Move to Jagran APP

बिहार में सड़क परियोजनाओं के लिए दूर होगी जमीन अधिग्रहण की अड़चन, बनकर तैयार है प्‍लान

Bihar News सड़क के लिए जमीन अधिग्रहण की मॉनीटरिंग का पुराना सिस्टम पुन शुरू होगा मुख्यसचिव के स्तर पर नियमित रूप से होगी समीक्षा न्यायालय में चल गए जमीन अधिग्रहण मामले की भी मॉनीटरिंग जमीन की प्रकृति तय होने की वजह से अटक गए मसलों की भी समीक्षा

By Shubh NpathakEdited By: Published: Sun, 20 Dec 2020 04:35 PM (IST)Updated: Sun, 20 Dec 2020 04:35 PM (IST)
बिहार में सड़क परियोजनाओं के लिए दूर होगी जमीन अधिग्रहण की अड़चन, बनकर तैयार है प्‍लान
सड़क परियोजनाओं के लिए अब नहीं होगी जमीन की कमी। प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

राज्य ब्यूरो, पटना। Land acquisition for Road in Bihar: सड़क को ले जमीन अधिग्रहण की मॉनीटरिंग का पुराना सिस्टम अब पुन: शुरू होगा। पथ निर्माण विभाग उन सड़कों का ब्योरा अपडेट कर रहा है, जिनके लिए सड़क अधिग्रहण का मामला लंबी अवधि से अटका पड़ा है। मुख्य सचिव के स्तर पर अब इसकी नियमित मॉनीटरिंग के लिए समीक्षा बैठक होगी। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के अधिकारी भी मॉनीटरिंग तंत्र में शामिल रहेंगे।

loksabha election banner

राष्‍ट्रीय राजमार्ग की 22 परियोजनाओं में जमीन की बाधा

पथ निर्माण विभाग द्वारा उन सड़क परियोजनाओंं की सूची तैयार की जा रही है, जो पांच वर्षों से अधिक समय से लंबित हैं। उनके लंबित होने के मूल में जमीन अधिग्रहण बड़ी समस्या है। इस वजह सड़क की लागत भी बढ़ गयी है। मुख्यमंत्री के स्तर पर इस बाबत जल्द ही एक प्रेजेंटेशन भी होना है। पटना उच्च न्यायालय में हाल ही में एनएचएआई ने 22 ऐसी सड़क परियोजनाओं की सूची दी थी, जिनके लिए जमीन अधिग्रहण नहीं होने की वजह से निर्माण कार्य बाधित है।

तलाशे जा रहे जमीन अधिग्रहण में पेंच फंसने के कारण

पथ निर्माण विभाग के स्तर तैयार हो रही रिपोर्ट में यह बात भी सामने आ रही है कि बहुत से मामलों में जमीन अधिग्रहण के लिए जो मुआवजा दिया जाना है उसका वितरण नहीं हो पा रहा है। ऐसे में जमीन निर्माण एजेंसी के कब्जे में नहीं आ रही। बहुत जगहों पर मामला मुआवजे की दर की वजह से फंसा है। जमीन मालिक रिहायशी जमीन को आधार मानकर मुआवजे की बात कर रहे जबकि उनके मुआवजे की दर कृषि जमीन के आधार पर तय हुई है।

न्‍यायालय में विवाद वाले मामलों पर अलग से रहेगा ध्‍यान

ऐसे मामलों की भी सूची तैयार की जा रही जिनके लिए मुआवजे की राशि का वितरण नहीं हो रहा। कई मामले इस तरह के भी हैैं जिनमें आधी सड़क बन गयी है पर शेष सड़क इसलिए नहीं बन पा रही कि जमीन अधिग्रहण अभी शेष है। पथ निर्माण विभाग के संबंधित अधिकारियों ने कहा कि कुछ मामले ऐसे भी हैं, जिसमें जमीन अधिग्रहण के मसले पर कुछ लोग न्यायालय की शरण में चले गए। ऐसे में मामला बीच में ही अटक गया। इस तरह की सड़कों की सूची अलग से तैयार हो रही है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.