान में बेहद कम ही नजर आ रही थीं। इसको लेकर सत्ता पक्ष ने राजद लालू और तेजस्वी पर तब भी कटाक्ष किया था।
पटना, आनलाइन डेस्क। Bihar Politics: बिहार की राजनीति से लालू प्रसाद यादव कभी दूर नहीं हुए, लेकिन पार्टी के आयोजन में उनकी इंट्री शायद बड़े अंतराल के बाद हुई है। यह इंट्री उनकी खुद की नहीं, बल्कि तस्वीर और पोस्टर की है। दरअसल पटना में राजद के आयोजनों में लालू यादव की तस्वीरें दिखनी लगभग बंद ही हो गई थीं। बिहार में सत्ता पक्ष के नेता तो यहां तक दावा करते थे कि खुद उनकी पार्टी राजद के पटना दफ्तर में भी उनकी तस्वीर और पोस्टर देखने को नहीं मिल पाते थे। पिछले दिनों पटना लौटने के बाद तेजस्वी यादव ने अपनी मां राबड़ी देवी के आवास पर विधायक दल और वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक की तो लालू की तस्वीर पोस्टर पर लगी नजर आई।
तस्वीरों में दिखा लालू का पोस्टर तो चर्चाएं हुईं तेज
राजद की इस बैठक की तस्वीरें सामने आईं तो उनमें एक पोस्टर में लालू की तस्वीर भी नजर आई। इसके बाद चर्चाओं को हवा मिल गई। किसी ने इसे सामान्य तौर पर लिया तो कोई चुटकी भी ले रहा है। बैठक के लिए बने मंच पर तेजस्वी-तेज प्रताप यादव की कुर्सी के ठीक पीछे और दोनों किनारे की दीवारों पर पोस्टर लगे नजर आए। इनमें पीछे वाले पोस्टर पर केवल पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न की तस्वीर थी। तेजस्वी के दाहिनी तरफ लगे पोस्टर में कर्पूरी ठाकुर, महात्मा गांधी और आंबेडकर जैसे कई महापुरुषों की तस्वीरें लगीं नजर आईं।
तेज प्रताप यादव के ट्विटर अकाउंट से साभार ली गई तस्वीर
राष्ट्रीय अध्यक्ष की तस्वीर लगी भी तो कहां
लालू प्रसाद यादव राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। उनकी पार्टी की महत्वपूर्ण बैठक में शायद लंबे अरसे के बाद उनका पोस्टर लगा नजर आया है। लेकिन इस पोस्टर के नजर आने में भी काफी वक्त लग गया। यह पोस्टर तेजस्वी और तेज प्रताप की बाईं तरफ की दीवार पर लगाया गया था। इस पोस्टर में राबड़ी देवी और लालू यादव दोनों की तस्वीर लगी है। लेकिन लालू की तस्वीर ऐसी जगह पर लगी है कि आसानी से शायद कैमरे में भी नहीं आ सकी। एक वक्त था कि लालू की पार्टी के दफ्तर और बैनरों पर उनकी बड़ी तस्वीरें और बड़ी होर्डिंग छाई रहती थी।
तेजस्वी यादव के ट्विटर अकाउंट पर साझा की गई तस्वीर
तेज प्रताप की साझा की गई तस्वीरों में नहीं दिखे लालू
राजद की यह बैठक 28 जून को हुई थी। उसी दिन लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने बैठक की चार तस्वीरें ट्विटर पर शेयर की थीं। इन तस्वीरों में पीछे का पोस्टर लगभग पूरा और उनकी दायीं तरफ लगा पोस्टर भी लगभग पूरा ही नजर आ रहा है। हालांकि बाईं तरफ के पोस्टर का थोड़ा ही हिस्सा उन तस्वीरों में दिखा, जिसमें उनकी पत्नी राबड़ी देवी का थोड़ा चेहरा नजर आ रहा है, लेकिन लालू नजर नहीं आ रहे। हां तेजस्वी ने जो तस्वीरें अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा की हैं, उनमें जरूर लालू नजर आ रहे हैं।
विधानसभा चुनाव में पोस्टर पर छाए रहे तेजस्वी
गत वर्ष हुए बिहार विधानसभा के चुनाव में पोस्टरों पर तेजस्वी छाए रहे। होर्डिग्स और कट आउट्स के अलावा सभाओं में मंच पर भी तेजस्वी की ही तस्वीरें दिखीं। पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के बावजूद लालू की तस्वीरें राजद के चुनावी अभियान में बेहद कम ही नजर आ रही थीं। इसको लेकर सत्ता पक्ष ने राजद, लालू और तेजस्वी पर तब भी कटाक्ष किया था। कम्युनिस्ट पार्टियों में काफी हद तक व्यक्ति पूजा से बचा जाता है, लेकिन राजद में यह बदलाव ही कहा जाएगा। दूसरी पार्टियों के आयोजनों में भी मंच पर बड़े नेताओं की तस्वीर वहीं लगी होती है, जहां कैमरे की नजर सबसे पहले जाए।
जमानत मिलने के बाद लगातार पिता की सेवा में रहे तेजस्वी
चारा घोटाले के मामले में पिता लालू प्रसाद यादव को जमानत मिलने के बाद तेजस्वी लगभग दो महीने तक उनके साथ दिल्ली में रहे। उन्होंने बताया कि पिता की खराब सेहत के कारण उन्हें फिलहाल पटना लाया जाना संभव नहीं है। इसलिए वे अपने पिता की देखभाल में लगे हैं। भाजपा-जदयू के नेताओं ने तब भी उन पर कोरोना की आपदा में राज्य से बाहर रहने का आरोप लगाया और तरह-तरह की बातें कहीं।
स्थापना दिवस पर वर्चुअल संबोधन में दिखेंगे लालू
जमानत मिलने के बाद अब तक केवल एक बार लालू कुछ मिनट के लिए पार्टी की एक वर्चुअल मीटिंग में जुड़े हैं। अब उन्हें पार्टी के 25वें स्थापना दिवस में देखने-सुनने का मौका कार्यकर्ताओं और आम लोगों को मिल सकता है। हालांकि यह सब उनकी तबीयत पर निर्भर करेगा। तेजस्वी ने पिछले दिनों दावा किया कि उन्होंने डॉक्टरों से अपने पिता को पटना लाने की इजाजत मांगी है। अगर इजाजत मिलती है तो लालू पटना में आयोजित पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में सदेह नजर आएंगे। अगर ऐसा नहीं हो सका तो वे वर्चुअल उपस्थिति दर्ज कराएंगे और कार्यकर्ताओं का हौसला बढ़ाएंगे। लालू के जेल में रहते भले ही सार्वजनिक मंच पर उनके नाम और तस्वीर का उपयोग नहीं किया गया, लेकिन अब पार्टी कार्यकर्ता उनको देखने-सुनने के लिए उत्साहित हैं।