बिहार में शराब पीने पर कितना लगेगा जुर्माना, हो गया तय; जेल जाने से बचना है तो करना होगा एक और काम
Bihar Cabinet Decision बिहार में शराबबंदी संधोधन कानून की पूरी तस्वीर अब क्लीयर हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक के दौरान इससे संबंधित नियमों को मंजूरी दी गई। इस दौरान जुर्माना की राशि निर्धारित कर दी गई।
राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar News: बिहार में शराबबंदी संशोधन बिल के कानून का रूप लेने में अब अधिक देर नहीं है। बिहार विधान मंडल के दोनों सदन इसे पहले ही पास कर चुके हैं। राज्यपाल से मंजूरी मिलते ही नया कानून प्रभावी हो जाएगा। इधर, नए कानून के तहत शराब पीते पकड़े जाने वाले लोगों के लिए सजा के मसले पर कंफ्यूजन पूरी तरह दूर हो गया है। ऐसे लोग अब जुर्माना देकर छूट सकते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं होगा कि वे पुलिस और मजिस्ट्रेट के सामने इसकी अकड़ दिखाएंगे। अगर उनका व्यवहार ठीक नहीं रहा, तो उन्हें जेल भी भेजा जा सकता है।
पहली बार शराब पीने पर पांच हजार रुपए तक जुर्माना या जेल
अब पहली बार शराब पीते हुए पकड़े जाने पर आरोपित को दो हजार से पांच हजार रुपये तक जुर्माना भरना होगा। जुर्माने की राशि कितनी होगी, यह कार्यपालक दंडाधिकारी के सामने पेशी में तय होगा। नए कानून का मतलब यह नहीं कि शराब पीने वाले के पास यह अधिकार होगा कि वह सिर्फ जुर्माना भरकर छूट जाए। उसे जेल भी जाना पड़ सकता है।
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दूसरी बार पकड़े गए तो पक्का जाना पड़ेगा जेल
इसके अलावा दूसरी बार शराब पीने पर पकड़े जाने की स्थिति में संबंधित आरोपित को अनिवार्य रूप से एक वर्ष की जेल की सजा का प्रविधान किया गया है। सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में शराबबंदी संशोधन कानून 2022 के तहत जुर्माना राशि और मजिस्ट्रेट के अन्य अधिकारों को अधिसूचित करने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया। बैठक में कुल 14 प्रस्ताव स्वीकृत हुए।
जुर्माना नहीं दिया या असहयोग करने पर भी जेल
मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कैबिनेट के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि शराबबंदी संशोधन कानून के नए प्रविधानों को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। यदि व्यक्ति पहली बार शराब पीकर पकड़ा जाता है तो निर्धारित अर्थदंड देकर छूट सकता है। अर्थदंड नहीं देने या पुलिस की कार्रवाई में सहयोग नहीं करने पर उसे 30 दिन की कारावास की सजा सुनाई जाएगी।
कार्यपालक दंडाधिकारी को मिलेगी शक्ति
शराबबंदी संशोधन कानून 2022 के तहत शराब पीने वालों के सुनवाई करने व सजा का निर्धारण करने की शक्ति कार्यपालक दंडाधिकारी को सौंपी जाएगी। सरकार की ओर से हाईकोर्ट को इस संबंध में एक प्रस्ताव देकर कार्यपालक दंडाधिकारी को सेकेंड क्लास मजिस्ट्रेट की शक्तियां प्रदान करने का आग्रह किया जाएगा। हाईकोर्ट की अनुमति मिलते ही कार्यपालक दंडाधिकारी को यह शक्ति सौंप दी जाएगी।
बीमा राशि का 50 प्रतिशत चुकाने पर छूटेंगे वाहन
शराब के अवैध धंधे में बरामद गाडिय़ों को भी अब जुर्माना देकर छुड़ाया जा सकेगा। इसके लिए गाड़ी की तय बीमा राशि का 50 प्रतिशत तक अर्थदंड जमा करना होगा। इसके बाद जब्त गाड़ी को छोड़ दिया जाएगा। इसके अलावा शराब को अब जब्त करने की जगह उसे घटनास्थल पर ही नष्ट करने का प्रविधान भी नए संशोधन में किया गया है।