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बिहार में तीन लाख 52 हजार नियोजित शिक्षकों के तबादले की बनेगी ठोस नीति, ईपीएफ भुगतान को लेकर भी बदलेगा नियम

Bihar News बिहार में तीन लाख 52 हजार नियोजित शिक्षकों के तबादले की ठोस नीति बनेगी। शिक्षा मंत्री डा.चंद्रशेखर ने शिक्षक संगठनों के प्रतिनिधियों के वार्ता के बाद इसकी घोषणा की।ईपीएफ भुगतान में शिक्षकों के लिए तीन साल की नौकरी की अनिवार्यता भी खत्म होगी

By Jagran NewsEdited By: Rahul KumarPublished: Fri, 18 Nov 2022 07:31 PM (IST)Updated: Fri, 18 Nov 2022 07:31 PM (IST)
बिहार में तीन लाख 52 हजार नियोजित शिक्षकों के तबादले की बनेगी ठोस नीति, ईपीएफ भुगतान को लेकर भी बदलेगा नियम
बिहार में तीन लाख 52 हजार नियोजित शिक्षकों के तबादले की बनेगी नीति। सांकेतिक तस्वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। राज्य के सभी 81 हजार 460 प्रारंभिक, माध्यमिक और  उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कार्यरत तीन लाख 52 हजार शिक्षकों के स्थानातंरण के लिए ठोस नीति बनेगी। शिक्षकों की सुविधाओं का पूरा ध्यान रखा जाएगा। शिक्षा मंत्री डा.चंद्रशेखर ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की।

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सिमुलतला आवासीय विद्यालय माडल को हर जिले के एक स्कूल में लागू करेंगे 

उन्होंने पत्रकारों से कहा कि ईपीएफ भुगतान में नियोजित शिक्षकों के लिए तीन साल की नौकरी की अनिवार्यता को खत्म किया जा सकता है। इससे उन शिक्षकों के आश्रितों को ईपीएफ का लाभ मिलेगा जिन शिक्षकों की मृत्यु नौकरी करने के तीन साल के भीतर हो जाती है। वर्तमान में नौकरी आरंभ करने के तीन साल के अंदर यदि किसी शिक्षक की मृत्यु हो जाती है तो उसके आश्रित को इसका लाभ नहीं मिल पाता है। शिक्षा मंत्री ने यह घोषणा की कि सिमुलतला आवासीय विद्यालय का माडल को हर जिले के एक स्कूल में लागू करेंगे। यहां बता दें कि 2010 में जमुई जिले में स्थापित सिमुलतला आवासीय विद्यालय को नेतरहाट विद्यालय की तर्ज पर संचालित किया जा रहा है, जहां प्रवेश परीक्षा के आधार पर छठी कक्षा में योग्य 60 छात्रों एवं 60 छात्राओं का नामांकन लिया जाता है और बारहवीं कक्षा तक आवासीय सुविधाओं के साथ पढ़ाई कराई जाती है।

शिक्षकों की मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार करने का आश्वासन 

शिक्षक संगठनों के नेताओं से बातचीत के बाद शिक्षा मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एवं उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की चिंता के वे वाहक हैं। इस चिंता को लेकर शुक्रवार को दर्जनों शिक्षक संगठनों से बातचीत हुई। शिक्षकों की कुछ ऐसी मांगें हैं जिसे बिना देर किए पूरा किया जा सकता है। शिक्षकों की अन्य जितनी मांगें हैं, उन सब पर सरकार के स्तर पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा। बैठक में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह, निदेशक (माध्यमक) मनोज कुमार, निदेशक (प्राथमिक) रवि प्रकाश के अलावा बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव शत्रुघ्न प्रसाद सिंह समेत अन्य शिक्षक नेता मौजूद थे।

शिक्षकों की प्रमुख मांगें

  •  वेतन असमानता व विसंगति को अविलंब दूर करे सरकार
  •  समान काम के बदले समान वेतन लागू हो
  •  9300 रुपये का वेतनमान का प्रविधान हो
  •  बिहार लोक सेवा आयोग से हो शिक्षकों की नियुक्ति
  •  शिक्षकों को मिले राजकर्मी का दर्जा
  •  पंचायतीराज व्यवस्था से शिक्षकों को मुक्त किया जाए
  •  किसी शिक्षक की सेवा समाप्ति या बर्खास्तगी नहीं हो
  •  गैरहाजिरी के नाम पर वेतन बंद या कटौती नहीं हो
  •  विद्यालय निरीक्षण के नाम पर शिक्षकों को प्रताड़ित व शोषण बंद हो
  •  एकसमान अवकाश तालिका घोषित हो
  •  हर विद्यालय में पाठ टीका लागू हो
  •  शिक्षकों के मूल्यांकन में 80 प्रतिशत लिखित परीक्षा एवं 20 प्रतिशत एसेसमेंट का प्रविधान हो
  •  बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के परीक्षा व अन्य व्यवस्था में सुधार हो

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