Bihar BJP Vs JDU : भाजपा को ललन सिंह की नसीहत...निर्णय लेने में सक्षम हैं सीएम नीतीश कुमार
कोविड महामारी के बीच भाजपा बनाम जदयू वाकयुद्ध शुरू हो गया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष की नाइट कर्फ्यू समझ से परे बातना जदयू को कतई पसंद नहीं आया। दो दिनों से जदयू के नेता बगैर संजय जायसवाल का नाम लिए उन्हें नसीहत की घुट्टी पिला रहे हैं ।
पटना, राज्य ब्यूरो। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डाॅ. संजय जायसवाल द्वारा सीएम नीतीश कुमार के नाइट कर्फ्यू के निर्णया को 'समझ से परे- बताना , सहयोगी जदयू को कतई पसंद नहीं आया। दो दिनों से जदयू के कई नेता बगैर संजय जायसवाल का नाम लिए उन्हें नसीहत की घुट्टी पिला रहे हैं। बुधवार को जदयू संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने संक्षिप्त ट्वीट कर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को नसीहत दी कि ' यह राजनीति का वक्त नहीं है।' जदयू के मंत्री संजय झा ने भी इशारे में भाजपा को सलाह दे डाला था। अब आज गुरुवार को लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने कहा-लॉकडाउन की मांग करने वाले नेता महज अखबारी हैं। सिर्फ बैठे-बैठे ज्ञान दे रहे हैं। उन्हें समझना चाहिए कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना संकट से निबटने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
यह कहा था भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने
मालूम हो कि डा. संजय जायसवाल ने कोरोना के खिलाफ रणनीति बनाने के लिए राज्यपाल की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में सलाह दी थी कि सरकार शुक्रवार की शाम से सोमवार की सुबह तक लॉकडाउन घोषित करे। सर्वदलीय बैठक के अगले दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनकी मांग को दरकिनार करते हुए सिर्फ नाइट कर्फ्यू की घोषणा की। इसके बाद डॉ जायसवाल ने ट्वीट किया था कि नाइट कर्फ्यू कोविड संक्रमण के प्रसार को कैसे रोकेगा, यह समझ से परे है। बस, यही बात जदयू को नागवार गुजरी और जदयू के नेता डा. जायसवाल का विरोध कर रहे हैं।
ललन सिंह ने क्या कहा
लोकसभा में जदयू संसदीय दल के नेता राजीव रंजन सिंह ऊर्फ ललन सिंह ने गुरुवार को यहां कहा-लॉकडाउन की मांग करने वाले लोग अखबारी नेता हैं। सिर्फ बैठे-बैठे ज्ञान देते रहते हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कोरोना के मामलों की रोज समीक्षा करते हैं। अगर राज्य में लॉक डाउन की जरूरत होगी तो सीएम खुद फैसला ले लेंगे। बयानबाजी करनेवाले नेताओं को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के रुख को जान लेना चाहिए।
संकट के समय गायब रहते हैं
ललन सिंह ने विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव की इस बात के लिए आलोचना की कि संकट के समय वे राज्य से बाहर चले जाते हैं। इसके कई उदाहरण हैं। राज्य में संकट के समय तेजस्वी दृश्य से ओझल हो जाते हैं। हालांकि तेजस्वी कोई ज्ञानी पुरुष नहीं हैं कि उनकी बातों को गंभीरता से लिया जाए। इतिहास गवाह रहा है, तेजस्वी यादव ने कभी जनता के बीच मे रहकर सेवा नहीं की। विपक्ष के नेता बिल में घुसकर सिर्फ बयानबाजी करते रहते हैं। तेजस्वी के बयान पर किसी तरह का नोटिस लेने की जरूरत नहीं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रोज की स्थिति पर फैसला ले रहे हैं।
वैक्सीन लें, मास्क पहने
सांसद ललन सिंह ने सबसे वैक्सीन लेने की अपील की। बोले. वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार ने घोषणा की तो बिहार ने मुफ्त वैक्सीन लगाने का फैसला लिया। अब सभी उम्र और वर्ग के लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगेगी। एक मई से 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन दी जाएगी। शोध से साबित हो रहा है कि वैक्सीन लेने वाले लोग महज तीन प्रतिशत संक्रमित हो रहे हैं।