बिहार में कांग्रेस 24 घंटे में चौथी बार बदला पैंतरा, विधान परिषद चुनाव का बदला पूरा गणित
Bihar Politics बिहार विधान परिषद चुनाव में कांग्रेस ने अपना स्टैंड एक बार फिर बदला आलाकमान के इनकार के दावे के बाद फिर से मैदान में उतरने की तैयारी अन्य दल के विधायकों की मदद के भरोसे परिषद सीट पर एक उम्मीदवार देने की तैयारी
By Shubh Narayan PathakEdited By: Updated: Thu, 09 Jun 2022 11:26 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Politics: बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए हो रहे चुनाव को कांग्रेस ने पेचीदा बना दिया है। तीन दिनों में इस मसले पर कांग्रेस चार बाद अपना पैंतरा बदल चुकी है। विधान परिषद चुनाव की घोषणा के बाद से कांग्रेस ने इतने रंग दिखाए हैं कि राजनीति करने वाले सूरमा भी चकमा खा गए। मंगलवार की सुबह तक कांग्रेस विधान परिषद चुनाव में न्यूट्रल थी। शाम तक प्रवक्ता का बयान आया कि पार्टी अपना प्रत्याशी देने जा रही है। बुधवार को फिर कहा गया कि पार्टी अपना प्रत्याशी नहीं देगी। अब गुरुवार को कांग्रेस का नया रूख देखने को मिल रहा है। पार्टी की ओर से उम्मीदवार बताए जा रहे प्रद्युमन यादव ने नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए रसीद कटा ली है।
दरअसल, कांग्रेस चाहती थी कि महागठबंधन की ओर से प्रत्याशी तय किए जाएं तो उसे भी प्रतिनिधित्व मिले। लालू यादव और तेजस्वी यादव की ओर से तीन सीटों के लिए केवल राजद के ही उम्मीदवारों का एलान कर दिए जाने के बाद कांग्रेस ने नया पैंतरा लिया। कांग्रेस ने वाम दलों को साथ आने और एमएलसी चुनाव में प्रत्याशी देने का न्यौता दिया। वाम दलों ने जब इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी तो कांग्रेस दूसरे दलों के 15 विधायकों का समर्थन होने की बात कहकर प्रत्याशी देने की तैयारी में जुटी।
आलाकमान से नहीं मिल सकी मंजूरी
बुधवार को कहा गया कि कांग्रेस बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए हो रहे चुनाव में प्रत्याशी नहीं देगी। पार्टी आलाकमान क्रास वोटिंग के पक्ष में नहीं। लिहाजा उसने उम्मीदवार उतारने के फैसले पर विराम लगा दिया है। मंगलवार को बिहार कांग्रेस की ओर से दावा किया गया था कि पार्टी विधान परिषद की एक सीट पर अपना उम्मीदवार उतारेगी। पार्टी का दावा था कि उसके 19 विधायक है। इन विधायकों के अलावा दूसरे कई राजनीतिक दलों के नाराज विधायक परिषद चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में क्रास वोट करने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं। दावा था कि नाराज विधायक राजद और जदयू दोनों दलों में हैं। इनकी संख्या 15-16 बताई जा रही थी।
कांग्रेस ने दो नामों पर बना ली थी सहमति
अन्य पार्टियों के नाराज विधायकों की सहमति के बाद कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व ने आलाकमान से प्रत्याशी उतारने की अनुमति मांगी थी। इस बीच प्रदेश नेतृत्व ने दो नामों पर सहमति भी बना ली थी। इनमें एक नाम संजीव सिंह और दूसरा पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी बताया जा रहा था। उम्मीद की जा रही थी आलाकमान प्रदेश के नेतृत्व पर सहमति देगा। लेकिन कांग्रेस आलाकमान ने परिषद चुनाव में प्रत्याशी उतारने से साफ मना कर दिया है। पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया समन्वयक संजीव सिंह ने बताया कि पार्टी का फैसला चुनाव नहीं लडऩे का है। इधर कांग्रेस विधान मंडल दल के नेता अजीत शर्मा ने भी साफ किया कि पार्टी परिषद चुनाव में प्रत्याशी नहीं देगी।
सात सीटों के लिए हो रहा है चुनाव बिहार विधान परिषद की सात सीटों के लिए चुनाव हो रहे हैं। इनमें राजद ने तीन जबकि जदयू और भाजपा ने दो-दो उम्मीदवारों के नाम का एलान किया है। सात सीटों के लिए सात ही उम्मीदवार होने के कारण सभी का चयन निर्विरोध होने की संभावना थी, लेकिन अब कांग्रेेस के उम्मीदवार देने के बाद मामला फंस सकता है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।