बिहार में मंत्रियों के वेतन-भत्ते में 30 से 35 हजार रुपये की मासिक वृद्धि, जानिए अब कितनी मिलेगी सैलरी
Bihar Ministers Salary Increment सरकार ने विधायकों विधान पार्षदों के साथ ही विधानमंडल मुख्य सचेतक उप मुख्य सचेतक व सचेतक के वेतन-भत्ते में वृद्धि के बाद अगली कड़ी में अब राज्य सरकार के मंत्रियों के वेतन भत्ते में वृद्धि का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
पटना, राज्य ब्यूरो: सरकार ने विधायकों, विधान पार्षदों के साथ ही विधानमंडल मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक व सचेतक के वेतन-भत्ते में वृद्धि के बाद अगली कड़ी में अब राज्य सरकार के मंत्रियों के वेतन भत्ते में वृद्धि का प्रस्ताव स्वीकृत किया है।
मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई। बैठक में कुल 35 प्रस्ताव स्वीकृत किए गए।
सरकार के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मंत्रियों के वेतन-भत्ते में वृद्धि का प्रस्ताव पिछले काफी समय से लंबित था, जिस पर मंगलवार को हुई बैठक में विमर्श करने के बाद इसे स्वीकृति दे दी गई।
सूत्रों की माने तो मंत्रियों के वेतन-भत्ते में करीब 30-35 हजार रुपये की मासिक वृद्धि की गई है। इस वृद्धि के बाद मंत्रियों का मासिक वेतन-भत्ता मिलाकर करीब 2.65 लाख हो जाएगा।
मंत्रिमंडल ने कई केंद्रीय योजनाओं के लिए भी राज्य मद से राशि का आवंटन स्वीकृत किया है। इसी कड़ी में समग्र शिक्षा अभियान के लिए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए स्वीकृत राशि से कम राशि मिलने के बाद राज्य सरकार ने अपने कोष से समग्र शिक्षा अभियान के लिए 16 सौ करोड़ रुपये स्वीकृत किए हैं। केंद्र सरकार से राशि मिलने के बाद इसका समायोजन कर लिया जाएगा।
मंत्रिमंडल ने सिमरिया धाम के विकास एवं सौंदर्यीकरण से जुड़े जल संसाधन विभाग के प्रस्ताव को भी स्वीकृति दी है। स्वीकृत प्रस्ताव के तहत उत्तर बिहार, खासकर मिथिला वासियों की लोक आस्था के प्रमुख केंद्र सिमरिया धाम (बेगूसराय) में उत्तर वाहिनी गंगा नदी के तट पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए रीवर फ्रंट विकसित किया जाएगा।
रिवर फ्रंट योजना के तहत नदी तट पर पक्की सीढ़ी घाट के निर्माण, कल्पवास मेला क्षेत्र में श्रद्धालुओं के लिए विभिन्न सुविधाओं के विकास एवं सौंदर्यीकरण की योजना शामिल है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नवंबर 2022 में सिमरिया धाम में लगे कल्पवास मेले में भ्रमण कर साधु-संतों का फीडबैक लिया था और क्षेत्र के विकास के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा तैयार कांसेप्ट प्लान की समीक्षा कर विस्तृत योजना बनाने के निर्देश दिये थे।
सिमरिया धाम के विकास की योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिलने पर जहां सिमरिया धाम धार्मिक पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा, वहीं आसपास के क्षेत्र को बाढ़ एवं कटाव से भी सुरक्षा मिलेगी।
इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने 720 बेड वाले चार अनुसूचित जाति एवं जनजाति विद्यालयों के लिए भी बैठक में राशि देने का प्रस्ताव भी स्वीकृत किया है।