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Bihar Politics: भाजपा ने चिराग पासवान को दिया भाव तो खफा हो गए जीतनराम मांझी

लोजपा को भाजपा का भाव देना हम को नागवार गुजरा है। जीतन राम मांझी की पार्टी ने भाजपा के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा ने दिल्ली में बजट से पहले राजग संसदीय दलों की बैठक बुलाई थी जिसमें लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को भी आमंत्रित किया था।

By Akshay PandeyEdited By: Published: Sat, 30 Jan 2021 06:40 PM (IST)Updated: Sun, 31 Jan 2021 10:03 PM (IST)
Bihar Politics: भाजपा ने चिराग पासवान को दिया भाव तो खफा हो गए जीतनराम मांझी
लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान और जीतन राम मांझी। जागरण आर्काइव।

राज्य ब्यूरो, पटना। बिहार विधानसभा चुनाव में जनता दल युनाइटेड (जदयू) के खराब प्रदर्शन की प्रमुख वजह बनी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने जब भाव दिया तो हिंदूस्तानी अवाम मोर्चा (हम) को नागवार गुजरा। जीतन राम मांझी की पार्टी ने भाजपा के फैसले पर कड़ी आपत्ति जताई है। भाजपा ने दिल्ली में बजट से पहले राजग संसदीय दलों की बैठक बुलाई थी, जिसमें लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को भी आमंत्रित किया गया। हालांकि बीमार होने के चलते चिराग ने उस बैठक में शिरकत नहीं की, लेकिन बिहार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) में इसे लेकर राजनीति गर्म हो गई। 

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हम प्रवक्ता बोले-चुनाव लोजपा ने राजग की पीठ में घोंपा छूरा

जदयू की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन हम के प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा है कि चुनाव के दौरान लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की पीठ में छूरा घोंपा है। ऐसे में उसे एनडीए में रखना ठीक नहीं होगा। इससे राजग की एकजुटता पर सवाल खड़े होंगे। दानिश ने कहा कि भाजपा के फैसले से हमारा दल आहत है। हम बिहार में जदयू के साथ हैैं और भाजपा के साथ रहने को लेकर फैसला पार्टी प्रमुख जीतनराम मांझी को करना है। 

नीतीश के करीबी माने जाते हैं मांझी

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) संसदीय दलों की बैठक में लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को बुलाए जाने को लेकर जदयू की तरफ से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन बिहार की राजनीति में मांझी को अभी नीतीश कुमार का बेहद करीबी माना जाता है। विधानसभा चुनाव में नीतीश ने मांझी को अपने प्रभाव के जरिए राजग का साझीदार बनाया था। गठबंधन के तहत उन्हें अपने हिस्से से विधानसभा की सात सीटें भी दी थीं। इसलिए मांझी की पार्टी के बयान को गंभीरता से लिया जा रहा है। गौरतलब हो कि बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान चिराग पासवान ने जनता से जदयू को वोट न देने की अपील की थी। ऐसा वे अपनी हर सभा में कहते थे। 


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