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Bihar Panchayat Chunav 2021: लोकतंत्र का सुखद संकेत, पंचायत चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही महिलाएं

Bihar Panchayat Election 2021 पंचायत चुनाव में पुरुषों की तुलना में यदि महिलाएं ज्यादा नामांकन दाखिल कर रही हैं तो यह शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रोत्साहन का नतीजा है। उम्मीद की जानी चाहिए कि इस बार पंचायत की सरकारें जनता की अपेक्षाओं पर खरी उतरेंगी।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 16 Sep 2021 02:32 PM (IST)Updated: Thu, 16 Sep 2021 02:49 PM (IST)
Bihar Panchayat Chunav 2021: लोकतंत्र का सुखद संकेत, पंचायत चुनाव में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रही महिलाएं
महिलाएं ज्यादा नामांकन दाखिल कर रही हैं तो इसे सरकार की सफलता के रूप में देखना चाहिए।

पटना, स्टेट ब्यूरो। Bihar Panchayat Election 2021 राज्य में पंचायत चुनाव के लिए प्रत्याशियों की भीड़ से भले ही चुनावी व्यवस्था कुछ चुनौतीपूर्ण हो सकती है, लेकिन इसमें महिलाओं और युवाओं की सर्वाधिक भागीदारी लोकतंत्र के लिए सुखद संकेत है। दो चरणों की नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। त्रिस्तरीय पंचायत के सभी पदों पर महिलाओं के लिए एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था है। अनारक्षित पदों पर भी पुरुषों की तुलना में महिलाएं ज्यादा नामांकन दाखिल कर रही हैं तो इसे सरकार की सफलता के रूप में देखना चाहिए।

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शिक्षा सहित सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में लगातार प्रोत्साहन दिए जाने का ही नतीजा है कि महिलाएं जागरूक हुई हैं और नेतृत्व के लिए अपनी प्रतिबद्धता दिखा रही हैं। त्रिस्तरीय पंचायत के निर्वाचित सदस्यों का उत्तरदायित्व सीधे जनता के प्रति है, न कि प्रशासन या शासन के प्रति। उनका सशक्त, जागरूक एवं सक्रिय होना पंचायती राज की अवधारणा के लिए जरूरी है। इसके लिए आवश्यक है कि वे शिक्षित होने के साथ ही साफ-सुथरी छवि के हों।

मतदाताओं की भूमिका सिर्फ वोट देने मात्र से समाप्त नहीं हो जाती। महत्वपूर्ण यह भी है कि वे ग्राम सभा की बैठकों में सक्रिय रूप से भाग लें और अपनी बातों को रखें। साथ ही निर्वाचित प्रतिनिधि के माध्यम से ग्राम पंचायत की बैठकों में अपनी समस्याओं को उठाएं। निगरानी समिति के गठन में भाग लेकर स्वयं ग्राम पंचायत के कार्यो पर नजर रखें तथा समस्त योजनाओं को ठीक ढंग से लागू करवाएं।

त्रिस्तरीय पंचायत व्यवस्था में ग्राम पंचायत ही एकमात्र निर्वाचित प्रतिनिधियों की ऐसी संस्था है, जिसे जनता को आमने-सामने होकर जवाब देना पड़ता है तथा अधिकतर कार्यकलापों के लिए निर्णय लेने से पहले उनकी मंजूरी लेनी पड़ती है। इसके लिए जरूरी है कि पढ़े-लिखे और योग्य प्रत्याशियों को चुना जाए, जिससे वे बेबाक तरीके से शासन और अधिकारियों के समक्ष ग्रामीणों की बातों को रखें और जनोपयोगी योजनाओं को मूर्त रूप दिला सकें।

प्रदेश में आगामी 24 सितंबर से 12 दिसंबर तक 11 चरणों में पंचायत चुनाव होना है। इस बार के मतदान में बैलेट पेपर के अलावा ईवीएम का भी इस्तेमाल किया जाएगा। नया साल आते-आते ग्राम स्वराज की नई व्यवस्था कायम हो जाएगी। 


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