बिहार में स्कूलों की छुट्टियों पर ये भ्रम कर लें दूर, शिक्षा विभाग ने बेवजह के सियासी विवाद पर ऐसे लगाया विराम
बिहार में स्कूलों की छुट्टियां पर बढ़ते विवाद को देख शिक्षा विभाग फ्रंट फुट पर आया। शिक्षा विभाग ने बेवजह के सियासी विवाद पर विराम लगा दिया है। शिक्षा विभाग ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा है कि सोशल मीडिया/अखबारों में त्योहारों को लेकर तरह-तरह की भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं लेकिन सच्चाई यह है कि सामान्य विद्यालयों एवं उर्दू विद्यालयों के कैलेंडर अलग-अलग बनाए गए हैं।
डिजिटल डेस्क, पटना। Bihar Holiday Calendar 2024 शिक्षा विभाग ने साल 2024 के लिए हॉलिडे कैलेंडर जारी कर दिया है। हालांकि, छुट्टियों के कैलेंडर को लेकर अब सवाल खड़े होने लगे हैं। बीजेपी सांसद गिरिराज सिंह ने एक्स पर लिखा, "इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ बिहार। नीतीश और लालू सरकार ने स्कूलों में मुस्लिम पर्व की छुट्टी बढ़ाई, हिंदू त्योहारों में छुट्टी की खत्म।" वहीं, अब शिक्षा विभाग ने कैलेंडर पर स्पष्टीकरण दिया है।
स्पष्टीकरण में कहा गया कि शिक्षा विभाग द्वारा वर्ष 2024 के लिए अवकाश तालिका तैयार की गई है। अवकाश तालिका बनाने के पीछे मूल सिद्धांत (Underlying Principle) यह है कि सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा वर्ष 2024 के लिए तय सरकारी अवकाशों को देखकर ही विद्यालयों में भी सभी अवकाश तय किए गए हैं।
सामान्य स्कूलों के जारी कैलेंडर। फोटो- शिक्षा विभाग बिहार
'दो अलग कैलेंडर बनाए गए हैं'
यह जानकारी प्राप्त हुई है कि सोशल मीडिया/अखबारों में त्योहारों को लेकर तरह-तरह की भ्रामक बातें फैलाई जा रही हैं। वस्तुस्थिति यह है कि सामान्य विद्यालयों एवं उर्दू विद्यालयों के कैलेंडर अलग-अलग बनाए गए हैं और दो अलग-अलग अधिसूचनाएं (क्रमशः अधिसूचना संख्या - 2693 एवं अधिसूचना संख्या - 2694) निकाली गई हैं।
संभवतः इसी कारण सोशल मीडिया/मीडिया द्वारा जल्दबाजी में सरकारी अधिसूचनाएं पढ़कर उस पर मंतव्य बना लेने के कारण त्योहारों को लेकर यह भ्रम फैला है।
अल्पसंख्यक स्कूलों के लिए जारी कैलेंडर। फोटो- शिक्षा विभाग बिहार
शिक्षा विभाग ने स्पष्टीकरण में निम्नलिखित बातें भी बताईं-
1. पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष भी कुल छुट्टियों ( 60 दिन) में कोई बदलाव नहीं किया गया है।
2. यह दुष्प्रचार किया जा रहा है कि महापुरुषों की जयंतियों में विद्यालयों में छुट्टी नहीं दी गई है। यह स्पष्ट किया जाता है कि पिछले वर्षों में भी महापुरुषों की जयंतियों के दौरान विद्यालय खुलते रहे हैं और जयंतियां धूमधाम से मनाई गई हैं। उदाहरणार्थ गांधी जयंती परम्परागत रूप से पिछले कई वर्षों में भी विद्यालयों में मनाई जाती रही है।
3. जहां तक अन्य जयंतियाँ यथा सिंह जयंती इत्यादि का प्रश्न है, सम्राट अशोक जयंती, महावीर जयंती, वीर कुंवर तो वे सभी जयंतियां इस वर्ष ग्रीष्म अवकाश के दौरान पड़ रही हैं, अतः उन्हें अलग से नहीं ईंगित किया गया है। यह स्पष्ट किया जाता है कि इन जयंतियों में विद्यालय बंद रहेंगे।
4. ग्रीष्म अवकाश के समय में जो बदलाव किया गया है, वह आगामी लोकसभा चुनाव, 2024 को देखते हुए किया गया है।
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