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बिहार में 28 हजार भूमिहीन परिवारों को जमीन देगी सरकार, घर बनाने के लिए मिलेगा पांच डिसमिल का भूखंड

बिहार में जमीन नहीं रहने के चलते आवास से वंचित हैं 28 हजार से अधिक परिवार जमीन के लिए अभियान चला रही सरकार पांच डिसमिल जमीन के लिए 60 हजार रुपए खर्च करेगी सरकार खरीद कर जमीन देने की चल रही तैयारी

By Shubh Narayan PathakEdited By: Published: Sun, 04 Apr 2021 08:16 AM (IST)Updated: Sun, 04 Apr 2021 08:16 AM (IST)
बिहार में जमीन के अभाव में गरीबों को नहीं मिल रहा आवास। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

पटना, राज्य ब्यूरो। जमीन के अभाव में गृह विहीन जीवन बसर कर रहे परिवारों को राज्य सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। इन्हें जल्द ही मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय योजना के तहत जमीन दी जाएगी। प्रति परिवार पांच डिसमिल जमीन देने की योजना है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग और ग्रामीण विकास विभाग इसके लिए साझा अभियान चला रहा है। जमीन की जिम्मेवारी राजस्व विभाग की है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर बनाने का जिम्मा ग्रामीण विकास विभाग को दिया गया है। पांच डिसमिल जमीन के लिए राज्य सरकार 60 हजार रुपये खर्च करेगी।

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दोनों विभागों की संयुक्त बैठक के बाद जिलाधिकारियों एवं उप विकास आयुक्तों को पत्र लिखकर कहा गया है कि जल्द से जल्द इस योजना को पूरी करें।

पत्र पर राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अपर मुख्य सचिव विवेक कुमार सिंह और ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव अरविन्द कुमार चौधरी के हस्ताक्षर हैं। नई बात यह है कि जल जीवन हरियाली अभियान के दौरान विस्थापित हुए परिवारों को भी पांच डिसमिल जमीन देने का फैसला किया गया है। आहर, पईन और तालाब की उड़ाही के दौरान भी गरीब परिवार बड़ी संख्या में विस्थापित हो रहे हैं। विस्थापितों के पुनर्वास के लिए राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग अभियान बसेरा चला रहा है।

जमीन देना राज्य की जिम्मेवारी

राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के कार्यान्वयन की जिम्मेवारी ग्रामीण विकास विभाग की है। 2016-17 से जारी इस योजना में आवास के लिए पैसा केंद्र सरकार दे रही है। जमीन उपलब्ध कराने की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है। इसके लिए 2018-19 में मुख्यमंत्री वास स्थल क्रय योजना शुरू की गई। इस समय 28 हजार से अधिक परिवार हैं, जिनके नाम प्रधानमंत्री आवास योजना में हैं, लेकिन जमीन न रहने के कारण आवास का निर्माण नहीं हो रहा है। दोनों विभागों की बैठक में तय हुआ कि सबसे पहले इस सूची के भूमिहीन परिवारों के लिए जमीन की व्यवस्था की जाए।

इस तरह मिलेगी जमीन

जमीन देने की दो नीति पहले से है। 1947 के काश्तकारी अधिनियम के तहत भूमिहीनों के लिए वास का पर्चा देने की नीति है। वैसे, परिवार जिन्हें इस अधिनियम के तहत जमीन नहीं दी जा सकती है, उनके लिए अलग से नियम है। तीसरी व्यवस्था खरीद कर जमीन देने की है। इसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लागू किया। इस  योजना के तहत एमवीआर दर पर पांच डिसमिल जमीन खरीद कर देने का नियम है। 


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