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Bihar Legislative Council Election 2020 : सीटें नौ, आखिरी दौर में दोनों खेमों में मचा है घमासान, जानिए

Bihar Legislative Council Election 2020 विधानपरिषद की नौ सीटों के लिए होनेवाले चुनाव के लिए एनडीए और महागठबंधन में उम्मीदवारों को लेकर घमासान मचा है। जानिए किनकी है चर्चा

By Kajal KumariEdited By: Published: Fri, 19 Jun 2020 08:32 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jun 2020 03:54 PM (IST)
Bihar Legislative Council Election 2020 : सीटें नौ, आखिरी दौर में दोनों खेमों में मचा है घमासान, जानिए

राज्य ब्यूरो, पटना। Bihar Legislative Council Election 2020: विधानसभा कोटे की खाली हुई विधान परिषद की नौ सीटों पर चुनाव की उल्टी गिनती शुरू है। नामांकन की प्रक्रिया गुरुवार से शुरू हो जाने के बाद सभी दलों के दावेदारों में आखिरी दौर का घमासान तेज हो गया है। राजद ने अपने प्रत्याशियों के चयन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को अधिकृत कर दिया है।

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राजद के हिस्से में तीन सीटें आने वाली हैं, जबकि उसके सहयोगी दल कांग्रेस को भी एक सीट मिलनी तय है। दूसरी तरफ जदयू एवं भाजपा के खाते में भी पांच सीटें आने वाली हैं। जदयू को तीन और भाजपा को दो सीटें मिलनी हैं। दावेदार अति सक्रिय हो गए हैं। 

राजद में तीन सीटों के लिए कई दावेदार

राजद में तीन सीटों पर पहले तेज प्रताप यादव के नाम पर भी लालू परिवार में विचार किया जा रहा था, किंतु अब कहा जा रहा है कि वह बख्तियारपुर सीट से विधानसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। तेज प्रताप के इन्कार के बाद यह सीट अति पिछड़े को देने पर विचार किया जा रहा है।

पूर्व एमएलसी बादशाह प्रसाद आजाद के भतीजे अशोक चंद्रवंशी का नाम चल रहा है। भूमिहार जाति के अमरेंद्र धारी सिंह को राज्यसभा सदस्य बनाने के बाद सवर्ण कोटे से जगदानंद सिंह का नाम चल रहा है। किंतु सूत्रों का दावा है कि जगदानंद खुद इच्छुक नहीं हैं। ऐसे में उनके बदले उनके पुत्र पुनीत सिंह की लॉटरी लग सकती है। एक सीट अल्पसंख्यक को देना तय माना जा रहा है। इसके लिए दो दावेदारों का नाम चलाया जा रहा है। शिवहर से चुनाव लड़ चुके फैसल अली और एक मुंबई के व्यवसायी दौड़ में हैं। 

कांग्रेस के हिस्से में सीट एक, दावेदार कई

कांग्रेस के हिस्से में वैसे तो एक ही सीट आई है, किंतु दावेदारी की कतार में कई हैं। सूत्रों का दावा है कि तीन नाम पर प्रमुखता से विचार किया जा रहा है। पिछली बार चूंकि प्रेमचंद मिश्रा को भेजकर सवर्ण कोटे का ख्याल रखा गया था। इसलिए इस बार अल्पसंख्यक पर विचार किया जा सकता है।

कौकब कादरी कतार में आगे दिख रहे हैं। हालांकि चुनावी साल है तो समीकरण साधने के हिसाब से डॉ. समीर कुमार सिंह, श्याम सुंदर सिंह धीरज, आनंद माधव और डॉ. अजय कुमार में भी किसी की किस्मत खुल सकती है। वैसे प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मदन मोहन झा कहते हैं कि 20 जून के बाद ही तय होगा कि उम्मीदवार कौन होगा। 

भाजपा में दावेदारों की भीड़ 

भाजपा के हिस्से में दो सीटें हैं। इसके लिए दर्जन भर से ज्यादा दावेदार हैं। पूर्व सांसद जनक राम, राधामोहन शर्मा, प्रदेश महामंत्री देवेश कुमार, प्रवक्ता अरविंद सिंह, प्रदेश उपाध्यक्ष प्रमोद चंद्रवंशी, मुख्यालय प्रभारी सुरेश रुंगटा, अनिल शर्मा और ऋतुराज का नाम चल रहा है। अंतिम मुहर लगाने के लिए अभी कई प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।

अभी तो चुनाव अभियान समिति की बैठक ही नहीं हुई है। उसके बाद संसदीय बोर्ड की बैठक होगी। तभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जा सकेगा। राजग में जदयू के हिस्से में तीन सीटें आनी हैं। अभी जिन नामों की चर्चा है, उनमें मंत्री अशोक चौधरी, संजय सिंह और निखिल मंडल प्रमुख हैं। हालांकि अभी फाइनल नहीं हुआ है। आखिर तक फेरबदल संभव है।


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