बिहार के चार बड़े अस्पतालों में बदलने वाली है व्यवस्था, जान लीजिए आम आदमी को कितना पड़ेगा फर्क
Bihar Health News बिहार के चार सरकारी अस्पतालों को स्वायतता देने की तैयारी स्वायतता सोसायटी गठित कर इन अस्पतालों का होगा संचालन लोगों को बेहतर सुविधा दिलाने के उद्देश्य से उठाया जा रहा कदम जानिए आप पर कितना पड़ेगा असर
स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विभाग ने फिलहाल चार प्रमुख अस्पतालों को स्वायतता देने का प्रस्ताव तैयार किया है। इन अस्पतालों को अति विशिष्ट अस्पताल के रूप में स्वायतता दी जाएगी। विभाग ने अब तक जिन अस्पतालों के नाम प्रस्ताव में शामिल किए हैं वे हैं राजेंद्र नगर नेत्र अस्पताल पटना, लोकनायक जयप्रकाश नारायण (एलएनजेसी) अस्पताल राजवंशी नगर, मानसिक आरोग्यशाला कोइलवर, भोजपुर और इंदिरा गांधी हृदय रोग संस्थान पटना। ये संस्थान अपनी सुविधा के अनुसार व्यवस्थाएं बहाल कर सकेंगे। अब तक पूरी तरह मुुुुफ्त सेवा देने वाले इन अस्पतालों की व्यवस्था एम्स और आइजीआइएमएस जैसी हो सकती है।
जिन अस्पतालों को स्वायतता देने का मामला चल रहा है उनकी अपनी विशेषता है। इंदिरा गांधी हृदय रोग बेहतर सरकारी अस्पताल है। जहां हाल ही में बेड की संख्या बढ़ाई गई है और नए भवन टर्न-की बेसिस पर हृदय रोग के सभी इलाज हो रहे हैं। यहां करीब डेढ़ सौ तरह के उपकरण मौजूद हैं। एलएनजेपी अस्पताल हड्डी रोग का विशेष अस्पताल है। इन दिनों इसके विस्तार का काम भी चल रहा है। यहां ट्रामा सेंटर भी है। राजेंद्र नगर नेत्र अस्पताल में आंखों से जुड़े सभी रोगों के इलाज की सुविधा तो है अस्पताल में 106 बेड का निर्माण भी हो चुका है। इसी प्रकार कोइलवर मानसिक आरोग्यशाला में सभी प्रकार के मानसिक रोग और मानसिक स्वास्थ्य संवद्र्धन की सुविधाएं हैं।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य प्रक्षेत्र की सुविधा आम लोगों को बेहतर तरीके से प्राप्त हो सकें इसके लिए इन चार प्रमुख अस्पतालों को स्वायत्त दर्जा देने की तैयारी है। विभाग के सूत्रों ने बताया कि इन अस्पतालों का संचालन और रखरखाव सही प्रकार से हो, दवाओं से लेकर उपकरणों तक की नियमित आपूर्ति रहे और मरीजों को किसी प्रकार की समस्या ना हो, इसके लिए बकायदा स्वायतता सोसायटी गठित होगी। अध्यक्ष निदेशक से लेकर अन्य प्रशासनिक पदों का सृजन किया जाएगा। सूत्रों के अनुसार इस दिशा में कार्य प्रारंभ हो चुका है। मंत्री और विभाग के अपर मुख्य सचिव के अनुमोदन के बाद यह प्रस्ताव मंत्रिमंडल के ध्यानार्थ भेजा जाएगा।