बिहार के विश्वविद्यालयों में होगी अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति, सरकार ने 10 जून तक मांगी रिक्तियां
Government Job in Bihar बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नये नियम से होगी। कुलाधिपति कार्यालय की ओर से इस संबंध में सभी कुलपतियों को निर्देश दिया गया है। इसके लिए सभी विवि से रिक्तियां मंगाई गई हैं।
पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar University Guest Teacher Recruitment Norms: बिहार के सभी विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति नये नियम से होगी। कुलाधिपति कार्यालय की ओर से इस संबंध में सभी कुलपतियों को निर्देश दिया गया है। जिन विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की 11 माह की सेवा पूरी हो चुकी है, वहां नये नये नियम के तहत उनकी सेवा नवीकृत होगी। ऐसे शिक्षकों के कार्य निष्पादन का मूल्यांकन होगा तब उसके आधार पर उनकी सेवा नवीकृत करने पर निर्णय लिया जाएगा।
सभी विवि से 10 जून तक मांगी गई है सूची
अधिकारिक तौर पर मिली जानकारी के मुताबिक कुलाधिपति कार्यालय ने विश्वविद्यालयों से अतिथि शिक्षकों की रिक्तियों की सूची 10 जून तक मांगी है। स्थायी शिक्षकों की कमी से जूझ रहे विश्वविद्यालयों में 11 महीने का कार्यकाल पूरी करने वाले अतिथि शिक्षकों की सेवा नवीकृत करने की प्रक्रिया इसी माह शुरू होगी। विश्वविद्यालयों के स्नातकोत्तर विभागों और अंगीभूत महाविद्यालयों में उन विषयों में शिक्षकों के खाली पदों पर अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति होगी जिसमें स्थायी शिक्षक नहीं हैं।
कुलपति की अध्यक्षता वाली कमेटी करेगी नियुक्ति
राज्य सरकार की ओर से किए गए नये प्रविधान के मुताबिक अतिथि/अंशकालिक शिक्षकों की नियुक्ति या 11 माह बाद उनके कार्य निष्पादन मूल्यांकन के आधार पर सेवा नवीकृत करने हेतु विश्वविद्यालय में एक कमेटी होगी। कमेटी के अध्यक्ष संबंधित विश्वविद्यालय के कुलपति होंगे। कुलपति द्वारा नामित एक संबंधित विषय के विशेषज्ञ, संबंधित संकाय के संकायाध्यक्ष (जहां लागू है), संबंधित विभाग के विभागाध्यक्ष और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, महिला या दिव्यांग श्रेणी के एक शिक्षाविद् सदस्य होंगे।
- विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की नये नियम से होगी नियुक्ति
- अधिकांश विश्वविद्यालयों में अतिथि शिक्षकों की 11 माह की सेवा हो चुकी है पूरी
यूजीसी के निर्देश के आलोक में मानदेय भुगतान
सरकार के नये प्रविधान के तहत अतिथि शिक्षकों को प्रति व्याख्यान 1500 रुपये प्रतिमाह अधिकतम 50 हजार रुपये दिये जाएंगे। यह प्रविधान विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के निर्देश पर राज्य में 13 अप्रैल 2021 के प्रभाव से लागू किया गया है।