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Bihar Politics: लालू- तेजस्वी ने शहाबुद्दीन के परिवार से किया किनारा, हिना शहाब RJD से लगभग आउट

Bihar Politics शहाबुद्दीन और राजद परिवार के बीच ऐसी दूरी बन गई है जो पाटने लायक नहीं दिख रही है। शहाबुद्दीन के स्वजनों और राजद नेतृत्व के बीच काफी वक्त से सबकुछ ठीक नहीं चल रहा।इस बीच हिना शहाब को राजद कार्यकारिणी से आउट कर दिया गया है।

By Arun AsheshEdited By: Rahul KumarPublished: Sun, 27 Nov 2022 01:06 PM (IST)Updated: Sun, 27 Nov 2022 11:09 PM (IST)
Bihar Politics: लालू- तेजस्वी ने शहाबुद्दीन के परिवार से किया किनारा, हिना शहाब RJD से लगभग आउट
शहाबुद्दीन और राजद परिवार के बीच बन गई है न पाटने लायक दूरी। फाइल फोटो

अरुण अशेष, पटना। राजद और पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन के परिवार के बीच दूरी इस हद तक बढ़ती जा रही है कि अब फिर से एक होने की संभावना नजर नहीं आ रही है। राजद ने हाल ही में राष्ट्रीय कार्यकारिणी, केंद्रीय संसदीय बोर्ड और प्रदेश संसदीय बोर्ड का गठन किया। तीनों में दो सौ से अधिक सदस्य हैं। इनमें शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब या उनके पुत्र ओसामा को जगह नहीं दी गई।

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सूची में शरद यादव सहित उनके खेमे के कई नाम हैं। कई नाम ऐसे भी जो खराब समय में राजद छोड़कर दूसरे दलों में चले गए थे। दूसरे दलों में इज्जत नहीं मिली तो पुराना घर बता कर फिर राजद में लौट आए। माना जा रहा है कि शहाबुद्दीन का परिवार भी पहले की तरह राजद से करीबी नहीं महसूस कर रहा है।

कहां से हुई शुरुआत

शहाबुद्दीन के जीते जी दोनों परिवारों के बीच दूरी बढ़ने लगी थी। शहाबुद्दीन जेल में थे। निकले तो कह दिया कि नीतीश कुमार परिस्थितयों के मुख्यमंत्री हैं। उन दिनों राजद-जदयू की साझा सरकार चल रही थी। परिस्थितयों के मुख्यमंत्री कहे जाने पर नीतीश आहत हुए। 2017 में राजद से नीतीश के अलग होने के कई कारण बने। उनमें से एक यह वक्तव्य भी था। हालांकि उसके बाद से शहाबुद्दीन पर कानून की सख्ती बढ़ती गई। सजा के दाैरान ही उनका निधन भी हुआ।

ताजा नाराजगी की ये है वजह

राजद से शहाबुद्दीन परिवार की ताजा नाराजगी गोपालगंज उप चुनाव में उस परिवार की भूमिका है। आरोप है कि शहाबुद्दीन के स्वजनों ने उस उप चुनाव में राजद उम्मीदवार की मदद नहीं की। परिवार के प्रभाव वाले मुस्लिम वोट एआइएमआइएम के खाते में चले गए। एआइएमआइएम के उम्मीदवार को 11 हजार से अधिक वोट मिले। इधर दो हजार से कम वोटों के अंतर से राजद उम्मीदवार की हार हो गई। कहते हैं कि गोपालगंज उप चुनाव ने राजद सुप्रीमो का मन छोटा कर दिया। वैसे भी उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव लालू की विरासत के उन लोगों का परिवारों को साथ लेकर चलने में दिलचस्पी नहीं रख रहे हैं, जिनके चलते पार्टी की दबंग वाली छवि बनती है।

हिना शराब को राजद ने दिया था टिकट

ऐसा नहीं है कि शहाबुद्दीन के जेल चले जाने के बाद राजद ने उनके स्वजनों का ख्याल नहीं रखा। 2019 के लोकसभा चुनाव में हिना शहाब सिवान से राजद की उम्मीदवार थीं। उन्हें तीन लाख 30 हजार वोट मिले थे। जबकि जदयू उम्मीदवार कविता देवी चार लाख 47 हजार वोट लेकर चुनाव जीत गई थीं। 1996, 1998, 1999 और 2004 में शहाबुद्दीन सिवान से लोकसभा का चुनाव जीते।राजद ने 2009, 2014 और 2019 में हिना को उम्मीदवार बनाया। वह लगातार हारती रहीं।

हालांकि हार का कारण यह बताया जाता था कि शहाबुद्दीन की अनुपस्थिति में माय समीकरण के दूसरे फरीक यादवों ने साथ नहीं दिया। इस आरोप को संयोग ने मजबूत किया कि हिना शहाब दो चुनाव ओमप्रकाश यादव से हारीं। ओम प्रकाश 2009 में निर्दलीय और 2014 में भाजपा से सांसद बने थे।


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