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Bihar Panchayat Election 2021: विकास कार्यों में भ्रम का पेंच, आदेश के बावजूद पंचायत समितियों को भुगतान नहीं

Bihar Panchayat Election 2021 बिहार में पंचायत चुनाव के दौरान पंचायत समितियों के जरिए होने वाले विकास कार्यों पर रोक नहीं है लेकिन व्यवहारिक तौर पर ऐसा नहीं दिख रहा है। पंचायत समितियों को भुगतान नहीं किया जा रहा है।

By Amit AlokEdited By: Published: Thu, 09 Sep 2021 12:41 PM (IST)Updated: Thu, 09 Sep 2021 01:32 PM (IST)
बिहार में पंचायत चुनाव की प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर।

पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Panchayat Election 2021 प्रखंड स्तरीय पंचायत समितियों के जरिए होने वाले विकास कार्यों पर व्यवहारिक तौर पर रोक लगी हुई है। चुनाव की घोषणा के साथ ही पंचायत राज विभाग ने पहले से चल रही विकास योजनाओं पर भी रोक लगा दी थी। जन प्रतिनिधियों के विरोध के बाद रोक वापस ली गई। दो सितम्बर को इस आशय का आदेश जारी किया गया। इसके बावजूद प्रखंड स्तरीय पंचायत समिति का डोंगल नहीं बनने के कारण योजनाओं के लिए सामानों की आपूर्ति करने वालों के अलावा मजदूरों का भी भुगतान नहीं हो रहा है। 15वें वित्त आयोग की सिफारिशों के तहत पंचायती राज संस्थाओं को दी गई राशि का 20 फीसद हिस्सा प्रखंड स्तरीय पंचायत समितियों के जरिये खर्च होता है। 70 फीसद हिस्सा पंचायतों को जाता है, जब 10 फीसद राशि जिला परिषद के जरिए खर्च होती है। विकास कार्यों में कंफ्युजन का पेंच फंस गया दिख रहा है।

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क्या है पूरा मामला, जानिए

राज्य सरकार ने 24 अगस्त को आदेश जारी किया। इसके तहत पंचायती राज संस्थाओं में पहले से चल रही योजनाओं के कार्यान्वयन और भुगतान पर रोक लगा दी गई। इसका विरोध हुआ। दो सितम्बर को रोक हटा ली गई, लेकिन भुगतान का मामला फंस गया। सरकार ने पंचायत सचिव के पद से प्रखंड विकास पदाधिकारी को हटा दिया। तय हुआ कि पंचायत राज पदाधिकारी पंचायत सचिव का दायित्व निभाएंगे, लेकिन अबतक पंचायत राज पदाधिकारियों को वित्तीय अधिकार नहीं दिया गया। प्रखंड विकास पदाधिकारी के नाम पर पहले बने डोंगल को निष्क्रिय कर दिया गया है। नए पंचायत राज पदाधिकारी के डिजिटल सिग्नेचर वाला डोंगल बना नहीं, प्रखंड विकास पदाधिकारी का डोंगल निष्क्रिय है। नतीजा: वेंडर और मजदूर का भुगतान नहीं हो रहा है।

सरकार का दोहरा मापदंड

सरकार ने यह भी तय किया था कि डीडीसी अब जिला परिषद का काम नहीं देखेंगे। यह जिम्मेवारी जिला पंचायत राज पदाधिकारी को दी जाएगी। यह लागू नहीं हुआ। जिला पंचायत राज पदाधिकारी पहले से तैनात हैं। उन्हें वित्तीय अधिकार नहीं दिया गया है। पहले की तरह जिला परिषद का काम डीडीसी देख रहे हैं। इधर पंचायत समितियां बीडीओ और प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के बीच झूल रही हैं।


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